नयी दिल्ली, आठ सितंबर दिल्ली की एक अदालत ने भ्रष्टाचार के एक मामले में महाराष्ट्र के पूर्व गृह मंत्री अनिल देशमुख के वकील आनंद डागा की जमानत याचिका बुधवार को खारिज कर दी।
विशेष न्यायाधीश विमल कुमार यादव ने कहा कि यह स्पष्ट है कि जांच अभी तक किसी निष्कर्ष पर नहीं पहुंची है और जांच के दौरान जो जब्तियां की गईं उससे आरोपी का कथित अपराध से संबंध प्रतीत होता है।
डागा फिलहाल न्यायिक हिरासत में हैं और पूर्व मंत्री के खिलाफ बंबई उच्च न्यायालय के निर्देश में चल रही प्रारंभिक जांच को भटकाने का प्रयास करने के आरोप में उन्हें गिरफ्तार किया गया था।
अदालत ने कहा कि आरोपी खुद वकील है और कानूनी प्रक्रिया से अच्छी तरह परिचित है। अदालत ने कहा कि इस बात से इंकार नहीं किया जा सकता कि वह जांच को प्रभावित करने का प्रयास कर सकता है।
न्यायाधीश ने कहा, ‘‘इसलिए तथ्यों एवं परिस्थितियों को देखते हुए इस चरण में आरोपी की जमानत पर विचार नहीं किया जा सकता है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘डागा गंभीर आरोपों का सामना कर रहे हैं।’’
आरोपी ने जमानत याचिका दायर करते हुए दावा किया कि उन्हें हिरासत में रखने से कोई उद्देश्य पूरा नहीं होगा क्योंकि उन्हें हिरासत में रखकर आगे की जांच की जरूरत नहीं है।
Disclaimer: लोकमत हिन्दी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।