न्यायालय का आपराधिक आरोपों का सामना कर रहे लोगों के निर्वाचन रद्द करने की याचिका पर विचार से इंकार

By भाषा | Updated: November 16, 2020 21:26 IST2020-11-16T21:26:29+5:302020-11-16T21:26:29+5:30

Court refuses to consider plea to cancel election of people facing criminal charges | न्यायालय का आपराधिक आरोपों का सामना कर रहे लोगों के निर्वाचन रद्द करने की याचिका पर विचार से इंकार

न्यायालय का आपराधिक आरोपों का सामना कर रहे लोगों के निर्वाचन रद्द करने की याचिका पर विचार से इंकार

नयी दिल्ली, 16 नवंबर उच्चतम न्यायलाय ने उन निर्वाचित प्रतिनिधियों के निर्वाचन अमान्य घोषित करने के लिये दायर याचिका पर सोमवार को विचार करने से इंकार कर दिया, जिनके खिलाफ पांच साल या इससे अधिक की सजा से संबंधित अपराधों के मामले में आरोप तय हुये एक साल से ज्यादा समय बीत चुका है।

न्यायमूर्ति एल नागेश्वर राव, न्यायमूर्ति हेमंत गुप्ता और न्यायमूर्ति अजय रस्तोगी की पीठ ने कहा कि याचिकाकर्ता शीर्ष अदालत के 2018 के फैसले में दिये गये उपायों पर अमल का मार्ग अपना सकता है। इस फैसले में न्यायालय ने गंभीर आपराधिक मामलों का सामना कर रहे व्यक्तियों को संसद में प्रवेश से रोकने का मसला संसद के विवेक पर छोड़ दिया था।

पांच सदस्यीय संविधान पीठ ने सितंबर, 2018 में अपने फैसले में कहा था कि यद्यपि राजनीति का अपराधीकरण एक कड़वी सच्चाई है, जो दीमक की तरह लोकतंत्र को खोखला कर रही है लेकिन वह विधायिका के अधिकार क्षेत्र में आने वाला कानून बनाने का अधिकार नहीं हड़पना चाहती।

न्यायालय ने गैरसरकारी संगठन लोक प्रहरी की याचिका पर सुनवाई के दौरान यह टिप्पणी की।

इस संगठन के महासचिव एस एन शुक्ला ने पीठ से कहा कि आपराधिक मामलों का सामना कर रहे व्यक्तियों का निर्वाचन विधि के शासन और स्वतंत्र तथा निष्पक्ष चुनाव के खिलाफ है और यह सभी को न्याय प्रदान करने के संविधान के संकल्प को ही नकारता है।

उन्होंने कहा कि इस याचिका में उठाया गया मुद्दा 2018 में फैसला सुनाने वाली संविधान पीठ के समक्ष विचारार्थ नहीं था।

पीठ ने कहा, ‘‘संविधान पीठ ने कहा था कि वह यह करने के लिये संसद को निर्देश नहीं दे सकती। ’’

शुक्ला ने जन प्रतिनिधित्व कानून की धारा 100 का हवाला दिया, जो चुनाव अमान्य घोषित करने के आधारों से संबंधित है।

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Web Title: Court refuses to consider plea to cancel election of people facing criminal charges

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