कोरोना संक्रमण के कारण देश भर में जारी लॉकडाउन के बीच विभिन्न शहरों में फंस गए मज़दूरों को घर पहुंचाने के लिए आज सुबह पहली ट्रेन चलाई गई है। न्यूज एजेंसी पीटीआई के अनुसार ये ट्रेन तेलंगाना से झारखंड तक के लिए चली है। ये ट्रेन तेलंगाना के लिंगमपल्ली से 1200 प्रवासियों को झारखंड के हटिया तक जा रही है।
इसे शुक्रवार सुबह चार बजकर 50 मिनट पर रवाना किया गया। ट्रेन में 24 बोगियां हैं, यह अब तक प्रवासियों के लिए शुरू की गई पहली ट्रेन है। आरपीएफ के डीजी अरुण कुमार के अनुसार, 'शुक्रवार सुबह तेलंगाना सरकार के अनुरोध और रेल मंत्रालय के निर्देशों पर लिंगमपल्ली से हटिया के लिए विशेष ट्रेन चलाई गई। यात्रियों की पूर्व जांच, स्टेशन तथा ट्रेन में सामाजिक दूरी बनाने जैसे सभी आवश्यक एहतियाती कदम उठाए गए।'
दक्षिण मध्य रेलवे के एक प्रवक्ता ने बताया कि सभी यात्रियों की स्टेशन पर थर्मल जांच की गई, मास्क पहनना अनिवार्य किया गया और उन्हें भोजन उपलब्ध कराया गया क्योंकि ट्रेन गंतव्य से पहले कहीं नहीं रुकेगी। प्रवक्ता ने बताया कि सामाजिक दूरी नियम के पालन के लिए हर बोगी में केवल 54 यात्रियों को बैठने की ही अनुमति दी गई जबकि उसमें 72 लोगों के बैठने की व्यवस्था होती है।
कूपों में आठ के बजाय छह यात्रियों को सफर करने की अनुमति दी गई है। ट्रेन आज रात 11 बजे हटिया पहुंचेगी और उसमें सवार सभी प्रवासियों को पृथक केंद्रों में ले जाया जाएगा। करीब पांच हफ्ते के लॉकडाउन में ये पहला मौका है जब कोई ट्रेन आम लोगों के लिए चली है। ये कदम हाल में केंद्र सरकार के उस फैसले के बाद आया है, जिसमें उन मजदूरों, छात्रों और अन्य लोगों को उनके घर पहुंचाने की इजाजत दी गई थी जो संक्रमित नहीं हैं।
सरकार के निर्देश के बाद पंजाब, बिहार, राजस्थान, महाराष्ट्र सहित कई और राज्यों के नेताओं ने दूरी को देखते हुए प्रवासियों के लिए ट्रेन चलाने की मांग की थी। यह सवाल भी उठ रहा था कि गर्मी में लोग बसों में 3 से 4 दिन कैसे यात्रा कर सकते हैं? बस से बेहतर परिवहन का साधन ट्रेन हैं।
इस बीच सूत्रों के अनुसार सरकार मजदूरों और अन्य प्रवासियों के लिए अन्य जगहों पर ट्रेनों की शुरुआत कर सकती है। सरकार ने रेलवे को हर जगह से जुड़ी योजना भी जल्द से जल्द मुहैया कराने को कहा है।