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ICMR ने मोदी सरकार से कहा- कोरोना से बचाव के लिए लॉकडाउन जारी रखें, बुजुर्ग, गर्भवती महिलाएं और छोटे बच्चे हैं हाई रिस्क पर

By एसके गुप्ता | Updated: June 12, 2020 05:51 IST

Coronavirus: आईसीएमआर के डीजी डा. बलराम भार्गव ने गुरूवार को स्वास्थ्य मंत्रालय की प्रेसवार्ता में कहा कि टेस्ट से पता चलता है कि आप वायरस के शिकार हुए थे या नहीं।

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ठळक मुद्देदेश के 83 जिलो में 26400 लोगों पर सिरोलॉजिकल सर्वे कर उनका एंटी बॉडी टेस्ट किया है। इसके आधार पर आईसीएमआर ने केंद्र सरकार से सिफारिश की है कि कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए लॉकडाउन जारी रखा जाए। 

इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (आईसीएमआर) ने देश में कोरोना संक्रमण का फैलाव और लोगों में कोरोना से लड़ने की क्षमता का आंकलन करने के लिए देश के 83 जिलो में 26400 लोगों पर सिरोलॉजिकल सर्वे कर उनका एंटी बॉडी टेस्ट किया है। जिसके आधार पर आईसीएमआर ने केंद्र सरकार से सिफारिश की है कि कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए लॉकडाउन जारी रखा जाए। 

इस सर्वे के लिए पुणे स्थित नेशनल इंस्‍टीट्यूट ऑफ वायरॉलजी (एनआईवी) की बनाई कोविड कवच एलिसा किट्स का इस्‍तेमाल किया गया। जिससे शरीर में वायरस से लडने के लिए ऐंटीबॉडीज का पता चलता है। आईसीएमआर के महानिदेशक डा. बलराम भार्गव ने कहा कि सर्वे से यह साबित होता है कि अभी कई महीने तक हमें कोरोना से लड़ना होगा। कोरोना बुजुर्गों, गर्भवती महिलाओं और दस साल से कम उम्र के बच्चों के लिए हाई रिस्क है।

टेस्ट से पता चलता है कि कोरोना हुआ है या नहींः आईसीएमआर

आईसीएमआर के डीजी डा. बलराम भार्गव ने गुरूवार को स्वास्थ्य मंत्रालय की प्रेसवार्ता में कहा कि टेस्ट से पता चलता है कि आप वायरस के शिकार हुए थे या नहीं। ऐंटीबॉडीज दरअसल वो प्रोटीन्‍स हैं जो इन्‍फेक्‍शंस से लड़ने में मदद करती हैं। हाटस्पॉट शहरों की एक-तिहाई आबादी में संक्रमण फैला था। यह मरीज खुद-ब-खुद रिकवर हो गए। उनके शरीर से ऐंटीबॉडीज मिली हैं। कई कंटेनमेंट क्षेत्र में संक्रमण का फैलाव वहां मिले कोरोना पॉजिटिव केस की तुलना में 100 से 200 गुना ज्‍यादा है। इनमें मुंबई, दिल्‍ली, अहमदाबाद और इंदौर जैसे शहर हैं। यानी जो केसेज रिपोर्ट हो रहे हैं, असल में कोरोना उससे कहीं ज्‍यादा आबादी में फैल है।

कंटेनमेंट क्षेत्र में 15 से 30 फीसदी आबादी संक्रमित 

नीति आयोग के सदस्य और इम्पावर्ड कमेटी के चेयरमैन डा. वीके पॉलने कहा कि यह सर्वे मई माह के तीसरे सप्ताह का है। इसलिए यह मानकर चला जाए कि लॉकडाउन के पांच सप्ताह बाद यानि 30 अप्रैल तक लोगों में फैले संक्रमण के बाद उनके शरीर में एंटी बॉडी की स्थिति का आंकलन इस सर्वे से किया गया है। सर्वे टेस्ट से यह भी स्पष्ट हुआ है कि कुछ लोगों की इम्युनिटी क्षमता अच्छी होने के कारण एक तिहाई लोगों ने कोरोना संक्रमण से अपने आप ठीक हो गए। आईसीएमआर ने पाया कि हाई केसलोड वाले जिलों के कई कंटेनमेंट क्षेत्र में 15 से 30 फीसदी आबादी संक्रमित हो चुकी है। यह स्थिति गंभीर है और चिंता जनक है।

केंद्रीय सवास्थ्य मंत्रालय के संयुक्त सचिव लव अग्रवाल ने कहा कि देश में एक्टीव कोरोना संक्रमितों की संख्या से ज्यादा कोरोना रोगी ठीक हो चुके हैं। अन्य देशों की तुलना में भारत में मृत्युदर बहुत कम है। देश में एक लाख लोगों पर 0.59 मृत्युदर है।

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