Covid-19: कोरोना को रोकने के लिए ये है PM मोदी का प्लान, मामलों के मद्देनजर बन सकते हैं रेड, ऑरेंज और ग्रीन स्पॉट
By स्वाति सिंह | Updated: April 12, 2020 10:24 IST2020-04-12T10:24:49+5:302020-04-12T10:24:49+5:30
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक देश में कोरोना वायरस संक्रमण के कारण मरने वालों का आंकड़ा रविवार को बढ़कर 273 पहुंच गया जबकि संक्रमित लोगों की संख्या 8356 पहुंच गई। मंत्रालय ने कहा कि कोविड-19 से फिलहाल संक्रमित मरीजों की संख्या 7367 है क्योंकि 716 लोगों को ठीक होने के बाद अस्पताल से छुट्टी दी जा चुकी है जबकि एक व्यक्ति विदेश चला गया था। संक्रमित लोगों में से 71 विदेशी हैं।

PM मोदी ने यह भी कहा कि यह संकट आत्मनिर्भर बनने और राष्ट्र को आर्थिक महाशक्ति बनाने का अवसर है।
नयी दिल्ली: भारत में बीते 24 घंटे के दौरान कोरोना वायरस संक्रमण के एक हजार से अधिक नये मामले सामने आने के बाद राष्ट्रव्यापी लॉकडाउन का दो और सप्ताह यानी अप्रैल के अंत तक के लिये बढ़ना तय माना जा रहा है। शनिवार को राज्यों के बीच इस बात को लेकर सहमति भी बन गई है।
देश में कोरोना वायरस से संक्रमित लोगों की संख्या 8,300 के पार हो गई है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने राज्य सरकारों को लॉकडाउन के उल्लंघन को नियंत्रित करने के लिये कदम उठाने और लोगों के समाजिक मेल जोल से दूरी सुनिश्चित करने के लिये कहा है। उन्होंने 'जान है तो जहां है' कि जगह अब 'जान भी, जहान भी' पर ध्यान केन्द्रित करने की घोषणा की जिसे कई लोग उद्योग तथा कृषि समेत विभिन्न आर्थिक गतिविधियों के लिये लॉकडाउन में छूट के संकेत के तौर पर भी देख रहे हैं। मोदी ने मुख्यमंत्रियों से कहा कि कोरोना वायरस से बचाव की दृष्टि ये अगले तीन-चार सप्ताह काफी महत्वपूर्ण होने वाले हैं।
हिंदुस्तान टाइम्स में छपी रिपोर्ट के मुताबिक, सूत्रों का कहना है कि 14 अप्रैल के बाद बढ़ने जा रहे दूसरे चरण के लॉकडाउन के दौरान देश को कोरोना वायरस के खतरे के मद्देनजर रेड, यलो और ग्रीन सेक्टर में बांटा जा सकता है। जहां एक भी केस नहीं होगा उसे ग्रीन जोन में रख सकते हैं, वहीं जहां पर ज्यादा केसेज आएं हैं उसे रेड और कम खतरे वाले जिलों को यलो जोन में रख सकते हैं।
रेड जोन में पूरी तरह लॉकडाउन रहेगा तो ग्रीन जोन में कुछ ढील दी जा सकती है। जैसे बाहर से आने वालों पर रोक लगाते हुए वहां स्थानीय रोजगार की गतिविधियां पहले की तरह चलती रहने की छूट दी सकती है। ग्रीन जोन वाले जिलों के सरकारी दफ्तरों में पहले की तरह काम शुरू करने की व्यवस्था हो सकती है।
ग्रीन और ऑरेंज जोन में खेती से जुड़े काम को कुछ नियमों के साथ छूट मिल सकती है। वहीं एक लिमिट में हवाई, ट्रेन सफर की छूट भी मिल सकती है। दिल्ली जैसे शहरों में मेट्रो सर्विस भी चालू की जा सकती है। लेकिन यात्रियों की संख्या को सीमित रखने पर विचार हो रहा है।
संवाद के दौरान कई मुख्यमंत्रियों ने वायरस से निपटने के लिये केन्द्र सरकार की ओर से वित्तीय राहत की मांग की जबकि मोदी ने देश को स्वस्थ रहने और समृद्ध बनाने में मदद करने वास्ते किसानों की मदद के लिए कृषि उपज के प्रत्यक्ष विपणन को प्रोत्साहित करने समेत कई उपाय सुझाए। वहीं पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा कि राज्यों ने 10 लाख करोड़ रुपये के पैकेज की मांग की है।
