कोविड-19ः मृत्यु दर 1.76 प्रतिशत, जबकि वैश्विक औसत 3.3%, मंत्रालय ने कहा-ब्राजील-ब्रिटेन में क्रमश: 12 और 13 गुना अधिक

By भाषा | Published: September 2, 2020 05:54 PM2020-09-02T17:54:19+5:302020-09-02T17:54:19+5:30

मंत्रालय ने कहा, ‘प्रति 10 लाख की आबादी पर वैश्विक औसत 110 है, जबकि भारत में यह 48 है। तुलनात्मक रूप से ब्राजील और ब्रिटेन में यह संख्या क्रमश: 12 और 13 गुना अधिक है।’

Coronavirus Delhi Death rate 1.76 percent global average 3.3% Ministry Brazil and Britain 12 and 13 times higher respectively | कोविड-19ः मृत्यु दर 1.76 प्रतिशत, जबकि वैश्विक औसत 3.3%, मंत्रालय ने कहा-ब्राजील-ब्रिटेन में क्रमश: 12 और 13 गुना अधिक

देश भर में स्वास्थ्य सेवाओं को मजबूत करने में मदद मिली है। करीब 1,578 विशेष कोविड अस्पताल चिकिस्ता सुविधा प्रदान कर रहे हैं। (file photo)

Highlightsस्वास्थ्य मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक भारत में कोविड- 19 के 78,357 नए मामले सामने आने के बाद बुधवार को देश में संक्रमितों की कुल संख्या 37 लाख के आंकड़े को पार कर गई। अब तक 29 लाख से अधिक मरीज इस रोग से उबर चुके हैं और मरीजों के संक्रमण मुक्त होने की दर बढ़ कर 76.98 प्रतिशत हो गई है।अद्यतन आंकड़ों के अनुसार पिछले 24 घंटे में 1,045 और मरीजों की मौत के बाद कुल मृतक संख्या बढ़कर 66,333 हो गई।

नई दिल्लीः केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने बुधवार को कहा कि देश में कोविड-19 से होने वाली मृत्यु की दर घट कर 1.76 प्रतिशत हो गई है। भारत सहित कुछ अन्य देशों में यह दर इतनी कम है, जबकि वैश्विक औसत 3.3 प्रतिशत है। मंत्रालय ने यह भी कहा कि प्रति 10 लाख की आबादी पर कोविड-19 से इतनी कम मृत्यु दर के मामले में भारत विश्व के गिने-चुने देशों में शामिल है।

मंत्रालय ने कहा, ‘प्रति 10 लाख की आबादी पर वैश्विक औसत 110 है, जबकि भारत में यह 48 है। तुलनात्मक रूप से ब्राजील और ब्रिटेन में यह संख्या क्रमश: 12 और 13 गुना अधिक है।’ केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक भारत में कोविड- 19 के 78,357 नए मामले सामने आने के बाद बुधवार को देश में संक्रमितों की कुल संख्या 37 लाख के आंकड़े को पार कर गई। वहीं, अब तक 29 लाख से अधिक मरीज इस रोग से उबर चुके हैं और मरीजों के संक्रमण मुक्त होने की दर बढ़ कर 76.98 प्रतिशत हो गई है।

केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा सुबह आठ बजे जारी किए गए अद्यतन आंकड़ों के अनुसार पिछले 24 घंटे में 1,045 और मरीजों की मौत के बाद कुल मृतक संख्या बढ़कर 66,333 हो गई। मंत्रालय के अद्यतन आंकड़ों के मुताबिक देश में कोविड-19 के अब तक कुल 37,69,523 मामले सामने आए हैं। मंत्रालय ने कहा कि केंद्र, राज्य और केंद्र शासित प्रदेशों के समन्वित प्रयासों से देश भर में स्वास्थ्य सेवाओं को मजबूत करने में मदद मिली है। करीब 1,578 विशेष कोविड अस्पताल चिकिस्ता सुविधा प्रदान कर रहे हैं।

