Coronavirus: सरकार ने जनजातीय इलाकों के वन उत्पादों का न्यूनतम समर्थन मूल्य बढ़ाया

By भाषा | Published: May 2, 2020 05:41 AM2020-05-02T05:41:34+5:302020-05-02T05:41:34+5:30

सरकार ने देश के जनजातीय इलाकों में तैयार किये जाने वाले गौण वन उत्पादों के न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) में संशोधन कर दिया। इससे कोरोना वायरस महामारी से उत्पन्न कठिन परिस्थितियों के बीच जनजातीय उत्पादों को जरूरी समर्थन देने में मदद मिलेगी।

Coronavirus: Government raises minimum support price for forest products of tribal areas | Coronavirus: सरकार ने जनजातीय इलाकों के वन उत्पादों का न्यूनतम समर्थन मूल्य बढ़ाया

तस्वीर का इस्तेमाल केवल प्रतीकात्मक तौर पर किया गया है। (Image Source: Pixabay)

Highlightsसरकार ने शुक्रवार को देश के जनजातीय इलाकों में तैयार किये जाने वाले गौण वन उत्पादों के न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) में संशोधन कर दिया।इससे कोरोना वायरस महामारी से उत्पन्न कठिन परिस्थितियों के बीच जनजातीय उत्पादों को जरूरी समर्थन देने में मदद मिलेगी।

सरकार ने शुक्रवार को देश के जनजातीय इलाकों में तैयार किये जाने वाले गौण वन उत्पादों के न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) में संशोधन कर दिया। इससे कोरोना वायरस महामारी से उत्पन्न कठिन परिस्थितियों के बीच जनजातीय उत्पादों को जरूरी समर्थन देने में मदद मिलेगी।

एक सरकारी वक्तव्य में यह जानकारी देते हुये कहा गया है कि गौण वन उत्पादों के एमएसपी में हर तीन साल में एक बार समीक्षा की जाती है। जनजातीय मामलों के मंत्रालय द्वारा गठित मूल्यांकन प्रकोष्ठ यह समीक्षा करता है। इसमें कहा गया है कि सक्षम प्राधिकरण ने इस मामले में केन्द्रीय प्रायोजित इस योजना के मौजूदा प्रावधान में राहत देते हुये योजना के तहत आने वाले 49 गौण वन उत्पादों के एमएसपी में संशोधन किया है।

इसमें कहा गया है, ‘‘कोविड- 19 महामारी के कारण देश में वर्तमान में व्याप्त अप्रत्याशित और बहुत कठिन परिस्थितियों को देखते हुये जनजातीय वन उत्पादों के संग्रहकताओं को जरूरी समर्थन देने के लिये यह कदम उठाया गया है।’’

वक्तव्य में कहा गया है, एमएसपी में 16 से लेकर 66 प्रतिशत की वृद्धि से कम से कम देश के 20 राज्यों में छोटे और गौण जनजातीय उत्पादों की खरीद को समर्थन मिलेगा और तुरंत राहत पहुंच सकेगी।

Web Title: Coronavirus: Government raises minimum support price for forest products of tribal areas

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