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न्यायालय ने बंगाल में पत्रकारों के खिलाफ दर्ज नयी प्राथमिकी को लेकर आगे की कार्यवाही पर रोक लगायी

By भाषा | Updated: September 5, 2021 19:19 IST

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उच्चतम न्यायालय ने एक समाचार पोर्टल के संपादकों समेत कुछ लोगों के खिलाफ पश्चिम बंगाल में उनके द्वारा प्रकाशित लेखों के संबंध में दर्ज नयी प्राथमिकी को लेकर आगे की कार्यवाही पर रोक लगा दी है।शीर्ष अदालत ने अंग्रेजी भाषा के पोर्टल 'ऑपइंडिया डॉट कॉम' की संपादक नूपुर जे शर्मा, इसके संस्थापक और सीईओ सहित अन्य को पिछले साल के एक अंतरिम आदेश में दिए गए संरक्षण को पूर्ण रूप प्रदान किया है। नयी प्राथमिकी पर सुनवाई करते हुए न्यायमूर्ति संजय किशन कौल और न्यायमूर्ति एम एम सुंदरेश की पीठ ने कहा, '' भद्रेश्वर पुलिस थाने में दर्ज प्राथमिकी पर आगे की कार्यवाही पर रोक रहेगी।'' पीठ ने कहा कि पिछले साल दायर की गई मुख्य रिट याचिका में 26 जून, 2020 को पारित अंतरिम आदेश को पूर्ण किया जाता है और मामले की अगली सुनवाई नवंबर में होगी। पीठ ने तीन सितंबर को दिये गए अपने आदेश में कहा, '' अंतरिम आदेश पूर्ण किए जाते हैं। याचिकाकर्ताओं को अतिरिक्त दस्तावेज दाखिल करने की स्वतंत्रता दी जाती है। पक्षकार लघु सारांश दाखिल कर सकेंगे लेकिन ये दो पेजों से अधिक लंबे नहीं हों।'' पिछले साल 26 जून को उच्चतम न्यायालय ने याचिकाकर्ताओं के खिलाफ दर्ज तीन प्राथमिकी पर आगे की कार्यवाही पर रोक लगा दी थी। अपने हस्तक्षेप आवेदन में नूपुर जे शर्मा और अन्य ने कहा कि वे पश्चिम बंगाल सरकार द्वारा ''लगातार प्रताड़ित'' किए जाने के कारण शीर्ष अदालत की शरण में आने को विवश हैं, '' जिसने सरकार को असहज करने वाली मीडिया रिपोर्ट को दबाने के लिए उनके खिलाफ कई प्राथमिकी दर्ज की।'' याचिका में कहा गया, '' ऐसा प्रतीत होता है कि प्रतिवादी याचिकाकर्ताओं/आवेदकों को सताने का प्रयास जारी रखे है, क्योंकि याचिकाकर्ताओं/आवेदकों को हाल में पांच अगस्त को भद्रेश्वर पुलिस थाने में दर्ज प्राथमिकी के संबंध में सीआईडी, पश्चिम बंगाल से सीआरपीसी की धारा 41ए के तहत नोटिस दिया गया है।

Disclaimer: लोकमत हिन्दी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।

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