नई दिल्लीः सरकार ने बुधवार को संसद को बताया कि कौशल विकास एवं उद्यमिता मंत्रालय ने देश भर में 1576 रोजगार मेले आयोजित किए हैं जिनसे 2.5 लाख युवाओं को रोजगार मिला है। कौशल विकास एवं उद्यमिता राज्य मंत्री राजीव चंद्रशेखर ने बुधवार को राज्यसभा में प्रश्नकाल के दौरान पूरक सवालों के जवाब में यह जानकारी दी।
उन्होंने बताया कि मंत्रालय ने देश भर में 1576 रोजगार मेले आयोजित किए हैं जिनमें करीब छह लाख लोगों ने अपना पंजीयन कराया और उनमें से 2.5 लाख युवाओं को रोजगार मिला है। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश में ऐसे करीब 200 मेले आयोजित किए गए हैं जिनमें एक लाख से अधिक लोगों ने अपना पंजीयन कराया और 52 हजार छात्रों को रोजगार मिले।
चंद्रशेखर ने कहा कि युवाओं के कौशल विकास के लिए अल्पकालिक व दीर्घकालिक दोनों तरह के 5000 कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि ये कार्यक्रम मांग आधारित होते हैं और उद्योगों की मांग को देखते हुए इन्हें तैयार किया जाता है। उन्होंने कहा कि इस प्रक्रिया में उद्योग जगत को सहयोगी बनाया गया है। युवाओं और नियोक्ता के बीच सेतु के लिए असीम नामक एक पोर्टल भी शुरू किया गया है।
मनरेगा के लिए केंद्र धन देने को तैयार, पर राज्य नियमों का पालन करें : निरंजन ज्योति
सरकार ने महात्मा गांधी राष्ट्रीय रोजगार गारंटी योजना (मनरेगा) के तहत राशि जारी करने में विपक्ष शासित राज्यों के साथ भेदभाव के आरोप को सिरे से खारिज करते हुए बुधवार को संसद में कहा कि केंद्र धन देने के लिए तैयार है लेकिन कुछ नियम हैं जिनका राज्यों को पालन करना चाहिए।
राज्यसभा में प्रश्नकाल के दौरान ग्रामीण विकास राज्य मंत्री साध्वी निरंजन ज्योति ने एक पूरक सवाल के जवाब में कहा कि पश्चिम बंगाल को 2019 में केंद्रीय दल द्वारा की गई जांच पर विस्तृत कार्रवाई रिपोर्ट (एटीआर) देने के लिए कहा गया। लेकिन राज्य सरकार की ओर से यह रिपोर्ट तीन साल तक नहीं दी गई।
उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने यह रिपोर्ट 2022 में दी। तृणमूल कांग्रेस के जवाहर सरकार ने प्रश्नकाल के दौरान पूछा था कि मनरेगा के तहत राज्य को पिछले तीन साल में कोई धन राशि क्यों नहीं दी गई। उन्होंने सरकार पर पश्चिम बंगाल के साथ भेदभाव करने का आरोप लगाया। साध्वी निरंजन ज्योति ने कहा कि केंद्र सरकार किसी भी राज्य के साथ भेदभाव नहीं करती।
उन्होंने कहा कि राज्यों के लिए कुछ नियम हैं जिनका उन्हें पालन करना चाहिए और केंद्र राशि देने के लिए तैयार है। उन्होंने कहा कि पश्चिम बंगाल को मनरेगा के तहत 2006 से 2014 तक 14 हजार 985 करोड़ रुपये दिए गए वहीं 2014 से अब तक 94 हजार 185 करोड़ रुपये दिए गए है।
एक अन्य पूरक प्रश्न के उत्तर में उन्होंने बताया कि मनरेगा के तहत 2006 से 2014 तक 1660 करोड़ श्रमिकों का पंजीकरण हुआ था। उन्होंने बताया कि 2014 से अभी तक मनरेगा के तहत पांच लाख 79 हजार 523 करोड़ रुपये दिए गए हैं जबकि 2006 से 2014 तक इसके लिए दो लाख 13 हजार 220 करोड़ रुपये दिए गए थे।