संकाय की भर्तियों में आरक्षण के लिए दायर याचिका पर केंद्र और आईआईटी को न्यायालय का नोटिस

By भाषा | Published: November 24, 2021 05:16 PM2021-11-24T17:16:03+5:302021-11-24T17:16:03+5:30

Court notice to Center and IIT on petition filed for reservation in faculty recruitments | संकाय की भर्तियों में आरक्षण के लिए दायर याचिका पर केंद्र और आईआईटी को न्यायालय का नोटिस

संकाय की भर्तियों में आरक्षण के लिए दायर याचिका पर केंद्र और आईआईटी को न्यायालय का नोटिस

नयी दिल्ली, 24 नवंबर उच्चतम न्यायालय शोध डिग्री कार्यक्रमों में प्रवेश एवं शिक्षकों (फैकल्टी) की भर्ती में आरक्षण नीतियों का पालन करने का केंद्र सरकार और आईआईटी को निर्देश संबंधी याचिका की सुनवाई पर बुधवार को सहमत हो गया।

न्यायमूर्ति एल. नागेश्वर राव, न्यायमूर्ति बी. आर. गवई और न्यायमूर्ति बी. वी. नागरत्ना की पीठ ने याचिका पर सुनवाई के दौरान सिर्फर् शोध कार्यक्रमों और संकाय शिक्षकों की बहाली प्रक्रिया में आरक्षण नीतियों का अनुसरण करने संबंधी अनुरोध ‘‘ए’’ के लिए केंद्र और सभी आईआईटी को नोटिस जारी किये।

याचिकाकर्ता सच्चिदानंद पांडेय की ओर से पेश वकील अश्विनी कुमार दुबे ने संक्षिप्त सुनवाई के दौरान कहा कि आईआईटी आरक्षण नीतियों पर अमल नहीं कर रहे हैं और न्यायालय को इस संबंध में निर्देश जारी किये जाने चाहिए।

पीठ ने कहा कि याचिका में कई प्रार्थनाएं हैं, लेकिन वह केवल प्रार्थना-‘ए’ पर ही नोटिस जारी करेगी।

पांडेय ने छात्रों/विद्वानों और शोधकर्ताओं के उत्पीड़न की शिकायतों के समाधान के लिए तंत्र बनाने और मौजूदा शिक्षकों के प्रदर्शन की समीक्षा करने के लिए तकनीकी विशेषज्ञों की एक समिति गठित करने के निर्देश देने का भी अनुरोध किया है।

याचिका में कहा गया है, ‘‘यह प्रस्तुत किया जाता है कि शोध कार्यक्रम में प्रवेश लेने और प्रतिवादियों (आईआईटी) द्वारा संकाय सदस्यों की नियुक्ति की प्रक्रिया पूरी तरह से असंवैधानिक, अवैध और मनमानी है। प्रतिवादी संवैधानिक जनादेश के अनुसार आरक्षण के दिशानिर्देशों का पालन नहीं कर रहे हैं।’’

याचिका में कहा गया है कि आईआईटी संकाय शिक्षकों की भर्ती की पारदर्शी प्रक्रिया का पालन नहीं कर रहे हैं, जिससे अपने संबंधों के जरिये अयोग्य उम्मीदवारों के आईआईटी में प्रवेश की संभावना बनती है, जो न केवल भ्रष्टाचार, पक्षपात और भेदभाव की संभावना को बढ़ाता है, बल्कि आंतरिक रैंकिंग और देश के तकनीकी विकास को भी प्रभावित करता है।

याचिका के अनुसार, ‘‘प्रतिवादी (आईआईटी) एससी (15 प्रतिशत), एसटी (17 प्रतिशत) और ओबीसी (27 प्रतिशत) से संबंधित सामाजिक और हाशिए के समुदायों को आरक्षण प्रदान करने वाली नीतियों का पूरी तरह से उल्लंघन कर रहे हैं।

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Web Title: Court notice to Center and IIT on petition filed for reservation in faculty recruitments

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