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यूपीआई डाटा किसी थर्ड पार्टी से साझा नहीं करने संबंधी याचिका पर न्यायालय ने व्हाट्सएप से मांगा जवाब

By भाषा | Updated: February 1, 2021 16:56 IST

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नयी दिल्ली, एक फरवरी उच्चतम न्यायालय ने सोमवार को मैसेजिंग ऐप व्हाट्सएप से एक याचिका पर जवाब तलब किया है। याचिका में आरबीआई और एनपीसीआई को यह सुनिश्चित करने का निर्देश देने की मांग की गई है कि यूनीफाइड पेमेंट इंटरफेस (यूपीआई) मंचों के लिये एकत्र किये जाने वाले आंकड़ों को उनके पितृ संस्थानों या किसी तीसरे पक्ष (थर्ड पार्टी) के साथ किसी भी सूरत में साझा नहीं किया जाएगा।

प्रधान न्यायाधीश एस ए बोबडे और न्यायमूर्ति ए एस बोपन्ना व न्यायमूर्ति वी रामासुब्रमण्यम की एक पीठ ने कहा कि व्हाट्सएप अगर जवाब दायर नहीं करता है तो राज्यसभा सदस्य और याचिकाकर्ता विनय विश्वम द्वारा रिट याचिका में कही गई बातों को स्वीकार्य मान लिया जाएगा।

याचिका में कुछ वादकालीन याचिकाएं भी दायर की गईं जिनमें यह सुनिश्चित करने के लिये नियम बनाने का निर्देश दिये जाने की मांग की गई कि यूपीआई मंचों द्वारा जुटाए गए आंकड़े का इस्तेमाल भुगतान प्रक्रिया के अलावा किसी और काम में या किसी और तरीके से प्रयोग में नहीं लाया जाएगा।

यूपीआई एक मोबाइल एप्लिकेशन है जिसके सहारे एक बैंक के खातेदार अपने सम्बद्ध खाते से दूसरे बैंक के खाते में धन का हस्तांतरण कर सकते है।

व्हाट्सएप इंडिया की तरफ से पेश हुए वरिष्ठ अधिवक्ता अरविंद दत्तार ने हालांकि कहा कि प्रत्यारोपित करने संबंधी इस याचिका के मामले में उसे कोई औपचारिक नोटिस जारी नहीं किया गया है।

भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) की तरफ से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता वी गिरी ने शीर्ष अदालत को बताया कि वे इस मामले में अपना जवाब दायर कर चुके हैं।

व्हाट्सएप की तरफ से ही पेश हुए वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने कहा, ‘व्हाट्सएप पे’ को सभी आवश्यक मंजूरी मिल चुकी हैं।

याचिकाकर्ता की तरफ से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता कृष्णा वेणुगोपाल ने कहा कि अदालत ने पिछली बार कंपनी से पूछा था कि क्या इजराइली जासूसी सॉफ्टवेयर पेगासस ने उनके सिस्टम में सेंध लगाई थी, याचिका में इस मुद्दे को स्वीकार नहीं किया गया, जो गलत है।

पीठ ने कहा कि वह यह प्रस्ताव करती है कि इस याचिका को पहले से ही उच्चतम न्यायालय में लंबित ऐसी ही एक याचिका के साथ संलग्न कर दिया जाए और केंद्र से जासूसी सॉफ्टवेयर पर एक हलफनामा दायर करने को कहा।

वेणुगोपाल ने कहा कि अब तक फेसबुक और व्हाट्सएप ने मामले में अपना जवाबी हलफनामा दायर नहीं किया है जबकि याचिका महीनों से लंबित पड़ी है और उन्हें जवाबी हलफनामा दायर करने के लिये कहा जाना चाहिए।

सुनवाई के अंत में प्रधान न्यायाधीश ने व्हाट्सएप की तरफ से पेश हुए वकील को बताया कि उसकी नई निजता नीति को चुनौती देने वाली याचिका उच्चतम न्यायालय के समक्ष लंबित है और मामले में अगली सुनवाई के लिये चार हफ्ते बाद की तारीख तय की है।

Disclaimer: लोकमत हिन्दी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।

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