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न्यायालय ने ऑक्सीजन आपूर्ति समेत कोविड-19 स्थिति पर राष्ट्रीय योजना मांगी

By भाषा | Updated: April 22, 2021 21:20 IST

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नयी दिल्ली, 22 अप्रैल देश के कोविड-19 की मौजूदा लहर से जूझने के बीच, उच्चतम न्यायालय ने बृहस्पतिवार को कहा कि वह ऑक्सीजन की आपूर्ति तथा कोरोना वायरस से संक्रमित मरीजों के इलाज के लिए आवश्यक दवाओं समेत अन्य मुद्दों पर “राष्ट्रीय योजना” चाहता है।

न्यायालय ने टिप्पणी की कि वायरस से संक्रमित मरीजों के इलाज के लिए ऑक्सीजन को एक "आवश्यक हिस्सा" कहा जाता है और ऐसा प्रतीत होता है कि कुछ हद तक ‘घबराहट’ पैदा हुयी जिसके कारण लोगों ने कई उच्च न्यायालयों से संपर्क किया है।

प्रधान न्यायाधीश एस ए बोबडे, न्यायमूर्ति एल नागेश्वर राव और न्यायमूर्ति एस आर भट की तीन सदस्यीय पीठ ने गंभीर स्थिति का स्वत: संज्ञान लेते हुए कहा कि वह देश में कोविड-19 टीकाकरण के तौर-तरीके से जुड़े मुद्दे पर भी विचार करेगी।

पीठ ने महामारी के दौरान आवश्यक आपूर्ति और सेवाओं के वितरण के मुद्दे पर संज्ञान लिया और कहा कि प्रथम द्रष्टया उसका मानना है कि वितरण स्वास्थ्य अधिकारियों की सलाह के अनुसार ‘समान तरीके ’ से होना चाहिए।

पीठ ने कहा, ‘‘इन परिस्थितियों में हम यह निर्देश देते हैं कि केंद्र सरकार, राज्य सरकारों / केंद्र शासित प्रदेशों और उन पक्षों को नोटिस जारी किए जाएं जो उच्च न्यायालयों में गए थे...।’’

उन्होंने कहा कि विभिन्न पक्षों को यह कारण बताने के लिए नोटिस जारी किया जाए कि ऑक्सीजन की आपूर्ति आवश्यक दवाइओं की आपूर्ति, लॉकडाउन की घोषणा और टीकाकरण के तरीके के संबंध में इस न्यायालय द्वारा एकसमान आदेश क्यों नहीं पारित किया जाए।

पीठ ने कहा, “देश के विभिन्न हिस्सों में स्थिति गंभीर है। कोविड मरीजों की संख्या और मृत्यु दर में अचानक वृद्धि देखी जा सकती है। टीकाकरण के अलावा... कोविड का इलाज केवल रेमडेसिविर जैसी कुछ दवाइयों द्वारा ही किया जा सकता है। मरीजों के लिए ऑक्सीजन भी उपचार का एक अनिवार्य हिस्सा कहा जाता है।’’

इससे पहले पीठ ने सॉलीसीटर जनरल तुषार मेहता से कहा, “एक पीठ और एक अदालत के तौर पर, हम कुछ मुद्दों का स्वत: संज्ञान लेना चाहते हैं।”

शीर्ष अदालत ने कहा कि कम से कम छह उच्च न्यायालय - दिल्ली, बंबई, सिक्किम, मध्य प्रदेश, कलकत्ता और इलाहाबाद- मौजूदा स्थिति से जुड़े मामलों को देख रहे हैं।

इसने कहा कि उच्च न्यायालय नेक नीयत और सबके हित में अपने क्षेत्राधिकार का प्रयोग कर रहे हैं।

पीठ ने कहा, ‘‘हो यह रहा है कि इससे कुछ प्रकार का भ्रम पैदा हो रहा है और संसाधन भी अलग-अलग दिशा में खर्च हो रहे हैं।”

शीर्ष अदालत ने जब कहा कि वह केंद्र को नोटिस जारी करेगी और मामले में शुक्रवार को सुनवाई करेगी तो मेहता ने पीठ से पूछा कि उच्च न्यायालयों में लंबित कोविड-19 संबंधित मुद्दों पर केंद्र सरकार वहां जवाब देगी या नहीं।

शीर्ष अदालत ने कहा कि केंद्र उच्च न्यायालयों में राष्ट्रीय योजना प्रस्तुत कर सकता है।

पीठ ने यह भी कहा कि वह उच्च न्यायालयों में लंबित कुछ मुद्दों को वापस ले सकती है और खुद उनसे निपटेगी।

मेहता ने कहा कि वह उच्च न्यायालयों को बताएंगे कि शीर्ष अदालत ने मुद्दे पर स्वत: संज्ञान लिया है।

भारत में एक दिन में कोरोना संक्रमण के 3.14 लाख मामले दर्ज हुये हैं जो किसी भी देश में एक दिन में दर्ज मामलों में सर्वाधिक है।

Disclaimer: लोकमत हिन्दी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।

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