Coronavirus: कोरोना काल में दो आतंकी गुटों में शुरू हुई वर्चस्व की लड़ाई
By सुरेश एस डुग्गर | Updated: April 27, 2020 00:00 IST2020-04-27T00:00:09+5:302020-04-27T00:00:09+5:30
कश्मीर घाटी में पिछले कुछ समय से सुर्खियों में आए आतंकी संगठन द रेजिस्टेंस फ्रंट (टीआरएफ) ने आतंकी संगठन हिजबुल मुजाहिदीन को अपनी हरकतों से बाज आने की चेतावनी दी है। टीआरएफ ने कहा कि कश्मीरी लोग हमारे भाई हैं और अगर उनके साथ किसी प्रकार का भी अत्याचार होता है, तो हम उसे नहीं छोड़ेंगे। इसका खुलासा हुआ है टीआरएफ संगठन के कमांडर द्वारा जारी किए गए पत्र में।

तस्वीर का इस्तेमाल केवल प्रतीकात्मक तौर पर किया गया है। (फाइल फोटो)
जहां दुनिया कोरोना से लड़ रही है, आतंकी गुटों ने आपस में लड़ना शुरू किया है। कश्मीर में दो आतंकी गुटों में यह लड़ाई वर्चस्व की है। सुरक्षाधिकारियों को चिंता इस बात की है कि यह लड़ाई खूरेंजी भी हो सकती है क्योंकि अतीत में कई बार वर्चस्व की लड़ाई में कई आतंकी गुट एक-दूसरे के सदस्यों को मौत के घाट उतार चुके हैं।
कश्मीर घाटी में पिछले कुछ समय से सुर्खियों में आए आतंकी संगठन द रेजिस्टेंस फ्रंट (टीआरएफ) ने आतंकी संगठन हिजबुल मुजाहिदीन को अपनी हरकतों से बाज आने की चेतावनी दी है। टीआरएफ ने कहा कि कश्मीरी लोग हमारे भाई हैं और अगर उनके साथ किसी प्रकार का भी अत्याचार होता है, तो हम उसे नहीं छोड़ेंगे। इसका खुलासा हुआ है टीआरएफ संगठन के कमांडर द्वारा जारी किए गए पत्र में। यह बयान टीआरएफ के कमांडर हमजा द्वारा शुक्रवार को जारी किया गया है। जारी बयान में कमांडर हमजा ने कहा कि कुछ दिन पहले हमने हिज्ब से कश्मीरी पुलिस वालों और स्थानीय लोगों की हत्या पर रोक लगाने के लिए चेतावनी दी थी। इसके बावजूद शोपियां से एक जम्मू कश्मीर पुलिस के एक पुलिसकर्मी को अगवा किया।
इतना ही नहीं हिज्ब की ओर इशारा करते हुए हमजा ने यह भी कहा कि सोचा था कि हम साथ मिलकर लड़ेंगे लेकिन यह हमारी बड़ी गलती थी। उसने बताया कि कमांडर अब्बास के हिज्ब को छोड़ने के पीछे भी यही कारण था कि वो भी कश्मीरी पुलिस वालों और स्थानीय लोगों की हत्या के खिलाफ थे। हम अब हर उस शख्स के खिलाफ जंग लड़ेंगे जो किसी भी कश्मीरी को मारता है या उसे नुकसान पहुंचाता है।
शुक्रवार को तहरीक ए पुपिल्स पार्टी ने एक हाथ से लिखा हुआ पोस्टर जारी किया, जिसमें दावा किया गया कि उसके आप्रेशनल कमांडर अब्बास ने हिज्बुल मुजाहिदीन को छोड़ दिया है क्योंकि वह कश्मीरी पुलिसकर्मियों और नागरिकों को मारने की नीति से असहमत था। सूत्रों के मुताबिक अब्बास पूरी तरह से भूमिगत हो गया है। हिजबुल से और साथ ही सुरक्षा बलों को टीआरएफ के साथ अपने बचाव करते हुए दोनों से छिपा हुआ है।
सूत्रों ने कहा कि अब्बास के 12 सक्रिय सदस्य होने और जमीनी कार्यकर्ताओं (ओजीडब्ल्यू) की एक अज्ञात संख्या होने का दावा है। हालांकि, टीआरएफ को शुक्रवार को अब्बास के दलबदल पर एक बयान जारी करने की जल्दी थी। अपने इस्लामिक जिहादी लोगो और विजय तक प्रतिरोध के आदर्श वाक्य के साथ एक लेटर हेड पर, टीआरएफ ने कहा कि कुछ दिन पहले हमने हिज्ब को कश्मीरी पुलिसकर्मियों या नागरिकों को मारने से रोकने के लिए चेतावनी दी थी।