न्यायालय रियल्टी ग्राहकों का संरक्षण देने की मांग करने वाली याचिका पर सोमवार को सुनवाई करेगा
By भाषा | Updated: October 3, 2021 22:14 IST2021-10-03T22:14:50+5:302021-10-03T22:14:50+5:30

न्यायालय रियल्टी ग्राहकों का संरक्षण देने की मांग करने वाली याचिका पर सोमवार को सुनवाई करेगा
नयी दिल्ली, तीन अक्टूबर रियल्टी ग्राहकों का संरक्षण करने एवं रियल एस्टेट नियामक प्राधिकरण (रेरा) अधिनियम, 2016 के अनुरूप रियल्टी क्षेत्र में पारदर्शिता लाने को लेकर बिल्डरों और एजेंट खरीददारों के लिए ‘मॉडल’ समझौता तैयार करने के वास्ते केंद्र को निर्देश देने की मांग करने वाली एक जनहित याचिका पर उच्चतम न्यायालय के सोमवार को सुनवाई करने का कार्यक्रम है।
याचिका, न्यायमूर्ति डी वाई चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति बी वी नागरत्न के समक्ष सुनवाई के लिए सूचीबद्ध है।
याचिका, अधिवक्ता एवं भारतीय जनता पार्टी के नेता अश्विनी उपाध्याय ने दायर की है। इसके जरिए सभी राज्यों को ‘मॉडल बिल्डर बायर एग्रीमेंट’ और ‘मॉडल एजेंट बायर एग्रीमेंट’ लागू करने तथा ग्राहकों के लिए ‘मानसिक, शारीरिक और वित्तीय आघात’ को टालने के लिए निर्देश देने का अनुरोध किया गया है।
याचिका में कहा गया है, ‘‘प्रवर्तक, बिल्डर और एजेंट मुख्य रूप से मनमाना व एकतरफा समझौते का उपयोग करते हैं, जो संविधान के अनुच्छेद 14,15,21 का उल्लंघन करता है। ’’
अधिवक्ता अश्विनी कुमार दुबे के मार्फत दायर याचिका में कहा गया है कि मकान या फ्लैट का कब्जा मिलने में अत्यधिक देर होने के चलते रियल एस्टेट ग्राहक न सिर्फ मानसिक व वित्तीय आघात का सामना कर रहे हैं, बल्कि जीवन और आजीविका के उनके अधिकारों का भी गंभीर उल्लंघन हुआ है।
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