Coronavirus Update: पश्चिम बंगाल में बढ़ता जा रहा खतरा, कोविड-19 डेथ रेट के चौकाने वाले आंकड़े आए सामने

By भाषा | Updated: May 5, 2020 05:27 IST2020-05-05T05:27:05+5:302020-05-05T05:27:05+5:30

पश्चिम बंगाल में कोरोना वायरस महामारी की स्थिति का मूल्यांकन करने के लिए राज्य के दौरे पर आए अंतर-मंत्रालयी केन्द्रीय दल ने सोमवार को कहा कि राज्य में कोविड-19 मृत्युदर 12.8 प्रतिशत देश में सर्वाधिक है और यह जांच में कमी एवं कमजोर निगरानी को दर्शाता है।

Coronavirus update: increasing threat in West Bengal shocking figures of covid-19 death rate came out | Coronavirus Update: पश्चिम बंगाल में बढ़ता जा रहा खतरा, कोविड-19 डेथ रेट के चौकाने वाले आंकड़े आए सामने

Coronavirus Update: पश्चिम बंगाल में बढ़ता जा रहा खतरा, कोविड-19 डेथ रेट के चौकाने वाले आंकड़े आए सामने

Highlightsपश्चिम बंगाल में कोरोना वायरस महामारी की स्थिति का मूल्यांकन करने के लिए राज्य के दौरे पर आए अंतर-मंत्रालयी केन्द्रीय दल ने सोमवार को कहा कि राज्य में कोविड-19 मृत्युदर 12.8 प्रतिशत देश में सर्वाधिक है और यह जांच में कमी एवं कमजोर निगरानी को दर्शाता है।इस दल ने राज्य की तृणमूल कांग्रेस सरकार पर पैनल के प्रति ‘विरोधी’ रूख अपनाने का आरोप लगाया। दल के प्रमुख रक्षा मंत्रालय में अवर सचिव रैंक के अधिकारी अपूर्व चंद्र ने राज्य सरकार पर तीखी टिप्पणी की

कोलकाता। पश्चिम बंगाल में कोरोना वायरस महामारी की स्थिति का मूल्यांकन करने के लिए राज्य के दौरे पर आए अंतर-मंत्रालयी केन्द्रीय दल ने सोमवार को कहा कि राज्य में कोविड-19 मृत्युदर 12.8 प्रतिशत देश में सर्वाधिक है और यह जांच में कमी एवं कमजोर निगरानी को दर्शाता है। अपनी दो दिवसीय यात्रा के समापन से पूर्व इस दल ने राज्य की तृणमूल कांग्रेस सरकार पर पैनल के प्रति ‘विरोधी’ रूख अपनाने का आरोप लगाया। दल के प्रमुख रक्षा मंत्रालय में अवर सचिव रैंक के अधिकारी अपूर्व चंद्र ने राज्य सरकार पर तीखी टिप्पणी की कि ‘12.8 प्रतिशत की बिल्कुल ऊंची मृत्युदर जांच में कमी अैर कमजोर निगरानी एवं पता लगाने की व्यवस्था का संकेत है और यह देश में सबसे ऊंची मृत्युदर है।’’

रवाना होने से पहले आईएएस अधिकारी ने कहा कि वैसे तो राज्य सरकार ने निषिद्ध क्षेत्रों ‘बिल्कुल उच्च स्तरीय’ रोजाना निगरानी करने का दावा करती है लेकिन उसने टीम को कोई आंकड़ा या नतीजे उपलब्ध नहीं कराये। चंद्रा ने राज्य के मुख्य सचिव राजीव सिन्हा को लिखी अपनी चिट्ठी में कहा ‘‘ इतने बड़े डाटाबेस का मिलान एवं मूल्यांकन के लिए एक ठोस व्यवस्था की जरूरत है। लेकिन ऐसा कोई सबूत उपलब्ध नहीं है।’’ उन्होंने कहा कि राज्य को आंकड़ों की रिपोर्टिंग में पारदर्शी एवं संगत बने रहने की जरूरत है और उसे इस वायरस के प्रसार को कम करके पेश करने की आवश्यकता नहीं है।

सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस ने तीखी प्रतिक्रिया दी और आरोप लगाया कि स्थिति का जायजा लेने के लिए भेजी गयी दो केंद्रीय टीमों ने अपने भाजपा आकाओं को खुश रखने के लिए बंगाल को बदनाम करने की दुर्भावना से काम किया। चंद्रा ने पत्र में लिखा है कि राज्य द्वारा अपने मेडिकल बुलेटिन और भारत सरकार को भेजे पत्र में कोविड-19 मामलों की संख्या में विसंगति है। पत्र में कहा गया है कि 30 अप्रैल को सक्रिय मामले 572 थे और उपचार के बाद 139 को छुट्टी दे गयी तथा 33 की मौत हो गयी तथा कुल मामले 744 हो गये। उसी दिन केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव को भेजे गये पत्र में कुल मामलों का जिक्र 931 था यानी 187 की विसंगति थी। चंद्रा ने कहा कि वह गृहमंत्रालय को अपनी रिपोर्ट सौपेंगे।

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