लखनऊ: कोरोना वायरस के मद्देनजर पूरे देश में 14 अप्रैल 2020 तक लॉकडाउन है। लॉकडाउन के दौरान पूरे देश से कोरोना फाइटर पुलिस और डॉक्टर पर हमला और पत्थरबाजी की खबरें आ रही हैं। उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार ने राज्य में लॉकडाउन के दौरान पुलिस और डॉक्टर पर हमला करने वाले के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने के आदेश दिए हैं। सीएम योगी आदित्यनाथ ने अब ऐसे उपद्रवियों पर राष्ट्रीय सुरक्षा कानून ( NSA) के तहत कार्रवाई करने का आदेश दिया है।
सीएम योगी आदित्यनाथ ने आदेश जारी किए हैं कि लॉकडाउन के दौरान राज्य में कहीं भी पुलिस कर्मियों पर हमला करने वालों के खिलाफ राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (NSA) के तहत कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
अपर मुख्य सचिव (गृह) अवनीश अवस्थी ने 'भाषा' को बताया, '' पुलिस तथा मेडिकल टीम पर हमला करने वालों या उनके साथ अभद्रता करने वालों के खिलाफ बहुत सख्त कार्रवाई होगी और ऐसे लोगों के खिलाफ राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (एनएसए) के तहत भी कार्रवाई हो सकती है।''
प्रदेश सरकार यह कदम ऐसे लोगों के लिये उठा रही है जो लॉकडाउन को गंभीरता से नहीं ले रहे हैं और पुलिस वालों के साथ अभद्रता या मारपीट कर रहे हैं। वहीं कुछ अन्य राज्यों में स्वास्थ्य विभाग के लोगों के साथ भी अभद्रता के समाचार मिले हैं।
बीते कुछ दिनों में लॉकडाउन के दौरान कहां-कहां युपी में पुलिस पर हुआ हमला
-पश्चिम यूपी के कुछ जिलों में पुलिसकर्मियों से हुई मारपीट की घटना सामने आई है। एक अप्रैल को मुजफ्फरनगर में लॉकडाउन के दौरान घर से बाहर निकलने के लिए मना करने पर कुछ लोगों ने पुलिसकर्मियों पर हमला किया था। इन लोगों ने जिले की मोरना पुलिस चौकी के एसआई समेत अन्य पुलिसकर्मियों पर जानलेवा हमला किया था। हमले में चौकी प्रभारी समेत अन्य पुलिसकर्मी गंभीर रूप से घायल हुए थे, जिन्हें इलाज के लिए मेरठ के अस्पताल में भर्ती कराया गया।
-अलीगढ़ में पुलिस पर पथराव के आरोप में 3 लोगों को गिरफ्तार किया गया है।
राष्ट्रीय सुरक्षा कानून ( NSA) क्या है?
राष्ट्रीय सुरक्षा कानून ( NSA) के तहत राज्य में कानून व्यवस्था को बनाए रखने की स्थिति किसी भी नागरिक को हिरासत में लिया जा सकता है। राष्ट्रीय सुरक्षा कानून ( NSA) के तहत किसी को भी एक साल तक के लिए जेल में रखा जा सकता है। राज्य सरकार को लेकिन कार्रवाई के बाद बताना होता है कि उक्त शख्स पर राष्ट्रीय सुरक्षा कानून ( NSA) के तहत कार्रवाई की है। इस कानून के तहत एक प्रावधान यह भी है कि बिना आरोप तय किए किसी को भी 10 दिनों तक जेल में रखा जा सकता है।