आरोप: कोरोना वायरस से संक्रमित मरीज के पास करीब नौ घंटे बाद पहुंची एंबुलेंस, पूरी रात नहीं मिला खाना

By भाषा | Updated: May 2, 2020 13:27 IST2020-05-02T13:27:52+5:302020-05-02T13:27:52+5:30

दिल्ली में कोरोना पॉजिटिव पाए गए व्यक्ति के परिजनों ने आरोप लगाया है कि सभी लोग एहतियात के तौर पर अपने घर में कैद हैं. लेकिन दो दिन बीतने के बाद अभी तक न उनकी कोई जांच हुई है और न ही किसी अधिकारी की तरफ से कोई संपर्क किया गया है.

covid 19 Ambulance reached Corona virus-infected patient after about nine hours, did not get food all night | आरोप: कोरोना वायरस से संक्रमित मरीज के पास करीब नौ घंटे बाद पहुंची एंबुलेंस, पूरी रात नहीं मिला खाना

लोकमत फाइल फोटो

Highlightsबघेल परिवार का आरोप है कि उनके पिता को एलएनजेपी अस्पताल में बिस्तर न मिलने के कारण करीब चार-पांच घंटे बैठाकर रखा गया और खाना भी नहीं दियादिल्ली में कोरोना वायरस के 3700 से ज्यादा मामले सामने आए हैं और 61 लोगों की मौत हुई है

स्थानीय प्रशासन के तमाम दावों के बावजूद कोरोना वायरस से प्रभावित लोगों की मुश्किलें कम नहीं हो रहीं। रोहिणी के विजय विहार इलाके में रहने वाले 54 वर्षीय एक व्यक्ति के कोरोना संक्रमित पाए जाने के बाद उसे और उसके परिवार को जिस तरह की मुश्किलों का सामना करना पड़ा, वह सरकार के दावों की पोल खोलने के लिए पर्याप्त है। विजय विहार में रहने वाले बघेल परिवार को उनके एक वरिष्ठ सदस्य के कोरोना संक्रमित होने का पता बुधवार की सुबह चला। कोरोना के खौफ के अलावा परिवार को जांच रिपोर्ट के परिणाम पर आश्चर्य इस बात का था कि संक्रमित सदस्य टायफाइड के इलाज के लिए नजदीक के सरकारी अस्पताल में भर्ती था।

उनके बेटे ऋषिकेष बघेल (33) के मुताबिक ‘‘उन्हें 25 अप्रैल को टायफाइड के इलाज के लिए जयपुर गोल्डन अस्पताल में भर्ती किया गया था। अस्पताल ने दो दिन बाद अचानक उन्हें छुट्टी देते हुए उन्हें किसी सरकारी अस्पताल से कोरोना वायरस की जांच कराने को कहा।’’ ऋषिकेश ने कहा कि ‘‘जब हम अपने पिता को लेकर डॉ. बाबा साहेब अम्बेडकर अस्पताल पहुंचे तो पाया कि वह कोरोना वायरस के कुछ मामले आने के बाद से बंद है। इसके बाद उन्हें एक निजी लैब से जांच करानी पड़ी, जिसकी रिपोर्ट 30 अप्रैल की सुबह आई जिसमें उनके पिता के कोरोना वायरस से संक्रमित होने की पुष्टि हुई।’’

उन्होंने बताया कि जांच रिपोर्ट देखकर पूरा परिवार सकते में आ गया, क्योंकि उनके पिता अस्पताल के अलावा कहीं गए ही नहीं थे। बघेल ने कहा, ‘‘हमने एम्बुलेंस को फोन किया लेकिन कर्मियों ने मामले बहुत ज्यादा होने का हवाला देते हुए तुरंत गाड़ी भेजने से मना कर दिया।’’ उन्होंने कहा कि कई जगह शिकायत करने और मदद के लिए गुहार के करीब नौ घंटे बाद एंबुलेंस आई। बघेल का आरोप है कि उनके पिता को ‘‘शाम को एलएनजेपी अस्पताल ले जाया गया लेकिन बिस्तर न मिलने के कारण करीब चार-पांच घंटे बैठाकर रखा गया और खाना भी नहीं दिया। उन्हें अगले दिन सुबह नौ बजे के करीब चाय दी गई और तब तक उनका कोई इलाज शुरू नहीं किया गया।’’

उन्होंने शिकायत की कि बड़ी-बड़ी सुविधाओं से लैस होने का दावा करने वाली राष्ट्रीय राजधानी में वैश्विक महामारी के दौरान हालात ऐसे हैं कि उन्हें घर में रहने और जांच के बारे में कोई दिशा-निर्देश नहीं दिए गए और न ही किसी अधिकारी ने उनके परिवार की सुध ली। बेटे ने बताया कि स्थानीय निगम पार्षद ने उनके घर को संक्रमणमुक्त कराया। उन्होंने कहा कि परिवार में कुल 11 सदस्य हैं जिनमें से तीन बच्चे हैं। बघेल ने बताया कि, उनके पिता का इलाज अब शुरू हो गया है और उनकी हालत में पहले से सुधार है। 

Web Title: covid 19 Ambulance reached Corona virus-infected patient after about nine hours, did not get food all night

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