कोरोना वायरस का खतरा महिलाओं की तुलना में पुरुषों को ज्यादा, AIIMS ने कहा- आंकड़ों से मिले हैं चौंकाने वाले संकेत

By लोकमत समाचार ब्यूरो | Updated: March 19, 2020 08:37 IST2020-03-19T08:37:04+5:302020-03-19T08:37:04+5:30

पुरुषों को ज्यादा प्रभावित करने के संकेतों पर एम्स दिल्ली के डायरेक्टर रणदीप गुलेरिया गुलेरिया का कहना है कि इसकी वजह शायद यह हो कि महिलाओं की रोग प्रतिरोधक क्षमता पुरुषों से बेहतर होती है.

Coronavirus: Men are more at risk says AIIMS director Randeep Guleria | कोरोना वायरस का खतरा महिलाओं की तुलना में पुरुषों को ज्यादा, AIIMS ने कहा- आंकड़ों से मिले हैं चौंकाने वाले संकेत

कोविड-19 का खतरा महिलाओं की तुलना में पुरुषों को ज्यादा। (फाइल फोटो)

Highlightsदुनिया के अधिसंख्य देशों में फैल चुके कोरोना वायरस (कोविड-19) का खतरा महिलाओं की तुलना में पुरुषों को ज्यादा हो सकता है.एम्स, दिल्ली के डायरेक्टर रणदीप गुलेरिया के मुताबिक दुनिया भर में चिकित्सा व स्वास्थ्य क्षेत्र में एकत्रित किए जा रहे आंकड़ों से यह चौंकाने वाले संकेत मिले हैं.

दुनिया के अधिसंख्य देशों में फैल चुके कोरोना वायरस (कोविड-19) का खतरा महिलाओं की तुलना में पुरुषों को ज्यादा हो सकता है. एम्स, दिल्ली के डायरेक्टर रणदीप गुलेरिया के मुताबिक दुनिया भर में चिकित्सा व स्वास्थ्य क्षेत्र में एकत्रित किए जा रहे आंकड़ों से यह चौंकाने वाले संकेत मिले हैं. साथ ही गुलेरिया ने यह भी कहा कि अभी दुनियाभर में जांच और आंकड़ों पर काम जारी है, इसलिए किसी भी निष्कर्ष पर पहुंचना ठीक नहीं होगा.

पुरुषों को ज्यादा प्रभावित करने के संकेतों पर गुलेरिया का कहना है कि इसकी वजह शायद यह हो कि महिलाओं की रोग प्रतिरोधक क्षमता पुरुषों से बेहतर होती है. उन्होंने बताया कि वूहान में किए गए एक अध्ययन के मुताबिक तो 'ए' टाइप के खून वालों को कोरोना वायरस का खतरा ज्यादा होता है.

गुलेरिया ने कहा कि कोरोना वायरस की एक नई किस्म है. उन्होंने कहा कि चीन से मिले आंकड़ों से यह खुलासा हुआ है कि महिलाओं की तुलना में इसने पुरुषों को ज्यादा प्रभावित किया है. उन्होंने बताया कि अब तक उपलब्ध आंकड़ों को देखकर नहीं लगता कि इससे गर्भवती महिलाओं से यह शिशुओं तक पहुंच सकता है.

गुलेरिया के मुताबिक भारत ने कोरोना पर नियंत्रण को लेकर बहुत ही सधा हुआ रवैया अपनाया है. उन्होंने कहा कि यूके जैसे देशों का 'हर्ड कम्युनिटी' जैसा प्रयोग भारत के लिए ठीक नहीं होगा. इस प्रयोग के तहत स्वस्थ लोगों को पहले संक्रमित होने दिया जाता है और फिर अपनी रोग प्रतिरोधक क्षमता के बूते उबरने का मौका दिया जाता है.

गुलेरिया ने कहा कि वह व्यक्ति भले ही स्वस्थ हो जाए, लेकिन इस दौरान उसके बुजुर्ग अभिभावक कोरोना की चपेट में आ सकते हैं. मोबाइल से प्रसार संभव मोबाइल फोन को कोरोना वायरस का वाहक करार देते हुए गुलेरिया ने कहा कि इसके पालतू पशुओं के जरिये फैलने की आशंका कम है. उन्होंने लोगों को मोबाइल फोन नियमित तौर पर साफ करने की सलाह दी है.

Web Title: Coronavirus: Men are more at risk says AIIMS director Randeep Guleria

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