Coronavirus: क्या तमिलनाडु में मौजूद है देश का पहला सामुदायिक संक्रमित व्यक्ति? इस केस ने खड़े किए सरकार के कान
By मनाली रस्तोगी | Published: March 21, 2020 11:17 AM2020-03-21T11:17:03+5:302020-03-21T17:33:37+5:30
तमिलनाडु की राजधानी चेन्नई में कोरोना वायरस (Coronavirus) से संक्रमित एक व्यक्ति पाया गया है। ऐसे कयास लगाए जा रहे हैं कि ये सामुदायिक संक्रमण का भारत में पहला केस हो सकता है।
तमिलनाडु में दिल्ली के एक 20 साल शख्स के कोरोना संक्रमित होने की खबर ने सभी को चौंका दिया है। ऐसे कयास लगाए जा रहे हैं कि कोविड-19 (Covid-19) से संक्रमित ये व्यक्ति भारत में सामुदायिक संक्रमण का पहला केस हो सकता है। इस व्यक्ति को कोरोना का संक्रमण कैसे हुआ, इसे लेकर सरकार अभी भी साफ-साफ कुछ सिद्ध नहीं कर सकी है।
दरअसल बीते बुधवार (11 मार्च) को पाया गया था कि दिल्ली निवासी एक 20 वर्षीय युवक कोरोना से संक्रमित है, जिसकी टेस्टिंग चेन्नई में की गई थी। अब ऐसी स्थिति में तमिलनाडु सरकार ने उन सभी लोगों की तलाश शुरू कर दी है, जोकि उसके संपर्क में आए थे।
जानकारी के अनुसार, यह व्यक्ति उत्तर प्रदेश के रामपुर से पहले दिल्ली गया। इसके बाद दिल्ली से उसने ट्रेन पकड़ी और फिर वहां से चेन्नई आया। बताया जाता है कि चेन्नई के एक लोकल सैलून में उसने काम करना भी शुरू कर दिया था। वहीं, जब वह चेन्नई में कुछ दिनों से रहने लगा, तब उसमें कोरोना वायरस संक्रमण के लक्षण दिखने शुरू हो गए थे। ऐसी स्थिति में उसे सरकारी अस्पताल में भर्ती कराया गया था।
हिंदुस्तान टाइम्स की एक रिपोर्ट के अनुसार, इस व्यक्ति ने दिल्ली से चेन्नई तक का सफ़र ट्रेन से तय किया था। हालांकि, अभी तक इस बात की पुष्टि नहीं हो सकी है कि इस संक्रमित व्यक्ति ने कब यात्रा की है।
इस मामले में भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (Indian Council of Medical Research) के डॉक्टर आरआर गंगाखेदकर का कहना है, 'हमने पाया कि जो व्यक्ति कथित तौर पर दिल्ली से चेन्नई आया है, उसकी कोई ट्रेवल हिस्ट्री नहीं है, लेकिन इस बात का पता लगाना कि वो किसके-किसके संपर्क में आया, ये आसान काम नहीं है। इसके लिए हमें काफी जानकारी एकत्रित करनी होती है और इसका एक प्रोसेस होता है, जिसकी अच्छे से जांच करनी होती है।'
डॉक्टर आरआर गंगाखेदकर ने अपनी बात को जारी रखते हुए कहा, 'जांच का प्रारंभिक हिस्सा ये कहता है कि रोगी आपको क्या बताता है और फिर हमें ऐसे लोगों की तलाश करनी होती है, जो अप्रत्यक्ष रूप से उसके संपर्क में आए हों। कभी-कभी संपर्क होता है, लेकिन व्यक्ति को इसका एहसास नहीं होता है।'
वैसे केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ये बात दोहरा चुका है कि सामुदायिक संचरण का कोई मामला देश में मौजूद नहीं है, लेकिन फिर भी नागरिकों की सुरक्षा के लिए मंत्रालय इस विशेष मामले की जांच कर रहा है, ताकि ये पता चल सके कि कोरोना वायरस से संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आए लोगों को तो कही वायरस नहीं हुआ है।