देश के नए संचार उपग्रह जीसैट-29 के प्रक्षेपण के लिए मंगलवार (13 नंवबर) को 27 घंटे की उल्टी गिनती शुरू हो गई है। अपनी दूसरी उड़ान में जीएसएलवी-एमके 3 रॉकेट जीसैट-29 को भू स्थिर कक्षा में स्थापित करेगा। अंतरिक्ष के क्षेत्र में भारत 14 नवंबर को बड़ी उपलब्धि हासिल करने जा रहा है। भारत बुधवार को संचार उपग्रह जीसैट-29 को लॉन्च करेगा हालांकि बुधवार यानि 14 नवंबर को चक्रवाती तूफान 'गाजा' के खतरे की चेतावनी दी गई है। अनुमान जताया गया है कि पूर्व में चक्रवात 'गाजा' के चेन्नई और श्रीहरिकोटा के बीच तट पार किया जाएगा, लेकिन अब इसमें बदलाव आ चुका है।
भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के मुताबिक शाम पांच बजकर आठ मिनट पर प्रक्षेपण का कार्यक्रम मौसम पर निर्भर है और अनुकूल परिस्थिति नहीं रहने पर इसे टाला जा सकता है।
जीसैट-29 उपग्रह उच्च क्षमता वाले का और कू-बैंड के ट्रांसपोंडरों से लैस है। इससे पूर्वोत्तर और जम्मू कश्मीर सहित देश के दूर-दराज के इलाकों में संचार जरूरतों को पूरा करने में मदद मिलेगी। आंध्रप्रदेश के श्रीहरिकोटा से संचार उपग्रह जीएसएटी-29 लॉन्च होगा। बताया जा रहा है कि अपनी दूसरी उड़ान में जीएसएलवी-एमके 3 रॉकेट जीसैट-29 को भू स्थिर कक्षा में स्थापित करेगा।
इसरो के अध्यक्ष के सिवन ने कहा कि मौसम के अनुकूल नहीं रहने पर प्रक्षेपण टाला जा सकता है। हालांकि, चक्रवात के मार्ग में बदलाव आया और मंगलवार को श्रीहरिकोटा से बहुत दूर कुड्डालोर और पामबन के बीच तमिलनाडु तट पार करने की संभावना है । महज 16 मिनट में ही जीएसएलवी-एमके 3 उपग्रह को पृथ्वी से लगभग 36 हजार किलोमीटर दूर कक्षा में स्थापित कर देगा। जीसैट-29 उपग्रह उच्च क्षमता वाले का/कू-बैंड के ट्रांसपोंडरों से लैस है।