न्यायालय ने उत्तर प्रदेश सरकार को हिरासत प्रमाणपत्र का ‘सही प्रारूप’ रखने का निर्देश दिया
By भाषा | Updated: November 12, 2021 20:35 IST2021-11-12T20:35:28+5:302021-11-12T20:35:28+5:30

न्यायालय ने उत्तर प्रदेश सरकार को हिरासत प्रमाणपत्र का ‘सही प्रारूप’ रखने का निर्देश दिया
नयी दिल्ली, 12 नवंबर उच्चतम न्यायालय ने शुक्रवार को एक मामले में उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा दायर हलफनामे पर असंतोष जताया और उसे हिरासत प्रमाणपत्र का ‘सही प्रारूप’ रखने का निर्देश दिया जिसे संबंधित जेल अधिकारियों को दिया जाना चाहिए।
हिरासत प्रमाणपत्र में किसी विचाराधीन कैदी या दोषी की हिरासत की अवधि समेत ब्योरा शामिल होता है।
न्यायमूर्ति एस के कौल और न्यायमूर्ति एम एम सुंदरेश की पीठ ने कहा कि प्रमाणपत्र में हिरासत की अवधि को लेकर स्पष्ट स्थिति होनी चाहिए।
पीठ उस मामले में सुनवाई कर रही थी जिसमें उसने पिछले महीने राज्य से एक कैदी की हिरासत की अवधि दर्शाने वाला प्रमाणपत्र जमा करने को कहा था, जो किशोर न्याय बोर्ड की रिपोर्ट के अनुसार 1980 में घटना वाले दिन नाबालिग था।
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