अदालत ने लक्षद्वीप में एलडीएआर पेश करने के खिलाफ दायर याचिका पर केन्द्र से मांगा जवाब
By भाषा | Published: May 28, 2021 01:07 PM2021-05-28T13:07:41+5:302021-05-28T13:07:41+5:30
कोच्चि, 28 मई केरल उच्च न्यायालय ने लक्षद्वीप के प्रशासक के केन्द्र शासित प्रदेश में लक्षद्वीप विकास प्राधिकरण नियमन 2021 (एलडीएआर) और सामाजिक गतिविधि रोकथाम (पासा) अधिनियम पेश करने के कदम के खिलाफ दायर याचिका पर केन्द्र सरकार से शुक्रवार को जवाब मांगा।
अदालत ने हालांकि, इस संबंध में जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए एलडीएआर और पासा पर रोक लगाने से इनकार कर दिया, लेकिन केन्द्र को दो सप्ताह में याचिका पर अपना रुख स्पष्ट करने का निर्देश दिया।
यह याचिका कांग्रेस नेता केपी नौशाद अली ने दायर की है।
अली ने याचिका में प्रशासक द्वारा लक्षद्वीप में सामाजिक, राजनीतिक और सांस्कृतिक वास्तविकताओं के साथ अवैध हस्तक्षेप करने का आरोप लगाया है।
उन्होंने दलील दी कि द्वीप के लोगों ने भी प्रशासन द्वारा लाए एलडीएआर और लक्षद्वीप विकास प्राधिकरण (एलडीए) के निर्माण का विरोध किया है क्योंकि यह प्रशासन को द्वीप के अनुसूचित जनजाति के लोगों की छोटी सम्पत्ति के अधिग्रहण का अधिकार भी देता है।
याचिकाकर्ता ने आरोप लगाया कि हाल ही में पेश किया गया ‘पासा’ प्रशासन को सार्वजनिक रूप से जानकारी दिए बिना किसी भी व्यक्ति को करीब एक साल तक कैद में रखने का अधिकार भी देता है।
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