बिहार में 43,591 केस, पटना एम्स में उम्मीद की नई किरण, वैक्सीन के साथ इकोमा पद्धति से इलाज, 2480 नए मरीज
By एस पी सिन्हा | Published: July 28, 2020 03:40 PM2020-07-28T15:40:01+5:302020-07-28T15:40:01+5:30
कोरोना संक्रमितों की संख्या बढ़कर 43,591 हो गई है. इसबीच, पटना के अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान के अधीक्षक डॉ. सीएम सिंह ने उम्मीद जताई है कि अगर सब कुछ ठीक रहा तो नवंबर के अंत तक भारत में कोरोना वैक्सीन का उत्पादन शुरू हो जाएगा.
पटनाः बिहार में कोरोना रफ्तार तेज है। लगातार मामला बढ़ रहा है. स्वास्थ्य विभाग की तरफ से जारी ताजे आंकडे़ के मुताबिक राज्य में 2480 ने संक्रमित मरीजों की पुष्टि हुई है. जिसमें अकेले पटना में 411 संक्रमित मामले सामने आए हैं.
इसके साथ ही राज्य में कोरोना संक्रमितों की संख्या बढ़कर 43,591 हो गई है. इसबीच, पटना के अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान के अधीक्षक डॉ. सीएम सिंह ने उम्मीद जताई है कि अगर सब कुछ ठीक रहा तो नवंबर के अंत तक भारत में कोरोना वैक्सीन का उत्पादन शुरू हो जाएगा.
दरअसल, पटना संस्थान में 40 वालंटियरों पर हो रहे पहले चरण के मानव परीक्षण के सकारात्मक नतीजे सामने आए हैं. जिन लोगों को प्रथम डोज दी गई है, उन्हें दूसरी डोज देने की प्रक्रिया 29 जुलाई से शुरू की जाएगी. वैक्सीन का मानव शरीर पर साइड इफेक्ट शून्य है.
बिहार में कोरोना के गंभीर मरीजों का जीवन रक्षक बनेगा
इस नई चिकित्सा पद्धति `इकोमा` बिहार में कोरोना के गंभीर मरीजों का जीवन रक्षक बनेगा. राज्य में बढ़ते संक्रमण और कोरोना पीड़ितों की गंभीर होती शारीरिक परेशानी को देखते हुए अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) पटना ने इस नई चिकित्सा पद्धति को अपनाने का निर्णय लिया है.
बिहार में एम्स ने ही सबसे पहले प्लाज्मा थेरेपी के माध्यम से कोरोना पीड़ितों का इलाज शुरू किया है और इसमें सफलता भी मिली है. लेकिन वैसे मरीज जिन्हें कोरोना के कारण श्वास लेने में बेहद परेशानी का सामना करना पड़ रहा है और उन्हें वेंटिलेटर पर ले जाना मुश्किल है, उनके लिए अब ''इकोमा'' का सहारा लिया जाएगा. इससे अधिक से अधिक कोरोना मरीज स्वस्थ हो सकेंगे.
एम्स, पटना के नोडल अधिकारी डॉ. संजीव कुमार के अनुसार श्वांस की क्रिया अवरुद्ध होने पर तत्काल हार्ट और लंग्स को रेस्ट (स्थिर) देकर शरीर में रक्त की आपूर्ति जारी रखने की प्रक्रिया को इकोमा चिकित्सा पद्धति कहते हैं.
इस पद्धति से इलाज में मरीज को वेंटिलेटर पर ले जाने की जरूरत नहीं होती है. वर्तमान में वेंटिलेटर की सुविधा दिए जाने के बावजूद गंभीर मरीजों के जीवन की रक्षा में विशेष सफलता नहीं मिल रही है. इसलिए इकोमा के देशभर में किये जा रहे प्रयोग का अध्ययन एम्स, पटना में किया जा रहा है.
यह प्रयोग बंगलुरु और कोलकाता में किया जा रहा है. हालांकि, आईसीएमआर के दिशा- निर्देशों में इकोमा का भी जिक्र है, लेकिन अध्ययन के बाद ही प्रस्ताव तैयार कर इस चिकित्सा पद्धति से इलाज शुरू किए जाने की अनुमति मांगी जाएगी.
पटना एम्स में 40 लोगों को एंटीजन के पहले डोज का कोई साइड इफेक्ट नहीं मिला. तीन लोगों को इंजेक्शन का दर्द हुआ था. सब कुछ ठीक रहा तो इस साल नवंबर में स्वदेशी वैक्सीन का उत्पादन शुरू हो जाएगा. पटना में में 413 नए संक्रमितों की पहचान की गई.
जबकि भागलपुर में 55, मुजफ्फरपुर में 199, गया में 145 और पूर्णिया में 73 नए संक्रमित मरीज मिले. स्वास्थ्य विभाग के अनुसार 27 जुलाईं को मिले 1749 नए संक्रमितों में अररिया में 24, अरवल में 23, औरंगाबाद में 46, बांका में 16, बेगूसराय में 44, भागलपुर में 52, भोजपुर में 51, बक्सर में 52, दरभंगा में 16, पूर्वी चंपारण में 3, गया में 115, गोपालगंज में 18, जमुई में 38, जहानाबाद में 22, कैमूर में 6, कटिहार में 1, खगड़िया में 35, किशनगंज में 26, लखीसराय में 9, मधेपुरा में 29, मधुबनी में 50, मुंगेर में 27, मुजफ्फरपुर में 162, नालंदा में 121, नवादा में 17, पूर्णिया में 42, रोहतास में 78, सहरसा में 12, समस्तीपुर में 53, सारण में 74, शेखपुरा में 11, शिवहर में 11, सीतामढ़ी में 6, सीवान में 33, सुपौल में 32, वैशाली में 70 और पश्चिमी चंपारण में 16 नए संक्रमितों की पहचान की गई है.