न्यायालय ने अलग रह रहे दंपित के लिए खोले वर्चुअल द्वार, पति से पत्नी को घर ले जाने को कहा

By भाषा | Updated: August 4, 2021 21:10 IST2021-08-04T21:10:24+5:302021-08-04T21:10:24+5:30

Court opens virtual gates for couple living separately, asks husband to take wife home | न्यायालय ने अलग रह रहे दंपित के लिए खोले वर्चुअल द्वार, पति से पत्नी को घर ले जाने को कहा

न्यायालय ने अलग रह रहे दंपित के लिए खोले वर्चुअल द्वार, पति से पत्नी को घर ले जाने को कहा

(संजीव कुमार)

नयी दिल्ली, चार अगस्त उच्चतम न्यायालय ने अलग रह रहे दंपति को मिलाने के लिए बुधवार को एक बार फिर अपने वर्चुअल द्वार खोल दिए और सुनिश्चित किया कि पति अपनी पत्नी को उसके सम्मान को कायम रखते हुए अपने घर वापस ले जाए। अदालत ने कहा कि विवाद समाधान के बाद उसके (पति) व्यवहार पर कुछ समय तक न्यायिक निगरानी रहेगी और उसे अपनी पत्नी के खिलाफ दायर सभी मुकदमे वापस लेने होंगे।

प्रधान न्यायाधीश न्यायमूर्ति एन वी रमण और न्यायमूर्ति सूर्यकांत की पीठ पटना निवासी व्यक्ति की याचिका पर सुनवाई कर रही थी जिसकी अपनी पत्नी के साथ बहुत कड़वाहट भरी कानूनी लड़ाई चल रही थी। व्यक्ति ने पत्नी के साथ वर्चुअल उपस्थिति का आग्रह किया था।

पीठ ने हिंदी में पहले रांची के कांके निवासी महिला से पूछा कि क्या वह व्यक्ति के साथ पत्नी के रूप में रहने के लिए अपनी ससुराल वापस जाना चाहती है।

महिला ने सुनवाई के शुरू में कहा, ‘‘मैं जाने को तैयार हूं, बस टॉर्चर ना करे।’’

इस दौरान उसका पति कैमरे के सामने हाथ जोड़कर बैठा रहा क्योंकि पीठ को उसकी आवाज सुनाई नहीं दे रही थी।

न्यायमूर्ति सूर्यकांत ने व्यक्ति से पूछा, ‘‘क्या तुम सभी मुकदमे वापस लेना चाहते हो। एक तुम्हारे पिता ने भी दर्ज कराया है।’’

व्यक्ति ने ‘हां’ में जवाब दिया।

पीठ ने कहा, ‘‘कहीं यह जमानत पाने के लिए नाटक तो नहीं, हम तुम्हें नहीं छोड़ेंगे...हम इस याचिका को लंबित रख रहे हैं। सारे मुकदमे वापस लो। एफिडेविट दो। हम छोड़ेंगे नहीं। अन्यथा, तुम्हें वापस जेल जाना होगा।’’

इसने व्यक्ति को अदालत में किया गया वायदा तोड़ने के खिलाफ आगाह किया और यह बताने के वास्ते शपथपत्र दायर करने के लिए दो सप्ताह का समय दिया कि वह तलाक की याचिका सहित अपनी पत्नी के खिलाफ दायर किए गए सभी मुकदमे वापस ले लेगा और इस बीच उसके सम्मान को कायम रखते हुए उसे वापस अपने घर ले जाएगा।

व्यक्ति की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता एवं उच्च न्यायालय की पूर्व न्यायाधीश अंजना प्रकाश ने पैरवी की।

पीठ ने वरिष्ठ अधिवक्ता से कहा कि अपनी पृष्ठभूमि की वजह से वह अलग रह रहे पति-पत्नी को विवाद का समाधान सौहार्दपूर्ण ढंग से करने की सलाह दे सकती थीं।

इससे पहले, प्रधान न्यायाधीश के नेतृत्व वाली पीठ ने 28 जुलाई को भी अपने वर्चुअल द्वार खोलकर अलग रह रहे आंध्र प्रदेश निवासी एक दंपति से बात की थी और उन्हें कानूनी लड़ाई खत्म करने के लिए तैयार किया था।

शीर्ष अदालत ने 21 साल से कड़वाहट भरी कानूनी लड़ाई लड़ रहे इस दपंति को एक कराने के लिए अतिरिक्त प्रयास किए थे और पत्नी को दहेज उत्पीड़न मामले में पति की सजा बढ़ाने का आग्रह करने वाली याचिका वापस लेने को तैयार किया था।

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Web Title: Court opens virtual gates for couple living separately, asks husband to take wife home

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