अदालत ने नगर निकायों से मानसून में मच्छर जनित रोगों को नियंत्रित करने के लिए उठाए गए कदमों के बारे में पूछा
By भाषा | Published: July 27, 2021 03:47 PM2021-07-27T15:47:45+5:302021-07-27T15:47:45+5:30
नयी दिल्ली, 27 जुलाई दिल्ली उच्च न्यायालय ने तीन नगर निगमों और अन्य निकाय एजेंसियों को राष्ट्रीय राजधानी में मच्छरों के प्रकोप को नियंत्रित करने और मच्छर जनित संक्रामक बीमारियों जैसे मलेरिया, डेंगू और चिकनगुनिया को रोकने के लिए उठाए गए कदमों के संबंध में ताजा स्थिति रिपोर्ट दाखिल करने का मंगलवार को निर्देश दिया।
मुख्य न्यायाधीश डीएन पटेल और न्यायमूर्ति ज्योति सिंह की पीठ ने तीन एमसीडी-पूर्व, दक्षिण और उत्तर, दिल्ली सरकार, दिल्ली जल बोर्ड, दिल्ली छावनी और नई दिल्ली नगरपालिका परिषद को इस मुद्दे पर नवीनतम स्थिति रिपोर्ट दाखिल करने का समय दिया और मामले की अगली सुनवाई की तिथि 16 सितंबर तय की।
पीठ ने कहा, ‘‘आप मानसून के मौसम को ध्यान में रखते हुए अपनी नवीनतम स्थिति रिपोर्ट दाखिल करें।’’ अदालत राष्ट्रीय राजधानी में मच्छरों के संक्रमण और कोविड-19 महामारी के बीच मच्छर जनित बीमारियों के बढ़ने की आशंका पर चिंतित थी।
तीनों निगमों ने इससे पहले दिल्ली में मच्छरों के संक्रमण को नियंत्रित करने और मलेरिया, डेंगू और चिकनगुनिया आदि बीमारियों को रोकने के लिए उनके द्वारा उठाए गए कदमों जैसे कीटनाशकों के छिड़काव और जन जागरूकता अभियान के बारे में उच्च न्यायालय को बताया था।
अदालत ने 24 मई को दिल्ली सरकार, तीनों नगर निगम, दिल्ली छावनी और नई दिल्ली नगरपालिका परिषद को निर्देश दिया था कि वे मच्छरों की समस्या के निदान के लिए उठाए गए कदमों और भावी कार्रवाई पर अपनी स्थिति रिपोर्ट पेश करें।
अपने पहले के हलफनामे में, उत्तरी दिल्ली नगर निगम (एनडीएमसी) ने कहा था कि 27 मई तक उसके अधिकार क्षेत्र में मलेरिया के दो मामले, डेंगू के दो मामले सामने आये है जबकि चिकनगुनिया का एक भी मामले सामने नहीं आया हैं।
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