कोविड-19 से लड़ने के लिए केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्रालय ऑनलाइन पढ़ाई के बाद ऑनलाइन परीक्षा के विकल्प से नए सत्र में विलंब की परेशानियों को दूर करने के लिए ब्लू प्रिंट तैयार करने में जुट गया है। मंत्रालय ने इसके लिए दो कमेटियों को गठन किया है। पहली कमेटी इग्नू कुलपति प्रो. नागेश्वर राय के नेतृत्व में ऑनलाइन एजुकेशन मॉडल को पूरे देश में प्रभावी ढंग से लागू करने के लिए गठित की गई है।
वहीं दूसरी कमेटी हरियाणा सेंट्रल यूनिवर्सिटी के कुलपति प्रो. रमेश चंद्र कुहाड़ के नेतृत्व में बनाई गई है। यह कमेटी विश्वविद्यालयों में ऑनलाइन परीक्षा का मॉडल केंद्र सरकार को सौंपेगी। इसके अलावा नए सत्र में पठन-पाठन की चुनौतियों से कैसे निपटा जाए और सत्र की शुरूआत में होने वाली देरी के लिए पाठ्यक्रम को काट-छांटकर कैसे समायोजित करना है। इसके लिए यूजीसी ने भी एक कमेटी का गठन किया है।
केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने लोकमत से विशेष बातचीत में कहा कि मंत्रालय सचिव अमित खरे कई बार सभी विभागों के साथ बैठक कर चुके हैं। देश में आईआईएम, आईआईटीज ने अपनी परीक्षाएं लॉकडाउन को ध्यामन में रखते हुए स्थगित कर दी हैं। इसके अलावा इंजीनियरिंग और मेडिकल कॉलेजों में दाखिले के लिए होने वाली जेईई मेन, एडवांस और नीट परीक्षा को भी लॉकडाउन तक स्थगित कर दिया गया है।
सीबीएसई, आईसीएससीई की दसवीं-बारवहीं की बोर्ड परीक्षाएं बीच में लटकी हुई हैं। इन सभी को लेकर एक योजना बनाई जा रही है। जिनमें दो स्तर पर काम किया जा रहा है। पहले तो यह कि कुछ परीक्षाएं ऑनलाइन आयोजित कर ली जाएं और कुछ परीक्षाओं को आयोजित करने के लिए लॉकडाउन खुलने और शिक्षण संस्थानों में पठन-पाठन शुरू होने तक इंतजार किया जाए।
एक अधिकारी ने यह भी कहा कि केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री इस बात पर विशेष ध्यान दे रहे हैं कि लॉकडाउन खुलने पर कोरोना संक्रमण को ध्यान में रखते हुए बोर्ड परीक्षाएं हों या विश्वविद्यालय या फिर अन्य परीक्षाएं सभी में सोशल डिस्टेंसिंग और फेसमास्क पहनने जैसी बातों का विशेष ध्यान रखा जाए। इन्हीं बातों को ध्यान में रखते हुए मंत्रालय की ओर से बहुत जल्द ऑनलाइन परीक्षा को लेकर एक गाइड लाइन भी जारी की जा सकती है। जिसमें छात्रों को ऑनलाइन परीक्षा का विकल्प चुनने की सलाह दी जाएगी।