बिहार में 27 वर्ष पूर्व हुए नरसंहार मामले में कोर्ट का फैसला, 14 लोगों को उम्रकैद की सजा
By एस पी सिन्हा | Published: April 12, 2023 04:37 PM2023-04-12T16:37:08+5:302023-04-12T16:47:24+5:30
अदालत के द्वारा जिन लोगों को सजा सुनाई है है, उनमें प्रतिबंधित नक्सली संगठन के धनंजय यादव, वृंदा यादव, सुशील कुमार, मिथिलेश यादव, विपिन यादव राजेंद्र यादव, रामकृष्ण यादव, बैजनाथ यादव, अजय यादव, चंद्र घोष यादव दया सिंह उपेंद्र यादव नरेश यादव तथा नागेंद्र यादव समेत 14 लोग शामिल हैं।
पटना: बिहार में अरवल जिले के केयाल में हुए नरसंहार के मामले में कोर्ट ने 14 लोगों को उम्रकैद की सजा सुनाई है। इस घटना का अंजाम करीब 27 वर्ष दिया गया था, जिसमें 4 लोगों की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी, जबकि एक अन्य को जख्मी कर दिया गया था।
इस मामले में बुधवार को सुनवाई पूरी हुई। इसके उपरांत जहानाबाद व्यवहार न्यायालय के एडीजे 2 जावेद अहमद खान की अदालत ने सजा सुनाई।
अदालत के द्वारा जिन लोगों को सजा सुनाई है है, उनमें प्रतिबंधित नक्सली संगठन के धनंजय यादव, वृंदा यादव, सुशील कुमार, मिथिलेश यादव, विपिन यादव राजेंद्र यादव, रामकृष्ण यादव, बैजनाथ यादव, अजय यादव, चंद्र घोष यादव दया सिंह उपेंद्र यादव नरेश यादव तथा नागेंद्र यादव समेत 14 लोग शामिल हैं, जिन्हे उम्र कैद की सजा दी गई है।
वहीं, साक्ष्य के अभाव में 6 लोगों को रिहा किया गया है। बता दें कि इस मामले में अरवल जिला अंतर्गत करपी थाना क्षेत्र के केयाल गांव निवासी शिवनारायण सिंह ने 30-40 अज्ञात प्रतिबंधित संगठन के लोगों को आरोपित करते हुए करपी थाना में कांड संख्या 68/96 दर्ज कराया था।
दर्ज प्राथमिकी में सूचक ने आरोप लगाया था की गांव के ही कुछ लोग सिंचाई को लेकर आहर में पानी जमा किए थे जिसे असाढी गांव के लोग काटकर बहा दिया करते थे। जिसकी निगरानी के लिए केयाल गांव के लोगों ने निगरानी दल का गठन किया था।
8 अगस्त 1996 को निगरानी दल के भरत सिंह, मंगल सिंह, रामनिवास सिंह, नवलेश सिंह, प्रमोद कुमार, भोला सिंह कारू, कुर्मी गंगु कुर्मी समेत कई लोग खाना खाकर बांध के समीप झोपड़ी में बैठकर बातचीत कर रहे थे।
तभी इसी दौरान मध्य रात्रि के करीब 30 से 40 की संख्या में हथियार से लैस आए अपराधियों ने झोपड़ी को घेर लिया और उपस्थित लोगों के साथ लाठी डंडे से मारपीट करने लगे।
साथ ही गोली चलाकर भरत सिंह, मंगल सिंह, रामविलास सिंह और नॉलेश सिंह की हत्या कर दी। जबकि प्रमोद कुमार को गोली मारकर जख्मी कर दिया था। इसी मामले में सभी दोषियों को उम्र कैद की सजा सुनाई गई।