प्रोटोकॉल में शामिल देखभाल दिशानिर्देशेां के मानक भी जारी किये

केंद्र सरकार ने क्लीनिकल उपचार प्रोटोकॉल में शामिल देखभाल दिशानिर्देशेां के मानक भी जारी किये हैं। नयी दिल्ली स्थित अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) मृत्यु दर घटाने के लिये गंभीर मरीजों के क्लीनिकल प्रबंधन में आईसीयू चिकित्सकों को दक्ष करने की खातिर ई-आईसीयू सत्र संचालित कर रहा है।

राज्य के अस्पतालों में आईसीयू के चिकित्सकों के लिये हफ्ते में दो बार टेली या वीडियो परामर्श सत्र भी विशेषज्ञों द्वारा संचालित किया जा रहा है। मंत्रालय ने कहा कि आज की तारीख तक उनमें 204 संस्थानों ने भाग लिया है। आईसीयू को और कारगर बनाने, गंभीर मरीजों के उपचार के लिये चिकित्सकों की क्लीनिकल प्रबंधन निपुणता को बढ़ाने के उद्देश्य से एम्स, नयी दिल्ली ने स्वास्थ्य मंत्रालय के सहयोग से अक्सर पूछे जाने वाले सवाल (एफएक्यू) तथा उनके जवाब तैयार किये हैं।

रेमडेसिविर और टोसीलीजुमैब प्रायोगिक उपचार

मंत्रालय ने कहा कि इनमें से एक में यह स्पष्ट किया गया है कि रेमडेसिविर और टोसीलीजुमैब प्रायोगिक उपचार हैं तथा उनका उपयोग संदिग्ध मरीजों के प्रयोग सिद्ध इलाज में नहीं किया जाना चाहिए। उनका उपयोग सिर्फ प्रमाणित कोविड-19 मरीजों में किया जाना चाहिए। इस बारे में कोई साक्ष्य नहीं है जो पहले से किसी अन्य बीमारी से ग्रसित कोविड-19 के बगैर लक्षण वाले मरीजों में इनके उपयोग का समर्थन करता हो। एक जवाब में मंत्रालय ने कहा है कि टोसीलीजुमैब एक प्रायोगिक उपचार है, जिसकी एक सीमित भूमिका है और इसका उपयोग सिर्फ साइकोटीन सिंड्रोम वाले मरीजों में किया जाना चाहिए।

फेवीपिराविर की भूमिका के बारे में मंत्रालय ने कहा है कि अध्ययनों में इस दवा का उपयोग हल्के मुख्य रूप से हल्के या बगैर लक्षण वाले कोविड-19 के मरीजों पर किया गया, जबकि इनमें से ज्यादातार मरीज सिर्फ देखभाल एवं निगरानी से इस रोग से उबर गये और उन्हें किसी विशेष उपचार की जरूरत नहीं पड़ी।

मंत्रालय ने कहा कि फेवीपिराविर के उपयोग के लिये साक्ष्य कमजोर हैं और फिलहाल राष्ट्रीय दिशानिर्देशों में इसकी सिफारिश नहीं जा रही है। इनमें से एक सवाल के जवाब में यह भी कहा गया है कि कोविड-19 के मरीजों में अवसाद एक सामान्य बात है जो कई कारणों से हो सकता है। जैसे कि एकांत में रहना, रोग से जुड़ी बेचैनी, सामाजिक बदनामी आदि। ऐसे मरीजों को हमदर्दी और मनोचिकित्सीय परामर्श की जरूरत होती है। वहीं, प्लाम्मा थैरेपी के बारे में कहा गया है कि इसे भी एक प्रायोगिक उपचार माना जाना चाहिए और इसका उपयोग सावधानीपूर्वक किया जाना चाहिए।

Web Title: Coronavirus Delhi Death rate 1.76 percent global average 3.3% Ministry Brazil and Britain 12 and 13 times higher respectively

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