Coronavirus: उत्तर प्रदेश की जिला अदालतों को 20 अप्रैल से खोलने का फैसला वापस लिया गया
By भाषा | Updated: April 20, 2020 06:34 IST2020-04-20T06:34:14+5:302020-04-20T06:34:42+5:30
18 अप्रैल को कोरोना वायरस से पीड़ित जिलों को छोड़कर उत्तर प्रदेश की जिला अदालतों को खोलने का निर्णय किया गया था। लेकिन प्रतिकूल रिपोर्ट आने के बाद अदालतों को खोलने का निर्णय वापस ले लिया गया है।

तस्वीर का इस्तेमाल केवल प्रतीकात्मक तौर पर किया गया है। (फाइल फोटो)
इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने वैश्विक कोरोना वायरस महामारी की भयावहता को देखते हुए 20 अप्रैल से जिला अदालतों को खोलने का फैसला रविवार को वापस ले लिया।
जिला सूचना कार्यालय की ओर से जारी एक विज्ञप्ति के मुताबिक, “इलाहाबाद उच्च न्यायालय के निबंधक (शिष्टाचार) आशीष कुमार श्रीवास्तव ने बताया कि 27 अप्रैल तक जिला अदालतें, कामर्शियल कोर्ट, वाहन दुर्घटना दावा अधिकरण एवं भूमि अधिग्रहण व पुनर्वास अधिकरण केवल अतिआवश्यक मुकदमों की ही सुनवाई करेंगे। अदालतें आम लोगों के लिए बंद रहेगी।”
इलाहाबाद उच्च न्यायालय के महानिबंधक अजय कुमार श्रीवास्तव ने सभी जिला न्यायाधीशों/ पीठासीन अधिकारियों को आदेश जारी कर इसका कड़ाई से पालन करने का निर्देश दिया है।
उल्लेखनीय है कि 18 अप्रैल को कोरोना वायरस से पीड़ित जिलों को छोड़कर उत्तर प्रदेश की जिला अदालतों को खोलने का निर्णय किया गया था। लेकिन प्रतिकूल रिपोर्ट आने के बाद अदालतों को खोलने का निर्णय वापस ले लिया गया है।
अब इस संबंध में 27 अप्रैल को आगे की कार्य योजना पर विचार कर निर्णय किया जायेगा।