COVID-19: स्वास्थ्यकर्मियों को संक्रमण से बचाने के लिए मोदी सरकार ने प्राइवेट कंपनियों को जरूरी उपकरण बनाने के दिए गए निर्देश
By भाषा | Published: March 30, 2020 05:56 AM2020-03-30T05:56:35+5:302020-03-30T05:56:35+5:30
COVID-19: स्वास्थ्य मंत्रालय के संयुक्त सचिव लव अग्रवाल ने रविवार को बताया कि इन कंपनियों को कोरोना के इलाज में चिकित्साकर्मियों द्वारा इस्तेमाल किये जाने वाले चश्मे, मास्क, दस्ताने, गाउन और सिर एवं जूता ढंकने वाले कवर आदि बनाने को कहा गया है।
नई दिल्लीः सरकार ने निजी क्षेत्र की कंपनियों से कहा है कि कोरोना वायरस से संक्रमितों के इलाज में लगे चिकित्साकर्मियों को संक्रमण से बचाने के लिये इस्तेमाल होने वाले जरूरी उपकरणों का उत्पादन तेज कर इनकी यथाशीघ्र आपूर्ति करें। स्वास्थ्य मंत्रालय ने निजी क्षेत्र की दस कंपनियों को चिकित्साकर्मियों द्वारा इस्तेमाल किये जाने वाले अनिवार्य सुरक्षा उपकरणों (पीपीई) का उत्पादन एवं आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिये कहा है।
स्वास्थ्य मंत्रालय के संयुक्त सचिव लव अग्रवाल ने रविवार को बताया कि इन कंपनियों को कोरोना के इलाज में चिकित्साकर्मियों द्वारा इस्तेमाल किये जाने वाले चश्मे, मास्क, दस्ताने, गाउन और सिर एवं जूता ढंकने वाले कवर आदि बनाने को कहा गया है। उन्होंने कहा कि इस मामले में वस्त्र मंत्रालय विनिर्माण कंपनियों और इससे जुड़े तकनीकी विशेषज्ञों के साथ कई दौर की बैठक हो चुकी है, जिससे इन उपकरणों के बेहतर डिजायन को तय कर इनका निर्माण तेज किया जा सके।
उन्होंने बताया कि इनकी जरूरत को देखते हुये विश्व स्वास्थ्य संगठन के दिशानिर्देशों के मुताबिक पीपीई संबंधी दिशानिर्देशों में आवश्यक संशोधन किया गया है। इन उपकरणों के निर्माण के लिये दस कंपनियों को चिन्हित कर लिया गया है और इनमें से कुछ विनिर्माण इकाइयों में निर्माण कार्य भी शुरु हो गया है।
अग्रवाल ने बताया कि इन उपकरणों का विदेश से भी आयात किया जायेगा। इस बीच, मंत्रालय ने कोरोना वायरस से संक्रमित या संदिग्ध मरीजों का इलाज करने और इन्हें चिकित्सा केन्द्रों तक पहुंचाने संबंधी प्रक्रियागत मानक (एसओपी) भी जारी कर दिये। मंत्रालय की ओर से जारी मानकों के अनुसार मरीजों को लाने-ले जाने के लिये एंबुलेंस के चालकों और तकनीकी कर्मियों को प्रशिक्षण देना अनिवार्य होगा।
मानकों के अनुसार, आदर्श स्थिति तो यह होगी कि कोरोना के मरीजों के लिये पृथक एंबुलेंस लगायी जाये। गौरतलब है कि मौजूदा व्यवस्था में दो तरह की एंबुलेंस (वेंटिलेटर युक्त और बिना वेंटिलेटर वाली) इस्तेमाल में लायी जाती है। राज्यों को बिना वेंटिलेटर युक्त एंबुलेंस में जरूरी उपकरण लगाकर कोरोना के मरीजों को लाने-ले जाने की इजाजत दी गयी है।
दिशानिर्देश में गर्भवती महिलाओं को अस्पताल ले जाने के लिये निर्दिष्ट सेवा ‘102 एंबुलेंस’ की एंबुलेंस का इस्तेमाल कोरोना मरीजों के लिये करने से साफ तौर पर मना किया गया है। इसके अलावा एंबुलेंस में तैनात होने वाले चिकित्साकर्मियों के लिये पीपीई के इस्तेमाल की अनिवार्यता को भी दिशानिर्देशों में शामिल किया गया है।