कोरोना वायरस के कहर के चलते आज से सीकर जिले के खाटू श्याम मंदिर के द्वार भी 31 मार्च तक श्रद्धालुओं के लिए बंद कर दिये गये हैं। गुरुवार को मंदिर में दर्शनार्थियों को श्याम प्रभु के दर्षन बिना ही वापस लौटना पड़ा। कोरोना संक्रमण को रोकने के लिए राजस्थान सरकार ने प्रदेश में आगामी 21 मार्च से 2 अप्रेल के मध्य आयोजित होने वाले विश्व प्रसिद्ध गणगौर मेले सहित सात बड़े मेलों और उत्सवों का आयोजन रद्द कर दिया गया है।
उल्लेखनीय है कि इससे पूर्व बुधवार को राजस्थान के अजमेर जिले में विष्व प्रसिद्ध ब्रह्मा मंदिर, दौसा जिले का मेहंदीपुर बालाजी धाम और राजसमंद जिले के नाथद्वारा स्थित श्रीनाथ जी के मंदिरों के द्वार भी भक्तों के लिए बंद कर दिये गये है। हालांकि भक्तों के दर्षनों को सुविधा के लिए ब्रह्मा मंदिर सहित अन्य मंदिरों के बाहर लाइव दर्षन के लिए मंदिरों के बाहर एलईडी लगाई गई है।
वहीं, नाथद्वारा में श्रीनाथजी और कांकरोली स्थित प्रभु द्वारकाधीश मंदिर में 31 मार्च तक आठ में से चार झांकियों के दर्शन में श्रद्धालुओं को प्रवेश नहीं दिया जाएगा। श्रीनाथजी मंदिर में 348 साल में पहली बार भक्तों को दिनभर में होने वाली आठ झांकियों में से चार झांकी के दर्शनों (मंगला, राजभोग, आरती तथा शयन) में पहले आओ पहले पाओ के आधार पर सिर्फ 50 श्रद्धालुओं को ही प्रवेश दिया जाएगा। इसके बाद मंदिरों के पट बंद हो जाएंगे। इसी तरह उदयपुर शहर के प्रसिद्ध जगदीश मंदिर, अस्थल मंदिर, श्रीनाथजी मंदिर में 50 से ज्यादा भक्त एक जगह मौजूद रहकर भगवान के दर्शन नहीं कर सकेंगे। मेहंदीपुर बालाजी ट्रस्ट द्वारा भी भगवान के दर्शन 31 मार्च तक के लिए बंद कर दिए हैं।
अजमेर दरगाह में हौज से वुजू पर रोक लगा दी गई है। अब नल से ही वुजू कर सकेंगे। चित्तौड़गढ़ स्थित प्रसिद्ध सांवलियाजी मंदिर में दोपहर 12 से ढाई बजे के बीच आवाजाही बंद कर दी गई है। जैसलमेर के रामदेवरा मंदिर में दिन में तीन बार दर्शन की अनुमति होगी। पहले ऐसी कोई सीमा तय नहीं थी। वहीं गोविन्द देव जी के महंत अंजन कुमार गोस्वामी ने श्रृद्धालुओं से ऑनलाइन ही ठाकुरजी के दर्शन करने तथा मंदिर आने की स्थिति में पूर्ण सतर्कता बरतने की अपील की है।
21 मार्च को सीकर में होने वाला शेखावाटी पर्यटक उत्सव, 27-28 मार्च को जयपुर और शाहपुरा का गणगौर मेला, 27-29 मार्च तक उदयपुर का मेवाड़ उत्सव, करौली का कैलादेवी का लक्खी मेला, श्री महावीर जी का मेला और नागौर में 27 से 2 अप्रैल तक चलने वाले पशु मेलों का आयोजन निरस्त कर दिया गया है।