Coronavirus: मेरी सरकार को गिराने के लिए लॉकडाउन में की देरी: कमलनाथ का नरेंद्र मोदी सरकार पर आरोप
By लोकमत समाचार ब्यूरो | Published: April 13, 2020 05:49 AM2020-04-13T05:49:38+5:302020-04-13T05:49:38+5:30
उन्होंने आरोप लगाया कि संसद की कार्रवाई को इसके लिए वे चलाते रहे ताकि मध्य प्रदेश में विधानसभा का सत्र चले और भाजपा मेरी सरकार को गिराने में सफल हो जाए. उन्होंने कहा कि कोरोना वायरस संक्रमण के इस संकटकाल में मध्य प्रदेश में न तो मंत्रिमंडल है और न ही राज्य में स्वास्थ्य मंत्री और गृह मंत्री है. भाजपा केवल मध्य प्रदेश के लोगों को बेवकूफ बना रही है.
मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और मुख्यमंत्री शिवराज सिंह पर जमकर हमाला बोला है. उन्होंने कहा कि मोदी ने मध्य प्रदेश में मेरी सरकार को गिराने के लिए लॉकडाउन में देरी की. उन्होंने आरोप लगाया कि संसद की कार्रवाई को इसके लिए वे चलाते रहे ताकि मध्य प्रदेश में विधानसभा का सत्र चले और भाजपा मेरी सरकार को गिराने में सफल हो जाए. उन्होंने कहा कि कोरोना वायरस संक्रमण के इस संकटकाल में मध्य प्रदेश में न तो मंत्रिमंडल है और न ही राज्य में स्वास्थ्य मंत्री और गृह मंत्री है. भाजपा केवल मध्य प्रदेश के लोगों को बेवकूफ बना रही है.
यूट्यूब चैनल के जरिए पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने प्रेस कांफ्रेंस कर यह आरोप लगाए. उन्होंने कहा कि मध्य प्रदेश में मेरी सरकार को गिराने के लिए संसद को चलाया जाता रहा, ताकि मध्य प्रदेश में विधानसभा का सत्र चले और मेरी सरकार को गिराया जा सके. इसके चलते कोरोना संकट को देखते हुए भी प्रधानमंत्री ने लॉकडाउन नहीं लगाया, जबकि राहुल गांधी ने लॉकडाउन करने की बात कही थी, मगर उनका मजाक उड़ाया गया. पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि भाजपा मध्य प्रदेश के लोगों को बेवकूफ बना रही है, क्योंकि इतने गंभीर संकट में भी राज्य में न कोई मंत्रिमंडल है, न ही कोई स्वास्थ्य मंत्री या गृह मंत्री है.
कमलनाथ ने कहा कि मैंने 20 मार्च को इस्तीफा दिया, मगर लाकडाउन का ऐलान तब हुआ जब 23 मार्च को शिवराज सिंह चौहान ने मुख्यमंत्री पद की शपथ ले ली. उन्होंने कहा कि बतौर मुख्यमंत्री मैंने उस वक्त कोरोना के फैलाव को रोकने के लिए कुछ फैसले लिए थे. हमने शापिंग माल, स्कूल आदि को 8 मार्च को ही बंद करने का आदेश दिया. तब कोई लाकडाउन नहीं था, मगर हमने परिस्थिति की गंभीरता को देखते हुए कुछ कदम उठाए थ. उन्होंने यह भी कहा कि जब विधानसभा अध्यक्ष ने कोरोना के खतरे के मद्देनजर सदन स्थगित कर रहे हैं, तो उनका मजाक उड़ाया गया. मगर देखो बाद में क्या हुआ. पूरे देश को लाकडाउन कर दिया गया.
सिंधिया को लेकर उन्होंने कहा कि उनकी सिंधिया से 29 मार्च को दिल्ली में मुलाकात हुई, इस दौरान उन्होंने जौरा उपचुनाव को लेकर चर्चा की, लेकिन कहीं भी सिंधिया के रुख से ऐसा नहीं लगा कि वे ऐसा कदम उठाएंगे. सिंधिया समर्थक 22 विधायकों के भाजपा में जाने पर उन्होंने कहा कि यह लोग मैदान में जाएंगे तब जनता इनसे पूछेगी कि आखिरकार वह इन्हें अब क्यों चुनें, जब उन्होंने खुद को बेच दिया है. उन्होंने कहा कि उपचुनाव में बड़ी विचित्र स्थिति बनेगी कि वह लोग जो जिंंदगी भर भाजपा का झंडा उठाए रहे, आखिरकार कैसे अब पार्टी में आए नए लोगों को जिताने के लिए काम करेंगे.