मोदी ने यह भी कहा कि यह संकट आत्मनिर्भर बनने और राष्ट्र को आर्थिक महाशक्ति बनाने का अवसर है। ओडिशा और पंजाब के बाद आधिकारिक तौर पर लॉकडाउन को बढाने की घोषणा करने वाला महाराष्ट्र इस बात को लेकर बिल्कुल स्पष्ट दिखा कि वायरस के हॉटस्पॉट के तौर पर चिन्हित किये गए इलाकों में कड़ी पांबदियां लगाई जाएं जबकि जो इलाके प्रभावित नहीं हैं उनमें छूट दी जाए। इससे अलग सूत्रों ने कहा कि सोमवार से सभी केन्द्रीय मंत्रियों को अपने-अपने कार्यालयों से कामकाज शुरू करने और लॉकडाउन के बाद अर्थव्यवस्था को गति देने की योजना बनाने के लिये कहा गया है। सूत्रों ने शनिवार को कहा कि सभी मंत्रियों से कहा गया है कि संयुक्त सचिव और उससे ऊपर की रैंक के अधिकारी अपने अपने विभागों में काम शुरू करें। इसके अलावा प्रत्येक मंत्रालय में आवश्यक कर्मचारियों के एक तिहाई सदस्यों का उपस्थित होना जरूरी है। वहीं सरकारी अधिकारियों ने कहा कि लॉकडाउन के दूसरे चरण के लिये दिशा-निर्देश अगले कुछ दिनों में घोषित कर दिये जाएं।
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय कहा कि यदि भारत ने कोरोना वायरस संक्रमण को फैलने से रोकने के लिये लॉकडाउन और अन्य कदम नहीं उठाये होते तो 15 अप्रैल तक देश में संक्रमण के मामले बढ़ कर 8.2 लाख तक पहुंच सकते थे। स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक पिछले 24 घंटे में देश भर में कोविड-19 के 1,035 नये मामले सामने आये हैं और 40 लोगों की मौत हुई है। इस तरह, देश भर में संक्रमित लोगों की कुल संख्या बढ़ कर 7,529 पहुंच गई और अब तक 242 मौत दर्ज की गई है। हालांकि विभिन्न राज्यों से रात नौ बजे तक प्राप्त आंकड़ों पर आधारित पीटीआई की तालिका के मुताबिक देश भर में कम से कम 8,320 लोग संक्रमण की चपेट में हैं और कम से कम 287 लोगों की मौत हुई है।
अब तक 800 से अधिक लोगों ठीक होकर घर जा चुके हैं। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के आंकड़ों और विभिन्न राज्यों के आंकड़ों में अंतर है। अधिकारी इसके पीछे प्रक्रियात्मक देरी को वजह बता रहे हैं जो इसे लेकर हो रही है कि कौन सा मामला किस राज्य से जुड़ा है। मोदी के मुख्यमंत्रियों के साथ संवाद में शिरकत करने के बाद महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने ऐलान किया कि लॉकडाउन 30 अप्रैल तक बढ़ा दिया गया है। उन्होंने कहा कि कुछ क्षेत्रों में लॉकडाउन में ढील दी जा सकती है जबकि कुछ क्षेत्रों में उसे और कड़ा किया जाएगा। राज्य के स्वास्थ्य मंत्री राजेश टोपे ने कहा कि अगर नियमों का सही ढंग से पालन नहीं किया गया तो लॉकडाउन को अप्रैल से आगे भी बढ़ाया जा सकता है।
प्रधानमंत्री कार्यालय के एक बयान के अनुसार, मोदी ने कृषि उपज की बिक्री की सुविधा के लिए एपीएमसी (कृषि उपज बाजार समिति) कानूनों में संशोधन सहित कृषि और संबद्ध क्षेत्र के लिए विशिष्ट उपाय सुझाए। उन्होंने हाल ही में लॉन्च किए गए 'आरोग्य सेतु' ऐप का भी जिक्र किया - जो किसी व्यक्ति को यह बता सकता है कि क्या वह किसी संक्रमित व्यक्ति या क्षेत्र के करीब तो नहीं है। मोदी ने इस ऐप को कोविड-19 से निपटने के लिये एक जरूरी हथियार बताया। मोदी ने पूर्वोत्तर और कश्मीर के छात्रों और स्वास्थ्य पेशेवरों के साथ दुर्व्यवहार की घटनाओं पर भी निंदा की। उन्होंने यह भी कहा कि पहली पंक्ति में खड़े सभी पेशवरों के लिये सुरक्षात्मक और महत्वपूर्ण उपकरणों की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए उपाय किए जा रहे हैं। मोदी ने कहा, ‘‘लॉकडाउन की घोषणा करते हुए मैंने कहा था, ‘‘जान है तो जहान है। देश के अधिकतर लोगों ने इसे समझा और घरों के भीतर रहने की जिम्मेदारी का पालन किया। और अब दोनों आयामों पर ध्यान देने की जरूरत है, ‘‘जान भी, जहान भी’ जो भारत के ‘‘उज्ज्वल भविष्य, समृद्धि एवं स्वस्थ भारत’’ के लिए जरूरी है।’’