कोरोना वायरस महामारी के संक्रमण को रोकने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को 21 दिनों के लॉकडाउन की घोषणा की थी। कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लेटर लिखकर इस कदम की तारीफ की है और इसके साथ ही उन्होंने लॉकडाउन की अवधि में तुरंत लागू किए जाने वाले सुझाव भी दिए हैं।
सोनिया गांधी ने चार पेज के लेटर में लिखा है, 'कांग्रेस के अध्यक्ष के रूप में मैं यह बताना चाहूंगी कि हम महामारी की रोकथाम सुनिश्चित करने के लिए केंद्र सरकार द्वारा उठाए गए हर कदम का समर्थन और सहयोग करेंगे।'
उन्होंने आगे लिखा है, '"इस चुनौतीपूर्ण और अनिश्चित समय में हममें से प्रत्येक के लिए यह आवश्यक है कि हम पक्षपातपूर्ण हितों से ऊपर उठें और अपने देश के प्रति और वास्तव में मानवता के प्रति अपने कर्तव्य का सम्मान करें।'
सोनिया गांधी ने नरेंद्र मोदी से आग्रह किया कि 'न्यूनतम आय गारंटी योजना' (न्याय) लागू करके आजीविका के संकट का सामना कर रहे मजदूरों एवं गरीबों के खातों में आर्थिक मदद भेजी जाए और किसानों एवं छोटे कारोबारियों को राहत देने के लिए कदम उठाए जाएं।
कांग्रेस अध्यक्ष ने आग्रह किया कि कोरोना वायरस से लड़ रहे चिकित्साकर्मियों के लिए एन-95 मास्क एवं दूसरे सभी स्वास्थ्य सुरक्षा उपकरण उपलब्ध कराए जाएं। उन्होंने कहा कि मजदूरों और गरीबों को राहत देने के लिए न्याय योजना लागू करके उनके खातों में सीधी आर्थिक मदद भेजी जाए।
कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा, 'इस समय भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस द्वारा प्रस्तावित ‘न्याय योजना’ यानि ‘न्यूनतम आय गारंटी योजना’ को लागू करना सबसे ज्यादा जरूरी है। इस मुश्किल दौर में जिन गरीबों पर इस महामारी की सबसे ज्यादा आर्थिक मार पड़ने वाली है, उन्हें न्याय योजना से सबसे अधिक राहत मिलेगी।'
दरअसल, पिछले लोकसभा चुनाव के समय ठीक एक साल पहले तत्कालीन कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने 25 मार्च को ‘न्याय’ का वादा किया था। इसके तहत देश के करीब पांच करोड़ गरीब परिवारों को सालाना 72 हजार रुपये देने का वादा किया गया था।
सोनिया ने प्रधानमंत्री से आग्रह किया, 'इस विपदा की घड़ी में किसानों के ऋण व बकाया राशि की वसूली को छः महीनों के लिए रोक दिया जाना चाहिए एवं नए सिरे से तथा उदार हृदय से किसानों की कर्जमुक्ति के बारे में निर्णय लिया जाना चाहिए।'
उन्होंने छोटे एवं मध्यम व्यापारियों की दिक्कतों का उल्लेख करते हुए कहा, 'केंद्र सरकार को हर सेक्टर के लिए विशेष राहत पैकेजों की घोषणा करनी चाहिए तथा उन्हें आवश्यक टैक्स ब्रेक, ब्याज माफी एवं देनदारियों पर छूट अनिवार्य होना चाहिए।'
बता दें कि कोरोना वायरस से संक्रमित लोगों की संख्या भारत में 600 से पार पहुंच गई है, जबकि इस महामारी से 13 लोग अपनी जान गंवा चुके हैं। दुनियाभर में कोरोना की चपेट में 4.71 लाख से ज्यादा लोग आ चुके हैं और मरने वालों की संख्या 21 हजार को पार कर गई है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कोरोना के बढ़ते संक्रमण को रोकने के लिए मंगलवार को पूरे देश में 21 दिनों के लॉकडाउन की घोषणा की थी। इसके बाद केंद्र सरकार ने बताया कि इस अवधि तक सड़क, रेल और हवाई सेवाएं स्थगित रहेंगी, लेकिन जरूरी सेवाओं की चीजें पहले की तरह ही चलती रहेंगी।
इसके बाद गृह मंत्रालय ने छह पन्नों का एक दिशानिर्देश जारी किया, जिसके मुताबिक रियायती मूल्य पर सामान देने वाले, खाने पीने के सामान, किराने की दुकान, सब्जी, फल, मांस, मछली और जानवरों के खाने के दुकानें खुली रहेंगी।(भाषा से इनपुट)