न्यायालय ने आरआईएमसी, देहरादून के लिए प्रवेश परीक्षा में लड़कियों को बैठने की अनुमति दी

By भाषा | Updated: October 7, 2021 19:27 IST2021-10-07T19:27:00+5:302021-10-07T19:27:00+5:30

Court allows girls to appear in entrance exam for RIMC, Dehradun | न्यायालय ने आरआईएमसी, देहरादून के लिए प्रवेश परीक्षा में लड़कियों को बैठने की अनुमति दी

न्यायालय ने आरआईएमसी, देहरादून के लिए प्रवेश परीक्षा में लड़कियों को बैठने की अनुमति दी

नयी दिल्ली, सात अक्टूबर राष्ट्रीय रक्षा अकादमी (एनडीए) में लड़कियों को शामिल किये जाने के कुछ दिनों बाद उच्चतम न्यायालय ने बृहस्पतिवार को महिला अभ्यर्थियों को देहरादून स्थित राष्ट्रीय इंडियन मिलिट्री कॉलेज (आरआईएमसी) के लिए प्रवेश परीक्षा में बैठने की अनुमति देते हुए कहा कि केंद्र ने लंबी दूरी तय की है तथा उसे और एक कदम बढ़ाना चाहिए।

न्यायमूर्ति एस के कौल की अध्यक्षता वाली पीठ ने केंद्र को परीक्षा कार्यक्रम में बदलाव किये बगैर इस बारे में दो दिनों के अंदर आवश्यक संशोधित विज्ञापन जारी करने का निर्देश दिया।

यह परीक्षा 18 दिसंबर को आयोजित होगी। पीठ ने कहा, ‘‘हम अतिरिक्त सॉलीसीटर जनरल को कहना चाहेंगे कि प्रतिवादी ने लंबी दूरी तय की है तथा उसे एक कदम आगे बढ़ाना चाहिए। हमारा मानना है कि प्रतिवादी जैसे एक अनुशासित संस्थान के लिए अपने कामकाज को सुव्यवस्थित करने के लिए छह महीने का समय पर्याप्त है।’’

शीर्ष न्यायालय ने स्पष्ट कर दिया कि जहां तक इसकी बात है यह अब लागू होगा। हालांकि, जहां तक राष्ट्रीय मिलिट्री स्कूल की बात है, यह प्रक्रिया अकादमिक सत्र 2022-2023 से शुरू होगी।

शीर्ष न्यायालय ने 22 सितंबर 2021 के अपने आदेश के आलोक में केंद्र की ओर से दाखिल हलफनामे पर गौर करते हुए कहा, ‘‘...लड़कों के सभी विद्यालय सह-शिक्षा वाले संस्थान में तब्दील होने जा रहे हैं, क्या प्रतिवादी ने इस चीज को स्वीकार किया है।’’

न्यायालय ने कहा कि बुनियादी ढांचा और व्यक्तिगत जरूरतों के संदर्भ में इसके अपने प्रभाव होंगे।

इस मामले में अगली सुनवाई अब 18 जनवरी 2022 को होगी। सुनवाई की शुरूआत में अतिरिक्त सॉलीसीटर जनरल ऐश्वर्या भाटी ने पीठ से आरआईएमसी और राष्ट्रीय मिलिट्री स्कूल में लड़कियों के प्रवेश की अनुमति जून 2022 के बजाय जनवरी 2023 से देने के लिए सहमति देने का अनुरोध किया।

हालांकि, पीठ ने दलील स्वीकार करने से इनकार कर दिया और कहा कि जून 2022 सत्र में लड़कियों को शामिल करने के लिए छह महीने का समय पर्याप्त है।

सर्वोच्च अदालत अधिवक्ता कैलास उद्धवराव मोरे की एक याचिका पर सुनवाई कर रही है जिन्होंने आरआईएमसी, देहरादून में लड़कियों को प्रवेश देने का मुद्दा उठाया है।

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Web Title: Court allows girls to appear in entrance exam for RIMC, Dehradun

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