‘ड्रग डिस्कवरी हैकाथॉन’ लॉन्च, कोरोना की दवा खोजने सहित 29 चुनौतियां, मई 2021 तक आएंगे परिणाम
By एसके गुप्ता | Published: July 2, 2020 07:43 PM2020-07-02T19:43:41+5:302020-07-02T19:43:41+5:30
देश के मेडिकल और इंजीनिरियंग के छात्र, प्रोफेशनल्स मिलकर भाग लेंगे और कोरोना वैक्सीन, दवा के अलावा देश की 28 अन्य चुनौतियों का समाधान ढूंढेंगे। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डा. हर्षवर्द्धन ने कहा कि यह हैकाथॉन कोरोना दवा की खोज में हो रहे प्रयासों को संबल देने के लिए अपने आप में एक अनोखी राष्ट्रीय पहल है।
नई दिल्लीः कोरोना महामारी से देश ही नहीं पूरा विश्व जूझ रहा है। ऐसे में कोरोना की वैक्सीन खोजने के लिए दुनिया भर के वैज्ञानिक लगे हुए हैं। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय और केंद्रीय मानव संसाधन एवं विकास मंत्रालय की ओर से इसी दिशा में ‘ड्रग डिस्कवरी हैकाथॉन’ की शुरुआत की गई है।
जिसमें देश के मेडिकल और इंजीनिरियंग के छात्र, प्रोफेशनल्स मिलकर भाग लेंगे और कोरोना वैक्सीन, दवा के अलावा देश की 28 अन्य चुनौतियों का समाधान ढूंढेंगे। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डा. हर्षवर्द्धन ने कहा कि यह हैकाथॉन कोरोना दवा की खोज में हो रहे प्रयासों को संबल देने के लिए अपने आप में एक अनोखी राष्ट्रीय पहल है।
इस पहल में कंप्यूटर विज्ञान, रसायन विज्ञान, फार्मेसी, चिकित्सा, और जैव प्रौद्योगिकी (बायोटेक्नोलॉजी) जैसे विभिन्न क्षेत्रों के पेशेवर, शिक्षक, शोधकर्ता और छात्र भाग लेंगे। केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ने कहा कि किसी दवा की खोज करना एक बेहद जटिल और महंगी प्रक्रिया है। जिसे कम समय और कम लागत में पूरा करने के लिए कम्प्यूटेशनल ड्रग डिज़ाइन प्रक्रिया का उपयोग किया जा रहा है।
अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद के पास विभिन्न हैकाथॉन आयोजित करने का काफी अनुभव
मानव संसाधन विकास मंत्रालय और अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद के पास विभिन्न हैकाथॉन आयोजित करने का काफी अनुभव है लेकिन यह पहली बार होगा कि हम हैकाथॉन मॉडल का उपयोग एक महाविनाशिकारी वैज्ञानिक चुनौती से निपटने के लिए कर रहे हैं। इससे भी महत्वपूर्ण बात यह है कि यह पहल दुनिया भर के शोधकर्ताओं के लिए है क्योंकि हम अपने प्रयासों में अंतरराष्ट्रीय प्रतिभाओं को शामिल करने के लिए भी इच्छुक हैं।
लॉन्च कार्यक्रम में मानव संसाधन विकास राज्य मंत्री संजय धोत्रे ने कहा कि हमारी सरकार ने देश में हैकाथॉन संस्कृति की शुरुआत की है। इससे हमारे देश के युवा समय समय पर आने वाली चुनौतियों के लिए तैयार होते हैं। क्योंकि यह इवेंट उन्हें चुनौतियों का समाधान ढूंढने के लिए प्रेरित करता है।
इस मौके पर प्रधानमंत्री के प्रमुख वैज्ञानिक सलाहकार प्रो.के विजय राघवन, अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद के अध्यक्ष प्रो अनिल सहस्रबुद्धे, वैज्ञानिक और औद्योगिक अनुसंधान परिषद के महानिदेशक डॉ शेखर मंडे, अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद के सचिव डॉ राजीव कुमार, फार्मेसी काउंसिल ऑफ इंडिया के अध्यक्ष प्रो बी सुरेश और मानव संसाधन विकास मंत्रालय के मुख्य नवाचार अधिकारी डॉ अभय जेरे मुख्य रूप से उपस्थित थे।
हैकाथॉन में ऐसे होगी खोज :
इस हैकाथॉन को तीन ट्रैक्स में पूरा किया जाएगा। पहले ट्रैक में ड्रग डिज़ाइन के लिए कम्प्यूटेशनल मॉडल का इस्तेमाल किया जायेगा या मौजूदा डाटाबेस से ऐसे कंपाउंड की पहचान की जाएगी जो कि सार्स-कोव-2 (SARS-CoV-2) को रोकने की क्षमता वाला हो।
दूसरे ट्रैक में प्रतिभागियों को डाटा एनालिटिक्स और आर्टिफिशल इंटेलिजेंस एवं मशीन लर्निंग का उपयोग करके नए उपकरण और एल्गोरिदम विकसित करने के लिए प्रोत्साहित किया जायेगा ताकि न्यूनतम विषाक्तता और अधिकतम विशिष्टता के साथ दवा जैसे कंपाउंड को ढूँढा जा सके। तीसरे ट्रैक में मून-शॉट दृष्टिकोण के द्वारा केवल नए और अनूठे विचारों को देखा व समझा जायेगा।