संकट से जूझ रही पारले जी बिस्किट की लॉकडाउन में हुई बंपर बिक्री, टूट गया 82 सालों का रिकॉर्ड
By सुमित राय | Published: June 9, 2020 03:22 PM2020-06-09T15:22:54+5:302020-06-09T15:22:54+5:30
लॉकडाउन के दौरान पारले जी बिस्किट की बिक्री में रिकॉर्डतोड़ बढ़ोतरी हुई है और इसने पिछले 82 सालों के रिकॉर्ड को तोड़ दिया है।
कोरोना वायरस के संकट को रोकने के लिए देशभर में करीब दो महीने का लॉकडाउन था, जिस कारण लगभग सभी तरह के बिजनेस को नुकसान झेलना पड़ा, लेकिन इस दौरान पारले-जी की बंपर बिक्री हुई और पिछले 82 सालों का रिकॉर्ड टूट गया। पारले जी की रिकॉर्ड तोड़ बिक्री ऐसे समय में हुई है, जब कंपनी के प्रोडक्ट्स की खपत घटने से कर्मचारियों पर छंटनी की तलवार लटक रही थी।
लॉकडाउन के दौरान पारले-जी बिस्किट को किसी ने खुद खरीद कर खाया, तो किसी ने सैकड़ों किलोमीटर पैदल चलने वाले प्रवासियों की मदद के लिए बांटे। इस दौरान कंपनी की बिक्री में रिकॉर्ड बिक्री हुई है।
कंपनी का मार्केट शेयर 5 फीसदी बढ़ा
कंपनी ने सेल्स के नंबर नहीं बताए हैं, लेकिन ये जरूर कहा कि 3 महीने (मार्च, अप्रैल और मई) पिछले 8 दशकों में उसके सबसे अच्छे महीने रहे हैं। पारले प्रोडक्ट्स के कैटेगरी हेड मयंक शाह ने कहा कि कंपनी का कुल मार्केट शेयर करीब 5 फीसदी बढ़ा है और इसमें से 80-90 फीसदी ग्रोथ पारले-जी की सेल से हुई है।
क्यों बढ़ी पारले जी की सेल
मयंक शाह ने कहा, "यह आम आदमी का बिस्किट है, जो लोग ब्रेड अफोर्ड नहीं कर सकते वो पारले जी खरीद सकते हैं। कोरोना काल में लॉकडाउन के दौरान कई राज्य सरकारों और एनजीओ ने भी बड़े पैमाने पर पारले जी बिस्किट की खरीद की है।"
अन्य बिस्किट कंपनियों की बिक्री में भी हुई इजाफा
लॉकडाउन के दौरान पारले जी की बिक्री में रिकॉर्ड बढ़ोतरी हुई, लेकिन इस दौरान अन्य बिस्किट ब्रांड भी पीछे नहीं रहे। विशेषज्ञों का कहना है कि ब्रिटैनिया के गुड डे, टाइगर, बॉर्बन, मैरी, मिल्क बिकिज के साथ-साथ पारले कंपनी के मोनाको, हाईड एंड सीक और क्रैकजैक जैसे बिस्किटों की बिक्री में वृद्धि देखी गई।