न्यायालय ने ढाई साल की बच्ची से बलात्कार और हत्या के मुजरिम की मौत की सजा उम्र कैद में तब्दील की

By भाषा | Updated: November 3, 2020 22:22 IST2020-11-03T22:22:23+5:302020-11-03T22:22:23+5:30

Court commits death sentence of convict for rape and murder of two and a half year old girl to life imprisonment | न्यायालय ने ढाई साल की बच्ची से बलात्कार और हत्या के मुजरिम की मौत की सजा उम्र कैद में तब्दील की

न्यायालय ने ढाई साल की बच्ची से बलात्कार और हत्या के मुजरिम की मौत की सजा उम्र कैद में तब्दील की

नयी दिल्ली,तीन नवंबर उच्चतम न्यायालय ने महाराष्ट्र में 2013 में ढाई साल की बच्ची से बलात्कार और उसकी हत्या करने के अपराध में एक मुजरिम की मौत की सजा को उम्र कैद में तब्दील कर दिया है।

शीर्ष अदालत ने नाबालिग लड़की से यौन हिंसा को ‘बहुत ही कष्टदायक’ और दोषी के आचरण को ‘विकृत और बर्बरतापूर्ण’ बताया लेकिन साथ ही यह भी कहा कि उसने पीड़ित की जान लेने की मंशा से जानबूझ कर कोई जख्म नहीं पहुंचाया।

न्यायमूर्ति उदय यू ललित, न्यायमूर्ति इन्दु मल्होत्रा और न्यायमूर्ति कृष्ण मुरारी की पीठ ने अपने 139 पेज के फैसले में कहा, ‘‘हम, इसलिए, हालांकि अपीलकर्ता को भारतीय दंड संहिता की धारा 302 (हत्या) के तहत दंडनीय अपराध के लिये लिये दोषी ठहराते हैं लेकिन चूंकि उसकी मंशा ऐसी नहीं थी जिससे यह मामला भारतीय दंड संहिता की धारा 300 के पहले तीन उपबंधों में किसी के अंतर्गत आये, मौजूदा मामले का अपराध मौत की सजा के योग्य नहीं है।’’

पीठ ने आरोपी को दोषी ठहराने के निचली अदालत और उच्च न्यायालय के दृष्टिकोण की पुष्टि करते हुये हत्या के अपराध में उसकी सजा को उम्र कैद में तब्दील कर दिया और बलात्कर के अपराध में उसे 25 साल की बामशक्कत कैद की सजा सुनाई

पीठ ने बंबई उच्च न्यायालय के अक्टूबर 2015 के फैसले के खिलाफ दोषी की अपील पर यह निर्णय सुनाया। उच्च न्यायालय ने उसे मौत की सजा सुनाने के निचली अदालत के फैसले की पुष्टि की थी।

पीठ ने अपने फैसले में इस तथ्य का भी जिक्र किया कि पिछले 40 साल में शीर्ष अदालत ने बलात्कार और हत्या के अपराधों के करीब 67 मामलों पर विचार किया है जिनमें पीड़ित की उम्र 16 साल या इससे कम थी।

पीठ ने कहा कि इन 67 मामलों में से शीर्ष अदालत ने 15 मामलों में दोषियों की मौत की सजा की पुष्टि की थी।

यही नहीं, पीठ ने यह भी कहा कि इन 15 मामलों में से तीन की मौत की सजा को शीर्ष अदालत ने पुनर्विचार याचिका में उम्र कैद में तब्दील कर दिया था।

न्यायालय ने कहा कि शेष 12 मामलों में से दो मामलों में मौत की सजा की पुष्टि की गयी थी और बाकी मामलों में पुनर्विचार याचिका खारिज कर दी गयी थी।

पीठ ने फैसले में इस तथ्य का भी जिक्र किया कि इन 67 मामलों में से कम से कम 51 मामलों में पीड़ित की उम्र 12 साल से कम थी और 51 मामलों में से 12 में शुरू में दोषी को मौत की सजा सुनायी गयी थी।

पेश मामले में पीड़ित के पिता ने फरवरी, 2013 में प्राथमिकी दर्ज करायी थी और पीड़ित के शरीर पर दांत काटने के निशान थे।

दोषी व्यक्ति पीड़ित का मामा था और इस अपराध के समय 21 साल का था और उसका दावा था कि उसे झूठा फंसाया गया।

Web Title: Court commits death sentence of convict for rape and murder of two and a half year old girl to life imprisonment

भारत से जुड़ीहिंदी खबरोंऔर देश दुनिया खबरोंके लिए यहाँ क्लिक करे.यूट्यूब चैनल यहाँ इब करें और देखें हमारा एक्सक्लूसिव वीडियो कंटेंट. सोशल से जुड़ने के लिए हमारा Facebook Pageलाइक करे