सोने की तस्करी से जुड़े ईडी के मामले में अदालत ने निलंबित आईएएस अफसर शिवशंकर को नहीं दी जमानत

By भाषा | Updated: November 17, 2020 20:45 IST2020-11-17T20:45:50+5:302020-11-17T20:45:50+5:30

Court not granted bail to suspended IAS officer Shivshankar in ED case related to gold smuggling | सोने की तस्करी से जुड़े ईडी के मामले में अदालत ने निलंबित आईएएस अफसर शिवशंकर को नहीं दी जमानत

सोने की तस्करी से जुड़े ईडी के मामले में अदालत ने निलंबित आईएएस अफसर शिवशंकर को नहीं दी जमानत

कोच्चि, 17 नवंबर केरल सोना तस्करी गिरोह से संबंधित प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा दर्ज धनशोधन के आरोपों के मामले में निलंबित आईएएस अधिकारी एम शिवशंकर को मंगलवार को यहां की एक अदालत ने जमानत देने से इनकार कर दिया।

धनशोधन निरोधक अधिनियम (पीएमएलए) से जुड़े मामले देख रही यहां की एक विशेष अदालत ने मुख्यमंत्री के पूर्व प्रधानसचिव द्वारा दायर याचिका खारिज करते हुए कहा कि जांच अहम चरण में है।

न्यायाधीश कौसर एडाप्पागत ने अपने आदेश में कहा कि इसमें संदेह नहीं कि जांच एजेंसी को सभी सामग्री जुटाने में और समय की जरूरत होगी, खासतौर पर अपराध से याचिकाकर्ता की कथित साठगांठ को लेकर।

अदालत ने गत 12 नवंबर को अभियोजन और बचाव पक्ष की दलीलें विस्तार से सुनने के बाद याचिका पर आदेश के लिये मंगलवार की तारीख तय की थी।

सोना तस्करी मामले में ‘धनशोधन’ के सिलसिले में ईडी ने 28 अक्टूबर को अधिकारी को गिरफ्तार किया था और अदालत द्वारा 26 नवंबर तक न्यायिक हिरासत में भेजे जाने के बाद अब वह यहां की जेल में बंद हैं।

न्यायाधीश ने अपने आदेश में कहा कि रिकॉर्ड में मौजूद सामग्री, चर्चा में सामने आए तथ्यों और सुनवाई के दौरान कानूनी प्रतिवेदनों के मद्देनजर फिलहाल उनके लिये यह साबित करने के पर्याप्त तार्किक आधार नहीं हैं जिनसे यह माना जा सके कि जिन अपराधों का आरोप लगा है उनमें याचिकाकर्ता दोषी नहीं है।

न्यायाधीश ने अपने आदेश में कहा, “उपरोक्त कारणों की वजह से बिना मामले के गुणदोष और ईडी व बचाव पक्ष द्वारा किये गए दावों पर कोई राय व्यक्त किये, मेरा नजरिया है कि याचिकाकर्ता को इस चरण में जमानत पर रिहा नहीं किया जा सका।”

इससे पहले शिवशंकर ने सोमवार को यहां की अदालत में कहा था कि उन्हें आरोपी की तरह पेश किया जा रहा है क्योंकि उन्होंने ईडी की पसंद के कुछ राजनीतिक व्यक्तियों का नाम लेने से इनकार कर दिया था।

शिवशंकर ने ईडी के उस दावे को भी ‘‘निराधार’’ और ‘‘गढ़ा हुआ’’ करार दिया था कि उन्होंने 15 अक्टूबर को एजेंसी को दिये अपने बयान में स्वीकार किया था कि उन्होंने सीमा शुल्क विभाग के एक बड़े अधिकारी से बात की थी और स्वप्ना सुरेश की इच्छा के मुताबिक तिरुवनंतपुरम में यूएई के महावाणिज्य दूतावास के पते वाले कार्गों को मंजूरी देने का अनुरोध किया था। सोना तस्करी मामले में स्वप्ना सुरेश मुख्य आरोपी है।

ईडी ने आज उनकी इस दलील पर आपत्ति दायर की थी और उनके द्वारा उठाए गए बिंदुओं पर सिलसिलेवार तरीके से अपनी दलीलें दीं। ईडी ने कहा कि शिवशंकर द्वारा उठाए गए बिंदु न तो बाद में सामने आई जानकारी हैं और न ही तथ्यात्मक रूप से सही हैं।

मामले में धन कहां से आया और कहां गया इसकी जांच कर रहे ईडी ने पूर्व में आरोप लगाया था कि सुरेश ने एक बयान में दावा किया था कि शिवशंकर और मुख्यमंत्री कार्यालय में उनकी टीम को राजनयिक रास्ते से सोने की तस्करी की पूरी जानकारी थी।

इस मामले में राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए), ईडी और सीमा शुल्क विभाग अलग-अलग जांच कर रहे हैं। यह मामला तब सामने आया था जब पांच जुलाई को तिरुवनंतपुरम हवाईअड्डे पर यूएई महावाणिज्य दूतावास के एक राजनयिक कार्गो से 15 करोड़ रुपये मूल्य का सोना जब्त किया गया था।

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Web Title: Court not granted bail to suspended IAS officer Shivshankar in ED case related to gold smuggling

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