यस बैंक घोटालाः 10 मई तक सीबीआई रिमांड पर वधावन बंधु, राणा कपूर भी आरोपी हैं

By भाषा | Published: May 8, 2020 08:18 PM2020-05-08T20:18:02+5:302020-05-08T20:18:02+5:30

यस बैंक घोटाले में मुंबई में एक विशेष अदालत ने गिरफ्तार डीएचएफल प्रवर्तक कपिल वधावन और उसके भाई धीरज वधावन की सीबीआई रिमांड की अवधि 10 मई तक के लिए शुक्रवार को बढ़ा दी है। रिश्वत लेने के आरोप में सीबीआई द्वारा मामला दर्ज किए जाने के लगभग 50 दिन बाद दोनों की गिरफ्तारी हुई थी।

Court extends CBI remand of Wadhawan brothers in Yes Bank scam | यस बैंक घोटालाः 10 मई तक सीबीआई रिमांड पर वधावन बंधु, राणा कपूर भी आरोपी हैं

कपूर तथा अन्य द्वारा किए गए धन के कथित हेरफेर से संबंधित मामले में सीबीआई ने वधावन बंधुओं को नामजद आरोपी बनाया है। (फोटो-सोशल मीडिया)

Highlightsअदालत ने यस बैंक घोटाले में वधावन बंधुओं के सीबीआई रिमांड की अवधि बढ़ा दी है। सीबीआई रिमांड की अवधि 10 मई तक के लिए शुक्रवार को बढ़ा दी।

मुंबई: मुंबई में एक विशेष अदालत ने यस बैंक घोटाले में गिरफ्तार डीएचएफल प्रवर्तक कपिल वधावन और उसके भाई धीरज वधावन की सीबीआई रिमांड की अवधि 10 मई तक के लिए शुक्रवार को बढ़ा दी।

वधावन बंधुओं को पिछले महीने महाबलेश्वर स्थित एक पृथक-वास केंद्र से गिरफ्तार किया था। रिश्वत लेने के आरोप में सीबीआई द्वारा मामला दर्ज किए जाने के लगभग 50 दिन बाद दोनों की गिरफ्तारी हुई थी। संबंधित मामले में यस बैंक के पूर्व मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) राणा कपूर भी आरोपी हैं।

वधावन बंधुओं को उनकी रिमांड की पिछली अवधि खत्म होने के बाद आज यहां स्थित विशेष अदालत के समक्ष पेश किया गया, जिसने उनकी रिमांड अवधि 10 मई तक के लिए बढ़ा दी। केंद्रीय जांच एजेंसी ने अदालत से दोनों भाइयों की रिमांड अवधि बढ़ाए जाने का आग्रह करते हुए कहा कि अभी उनसे और पूछताछ करने की आवश्यकता है। अधिकारियों ने कहा कि कपूर तथा अन्य द्वारा किए गए धन के कथित हेरफेर से संबंधित मामले में सीबीआई ने वधावन बंधुओं को नामजद आरोपी बनाया है।

एजेंसी ने आरोप लगाया है कि 62 वर्षीय कपूर ने अपने और अपने परिवार के सदस्यों के लिए उनके द्वारा संचालित कंपनियों के माध्यम से ‘‘अनुचित लाभ’’ के बदले में यस बैंक के जरिए डीएचएफएल को वित्तीय मदद पहुंचाने के लिए वधावन बंधुओं के साथ मिलकर आपराधिक षड्यंत्र किया। केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) द्वारा दर्ज प्राथमिकी के अनुसार घोटाला अप्रैल और जून 2018 के बीच तब होना शुरू हुआ, जब यस बैंक ने घोटाले की आरोपी दीवान हाउसिंग फाइनेंस कॉरपोरेशन लिमिटेड (डीएचएफएल) के छोटी अवधि के ऋण पत्र में 3,700 करोड़ रुपये का निवेश किया।

बदले में वधावन बंधुओं ने डीओआईटी अर्बन वेंचर्स (इंडिया) प्राइवेट लिमिटेड को ऋण के रूप में कपूर और उसके परिवार के सदस्यों को 600 करोड़ रुपये की कथित रिश्वत दी। इस कंपनी के कामकाज का प्रभार कपूर की पत्नी और बेटियों के पास था। वधावन बंधुओं के खिलाफ सीबीआई के साथ ही प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) भी यस बैंक घोटाले में अलग से जांच कर रहा है। 

Web Title: Court extends CBI remand of Wadhawan brothers in Yes Bank scam

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