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Coronavirus: सीधे राज्यों को वैक्सीन बेचना चाहती हैं कंपनियां, खुले बाजार पर भी नजर, केंद्र कर रहा हालात की समीक्षा

By हरीश गुप्ता | Updated: January 22, 2021 07:50 IST

कोरोना वायरस वैक्सीन बनाने वाली कंपनियों खुले बाजार और सीधे राज्यों को अपनी वैक्सीन बेचना चाहती है। इसे लेकर केंद्र सरकार विचार कर रही है। फिलहाल सरकार का टीकाकरण अभियान तय रास्ते पर चल रहा है।

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ठळक मुद्दे कई राज्यों, संस्थानों और निजी कंपनियों ने सीधे वैक्सीन निर्माता कंपनियों से वैक्सीन खरीदने की मांगी है इजाजतभारत की जरूरतें पूरी होने के बाद सीरम इंस्टट्यूट और भारत बायोटेक को वैक्सीन के निर्यात की मिल सकती है अनुमतिभारत को मई-जून तक वैक्सीन के 7-8 करोड़ डोज की जरूरत, केंद्र को कोविड प्रबंधन पर टास्क फोर्स की रिपोर्ट का भी इंतजार

नई दिल्ली: वैक्सीन निर्माता कंपनियों की वैक्सीन को सीधे राज्यों को और खुले बाजार में बेचने की अनुमति के आवेदन पर केंद्र सरकार विचार कर रही है. संभव है कि केंद्र पुणे स्थित सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया और हैदराबाद स्थित भारत बायोटेक लि. (बीबीएल) को भारत की जरूरतें पूरी होने के बाद वैक्सीन के निर्यात की अनुमति भी दे दे.

कई राज्यों, संस्थानों और निजी कंपनियों ने भी सरकार से नियामकों द्वारा मान्यता प्राप्त निर्माताओं से ही सीधे वैक्सीन खरीदने की अनुमति मांगी है. कई राज्यों का इरादा अपने लोगों को मुफ्त में वैक्सीन देने का है.

Coronavirus Vaccine: पहला चरण मार्च अंत तक

उच्चपदस्थ सूत्रों के मुताबिक टीकाकरण की ताजा गति को देखते हुए भारत को मई-जून तक वैक्सीन के 7-8 करोड़ डोज की जरूरत पड़ेगी.

तीन करोड़ अग्रणी स्वास्थ्यकर्मियों को वैक्सीन देने का काम मार्च अंत तक पूरा होने की संभावना है. दूसरे चरण में 50 वर्ष से अधिक उम्र के लोगों का टीकाकरण किया जाएगा. सीरम, बीबीएल तैयार केंद्र ने अब तक कोविशील्ड और कोवैक्सीन के 1.66 करोड़ (सीरम से 1.1 करोड़ और बीबीएल से 56 लाख) डोज खरीद चुका है.

Coronavirus: किस कंपनी के पास कितनी वैक्सीन

सीरम के पास इस वक्त पांच करोड़ डोज उपलब्ध हैं और वह एक महीने में छह करोड़ वैक्सीन बना सकता है. बीबीएल के पास इस वक्त दो करोड़ टीके हैं और वह एक महीने में एक करोड़ वैक्सीन बना सकता है. सीरम का पहले से ही विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के अधीनस्थ गेवी-कोवैक्स अभियान के लिए  भी अनुबंध है.

इसके तहत वह यूके और यूरोप के बाहर अफ्रीकी और मध्य आय वाले देशों को 40 करोड़ वैक्सीन की आपूर्ति करेगा. गैवी को वैक्सीन की आपूर्ति के लिए सीरम को बिल गेट्स मेलिंडा फाउंडेशन की तरफ से 300 मिलियन डॉलर्स का अग्रिम भुगतान किया जा चुका है.

टास्क फोर्स की रिपोर्ट का इंतजार

इस बीच केंद्र को प्रधानमंत्री के कोविड प्रबंधन पर टास्क फोर्स की रिपोर्ट का इंतजार है. रिपोर्ट में फाइजर, मॉडर्ना, झायडस-कैडिला, स्पूतनिक वी और अन्य वैक्सीन की उपलब्धता, उपयोगिता और समयसीमा का खुलासा होने की उम्मीद है.

इस दौरान सरकार की नजर देश में कोविड-19 की स्थिति पर भी है. हालांकि सरकार का टीकाकरण अभियान बिलकुल तय रास्ते पर चल रहा है.

टॅग्स :कोरोनावायरस वैक्सीनकोविड-19 इंडियाकोवाक्सिन
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