केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने गुरूवार को कांग्रेस की आलोचना करते हुए कहा कि विपक्षी पार्टी कोरोना वायरस के मुद्दे पर ‘तुच्छ राजनीति’ कर रही है और उसे लोगों को ‘गुमराह’ करने की बजाए देशहित में सोचना चाहिए ।
शाह की यह टिप्पणी ऐसे समय में आई जब कुछ ही घंटे पहले कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने सरकार पर देशव्ययापी लॉकडाउन को बिना योजना बनाए लागू करने का आरोप लगाया और कहा कि इससे लाखों लोगों को परेशानी हुई है ।
गृह मंत्री ने अपने ट्वीट में कहा, ‘‘ प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में कोरोना वायरस के खिलाफ लड़ाई में भारत के प्रयासों की घरेलू और वैश्विक स्तर पर प्रशंसा हो रही है। 130 करोड़ भारतीय कोविड-19 को परास्त करने में एकजुट हैं । ’’ उन्होंने कहा, ‘‘ इसके बावजूद, कांग्रेस तुच्छ राजनीति कर रही है । वक्त की जरूरत है कि वे (कांग्रेस) देशहित में सोचें और लोगों को गुमराह करना बंद करें । ’’
बता दें कि कांग्रेस की शीर्ष नीति निर्धारण इकाई कांग्रेस कार्य समिति (सीडब्ल्यूसी) ने गुरुवार को देश में कोरोना संकट पर चर्चा की और केंद्र सरकार से आग्रह किया कि मुश्किलों का सामना कर रहे मजदूरों, किसानों और गरीबों को सहायता देने के लिए नयी वित्तीय कार्य योजना की घोषणा की जाए। सोनिया गांधी की अध्यक्षता में बैठक के बाद सीडब्ल्यूसी ने एक बयान जारी कर यह भी कहा कि देश की अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने के लिए सरकार प्रख्यात अर्थशास्त्रियों को शामिल करते हुए आर्थिक कार्यबल का गठन करे। उसने कोरोना के खिलाफ लड़ रहे चिकित्साकर्मियों को हर सुविधा और सभी निजी सुरक्षा उपकरण उपलब्ध करने की मांग की।
सीडब्ल्यूसी ने कहा, ''कोरोना से इस जंग में हम देश की ओर से हमारे डॉक्टर, नर्स, स्वास्थ्यकर्मियों, सफाई कर्मचारियों, पुलिसकर्मियों व अधिकारियों, जरूरी सेवा देने वाले सभी विभागों के कर्मियों का विशेष तौर से धन्यवाद करते हैं।'' उसने कहा, '' वायरस को फैलने से रोकने के लिए व्यापक व प्रभावी टेस्टिंग, संक्रमित व्यक्तियों का इलाज एवं महामारी से लड़ने के लिए क्षमता, बुनियादी ढांचे तथा मानव संसाधनों का विस्तार बहुत जरूरी है।''''
कांग्रेस कार्य समिति ने गरीब लोगों, खासकर दैनिक मजदूरों, प्रवासी मजदूरों, संविदा व अस्थायी कर्मियों, छंटनी किए गए मजदूरों, स्वरोजगारियों, किसानों, पट्टे पर खेती करने वाले किसानों, भूमिहीन कृषि मजदूरों और छोटे एवं मध्यम उद्योगों की मदद की मांग की।
सीडब्ल्यूसी ने सरकार द्वारा घोषित पैकेज को नाकाफी करार दिया और कहा, '' नयी वित्तीय कार्य योजना घोषित की जाए। साथ ही कांग्रेस सरकार द्वारा प्रस्तुत की गई ‘न्याय योजना’ एक उपयोगी मॉडल प्रस्तुत करती है, जिसे अपनाकर लागू किया जा सकता है।'' सीडब्ल्यूसी ने कहा '' सरकार ने बिगड़ती आर्थिक स्थिति के बारे में कोई विचार नहीं किया। यह स्थिति किसी भी देरी को स्वीकार नहीं कर सकती।''''
उसने आग्रह किया कि केंद्र सरकार को विश्व के प्रख्यात अर्थशास्त्रियों को लेकर तत्काल एक आर्थिक कार्य बल का गठन करना चाहिए, जो अर्थव्यवस्था को पुनः पटरी पर लाने का काम करे। कांग्रेस कार्य समिति ने कहा, ''''गठन के बाद इस कार्यबल को एक हफ्ते की आपात योजना, एक माह की लघुकालिक एवं मध्यमकालिक तथा तीन माह की दीर्घकालिक योजना पर काम करना चाहिए।''''