चंडीगढ़ः कोरोना वायरस का प्रकोप पूरे देश में फैला हुआ है। इस दौरान लगातार पुलिस और डॉक्टरों पर हमले की की खबरें सामने आ रही हैं। ताजा मामला बीती शाम (27 अप्रैल) हरियाणा के अंबाला जिले के एक गांव का है, जहां ग्रामीण पुलिस से भिड़ गए और उन्होंने डॉक्टरों पर पत्थर फेंके। इसके पीछे की वजह यह है कि ग्रामीणों ने एक कोरोना वायरस के संदिग्ध के दाह संस्कार का विरोध किया। बता दें, 60 वर्षीय महिला की सोमवार को शहर के सिटी अस्पताल में मौत हो गई थी।
लॉकडाउन का उल्लंघन करते हुए, चंदपुरा गांव के निवासियों ने श्मशान घाट पर पुलिस और डॉक्टरों पर पत्थर फेंके। बेकाबू भीड़ को तितर-बितर करने के लिए पुलिस को हवा में गोलियां चलानी पड़ीं। भीड़ को तितर-बितर करने के बाद दाह संस्कार किया गया। एक डॉक्टर ने कहा कि मृतक महिला की कोरोनो जांच रिपोर्ट अभी नहीं आई है।
सिविल सर्जन डॉ. कुलदीप सिंह ने कहा, 'महिला को अस्थमा था और सोमवार दोपहर से वह ठीक से सांस नहीं ले पा रही थी । उपचार के दौरान उसकी मृत्यु हो गई। हमने COVID-19 परीक्षण के लिए उसके नमूने एकत्र किए। नियत प्रक्रिया और एसओपी का पालन करने के बाद हमने दाह संस्कार के लिए जिला प्रशासन की ओर से तय की जगह पर शव को भेजा।
डॉक्टर ने कहा कि एक कोरोना मरीज के लिए जो प्रक्रिया अपनाई जाती है वो ही इस कोविड-19 के संदिग्ध के संदिग्ध के लिए अपनाई गई है। ग्रामीणों ने अनावश्यक रूप से दाह संस्कार का विरोध किया।
अंबाला छावनी के डीएसपी राम कुमार ने कहा है कि हमने यह बताते हुए ग्रामीणों को शांत करने का प्रयास किया कि सभी सुरक्षा उपायों को अपनाया जा रहा है, लेकिन उन्होंने नहीं सुना। जल्द ही, उन्होंने डॉक्टरों और पुलिसकर्मियों पर पत्थर फेंकना शुरू कर दिए। उन्होंने एक एम्बुलेंस को भी क्षतिग्रस्त कर दिया। हमें भीड़ को तितर-बितर करने के लिए कुछ बल प्रयोग करना पड़ा।
उन्होंने कहा कि लॉकडाउन का उल्लंघन करने और पुलिस व डॉक्टरों पर हमला करने के लिए ग्रामीणों के खिलाफ मामला दर्ज किया जाएगा।