दिल्ली हाईकोर्ट ने दिल्ली सरकार को लगाई लताड़, बंद पड़े 150 बेड वाले निजी अस्पताल को न खोलने पर कहा- पानी सिर से ऊपर जा चुका है

By भाषा | Published: May 6, 2021 01:16 PM2021-05-06T13:16:26+5:302021-05-06T13:34:44+5:30

दिल्ली में कोविड-19 पीड़ित मरीजों की संख्या रिकॉर्ड स्तर पर पहुँच चुकी है। दिल्ली में कोविड से मरने वालों की संख्या भी रिकॉर्ड स्तर पर पहुँच चुकी है।

coronavirus in Delhi High court questions the reasoning for not opening a closed 150-bed private hospital | दिल्ली हाईकोर्ट ने दिल्ली सरकार को लगाई लताड़, बंद पड़े 150 बेड वाले निजी अस्पताल को न खोलने पर कहा- पानी सिर से ऊपर जा चुका है

delhi high court file photo

Highlightsदिल्ली हाईकोर्ट ने दिवालिया होने की वजह से बंद 150 निजी अस्पताल को न खोलने पर दिल्ली सरकार से जवाबतलब किया।उच्च न्यायालय ने दिल्ली सरकार के वकील से पूछा कि जब अस्पताल के मालिक तैयार हैं तो आपको क्या दिक्कत है।

नयी दिल्ली: दिल्ली उच्च न्यायालय ने दिवालिया प्रक्रिया की वजह से बंद 150 बिस्तरों वाले मल्टी स्पैश्यिलिटी अस्पताल का इस्तेमाल नहीं करने के दिल्ली सरकार के तर्क पर बृहस्पतिवार को सवाल उठाया जबकि इस अस्पताल की स्थापना करने वाले डॉक्टर ने इसके लिये अपनी मेडिकल टीम भेजने की पेशकश भी की है।

उच्च न्यायालय ने कोविड-19 महामारी की दूसरी लहर के मद्देनजर दिल्ली सरकार से ‘‘लीक से हटकर सोचने’’ के लिए कहा। अदालत ने कहा कि ‘‘हम सामान्य परिस्थिति में नहीं है’’ और राष्ट्रीय राजधानी में मरीजों के लिए अस्पतालों में बिस्तरों की कमी है। मुख्य न्यायाधीश डी एन पटेल और न्यायमूर्ति जसमीत सिंह की पीठ ने दिल्ली सरकार से कहा, ‘‘150 बिस्तर उपलब्ध हैं। हम हर जगह बिस्तर ढूंढने के लिए संघर्ष कर रहे हैं। हम हर दिन इसके लिए लड़ रहे हैं और आप कह रहे हैं कि इस अस्पताल का इस्तेमाल नहीं करेंगे। हमें इसका तर्क समझ नहीं आ रहा है।’’

अदालत ने कहा, ‘‘पानी सिर से ऊपर जा चुका है। वह (याचिकाकर्ता डॉक्टर) अपना अस्पताल खोलने की पेशकश दे रहे हैं, वह अपनी मेडिकल टीम लाने के लिए तैयार हैं, आपको और क्या चाहिए?’’ दिल्ली सरकार के स्थायी वकील संतोष के त्रिपाठी ने कहा कि अस्पताल अभी चालू नहीं है और सरकार के पास किसी निजी अस्पताल का संचालन अपने हाथ में लेने के लिए कोई नीति नहीं है।

अदालत ने कहा, ‘‘हम सामान्य परिस्थिति में नहीं हैं। आपको लीक से हटकर सोचना होगा। आप 150 बिस्तरों वाले अस्पताल को ऐसे कैसे जाने दे सकते हैं? आपको कोई पैसा खर्च नहीं करना। वह डॉक्टरों की अपनी टीम ला रहे हैं। उन पर कोई भी शर्त लगाइए।’’ अदालत ने दिल्ली सरकार को 12 मई को सुनवाई की अगली तारीख पर जवाब देने का निर्देश दिया है।

अदालत ने कहा कि जवाब में उन शर्तों का उल्लेख होना चाहिए जिन्हें अस्पताल चलाने के संबंध में याचिकाकर्ता पर लगाने की जरूरत है। उच्च न्यायालय डॉ. राकेश सक्सेना की याचिका पर सुनवाई कर रही थी जिसमें महामारी के दौर में राष्ट्रीय राजधानी में कोविड-19 मरीजों के इलाज के लिए फेब्रिस मल्टी स्पैश्यिलिटी हॉस्पिटल चलाने की अनुमति मांगी गई।

उन्होंने कहा कि केंद्र या दिल्ली सरकार 2019 से बंद अस्पताल का संचालन अपने हाथ में ले सकती हैं और कोविड-19 मरीजों के लिए वहां की सुविधाओं का इस्तेमाल कर सकती हैं। याचिका में उन्होंने अदालत से आपात स्थिति को देखते हुए अस्पताल को फिर से लाइसेंस दिए जाने का निर्देश देने का भी अनुरोध किया।

Disclaimer:  यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।

Web Title: coronavirus in Delhi High court questions the reasoning for not opening a closed 150-bed private hospital

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