तबलीगी जमात कार्यक्रम के कारण कई लोगों में कोविड-19 फैला, रेड्डी ने कहा-मौलाना मोहम्मद साद के बारे में जांच चल रही है
By भाषा | Published: September 21, 2020 02:58 PM2020-09-21T14:58:53+5:302020-09-21T14:58:53+5:30
दिल्ली पुलिस ने तबलीगी जमात के 233 सदस्यों को गिरफ्तार किया तथा 29 मार्च से संगठन के मुख्यालय से 2,361 लोगों को निकाला गया है। उन्होंने एक प्रश्न के लिखित उत्तर में कहा, ‘‘हालांकि, जमात प्रमुख मौलाना मोहम्मद साद के बारे में जांच चल रही है।
नई दिल्लीः केंद्रीय गृह मंत्रालय ने सोमवार को कहा कि दिल्ली के निजामुद्दीन क्षेत्र में मार्च के दौरान तबलीगी जमात के कार्यक्रम में हुए लोगों के एकत्रित होने के कारण कोरोना वायरस संक्रमण ‘कई व्यक्तियों’ तक फैल गया।
केंद्रीय गृह राज्य मंत्री जी किशन रेड्डी ने राज्यसभा में यह भी कहा कि दिल्ली पुलिस ने तबलीगी जमात के 233 सदस्यों को गिरफ्तार किया तथा 29 मार्च से संगठन के मुख्यालय से 2,361 लोगों को निकाला गया है। उन्होंने एक प्रश्न के लिखित उत्तर में कहा, ‘‘हालांकि, जमात प्रमुख मौलाना मोहम्मद साद के बारे में जांच चल रही है।
दिल्ली पुलिस की रिपोर्ट के अनुसार, कोविड-19 के प्रकोप के संबंध में विभिन्न प्राधिकरणों द्वारा जारी दिशा-निर्देशों और आदेशों के बावजूद, एक बंद परिसर के अंदर एक बहुत बड़ी सभा हुई जिसमें मास्क पहनने तथा संक्रमण मुक्त करने के नियमों का पालन नहीं हुआ तथा सामाजिक दूरी रखने के प्रावधानों को नजरअंदाज किया गया। मंत्री ने कहा, ‘‘इससे कई व्यक्तियों में कोरोना वायरस संक्रमण फैल गया।’’
लोकसभा में सोमवार को फैक्टर विनियमन संशोधन विधेयक लाया जायेगा
लोकसभा में सोमवार को फैक्टर विनियमन संशोधन विधेयक को विचार के लिये लाया जायेगा जिसमें सूक्ष्म, लघु और मध्यम उपक्रमों को रिण सुविधा प्राप्त करने के लिये अतिरिक्त रास्ते सुलभ कराने का प्रस्ताव किया गया है। फैक्टर विनियमन संशोधन विधेयक 2020 को निचले सदन में 14 सितंबर को पेश किया गया था । इसके माध्यम से फैक्टर विनियमन अधिनियम 2011 में संशोधन किया जा रहा है। उल्लेखनीय है कि जब एक पक्ष अपनी प्राप्तियां, जिनका भुगतान अभी नहीं किया गया है, उसे किसी दूसरे पक्ष को बेच देता है तो उसे फैक्टरिंग कहा जाता है।
विधेयक के उद्देश्यों एवं कारणों में कहा गया है कि इस बारे में वर्ष 2019-20 तथा वर्ष 2020-21 के बजट संबोधन में घोषणा की गई थी । इन संशोधनों के माध्यम से सूक्ष्म, लघु और मध्यम उपक्रमों की प्रत्यय सुविधा प्राप्त करने के लिये और रास्ते उपलब्ध कराकर, खासतौर पर व्यापार से प्राप्त होने वाली आय के माध्यम से सहायता प्रदान करने की बात कही गई है।
इसमें कहा गया है कि इसके तहत कार्यशील पूंजी की उपलब्धता में वृद्धि से सूक्ष्म, लधु और मध्यम उपक्रमों से जुड़े क्षेत्र के कारोबार में वृद्धि और देश में रोजगार को बढ़ावा मिल सकेगा। इसमें अन्य बातों के अलावा ‘प्रेषण’, ‘फैक्टर कारोबार’ और ‘प्राप्तव्यों’ की परिभाषा में संशोधन करने की बात कही गई है ताकि उन्हें अंतरराष्ट्रीय स्तर की परिभाषा के अनुरूप लाया जा सके।