कोरोना से जंग में दिल्ली के तीन हथियार: एंटीजन किट से टेस्टिंग, प्लाजमा थैरेपी और अस्पतालों में बिस्तर के दामों की कैपिंग
By एसके गुप्ता | Published: June 21, 2020 04:57 PM2020-06-21T16:57:06+5:302020-06-21T16:57:06+5:30
दिल्ली में कोरोना संक्रमण का सही मीटर जांचने के लिए ज्यादा टेस्टिंग और टेस्टिंग के जल्द परिणाम जरूरी हैं। जिसे ध्यान में रखते हुए पिछले सप्ताह ही यह निर्णय लिया गया है कि दिल्ली में एंटीजन किट से टेस्टिंग की जाए। कोरिया की कंपनी ने यह एंटीजन किट बनाई है।
नई दिल्ली: राजधानी दिल्ली में कोरोना के बिगड़ते हालातों को नियंत्रित करने के लिए केंद्र और राज्य सरकार कोरोना से जंग में एंटीजन किट से टेस्टिंग, प्लाजमा थैरेपी और अस्पतालों में बिस्तर के दामों की कैपिंग को लेकर काम कर रही है। दिल्ली देश में पहला ऐसा राज्य बना है जहां एंटीजन किट से टेस्टिंग शुरू हो गई है। इसके अलावा निजी अस्पतालों के बढ़ते बिल का मीटर रोकने के लिए सरकार की ओर से ट्रीटमेंट की कैपिंग लगाई गई है। जिससे कोरोना मरीजों का इलाज करने वाले हर अस्पताल में मरीजों को एक दाम पर इलाज मिलेगा। यह कैपिंग निजी अस्पतालों के 100 फीसदी कोविड बिस्तरों के लिए है। अस्पतालों के 60 फीसदी बिस्तरों को ही कोविड-19 उपचार के लिए बदला जा सकता है।
उप-राज्यपाल अनिल बैजल ने कहा है कि दिल्ली के निजी अस्पतालों में कोविड के ईलाज के लिए आइसोलेशन बेड, बिना वेंटिलेटर के आईसीयू और वेंटिलेटर के साथ आईसीयू की दरें तय करने के लिए केन्द्रीय गृह मंत्री के निर्देश पर नीति आयोग के सदस्य डा. विनोद के. पॉल की अध्यक्षता में गठित समिति ने अपनी सिफारिशें दी है। जिसके आधार पर दिल्ली आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (डीडीएमए) की बैठक में उच्च स्तरीय विशेषज्ञ समिति की सिफारिशों को मंजूरी देते हुए दिल्ली के सभी निजी अस्पतालों में आइसोलेशन बेड के लिए आठ से दस हजार रुपए, बिना वेंटिलेटर के आईसीयू बेड के लिए 13 से 15 हजार रुपए और वेंटिलेटर के साथ आईसीयू की बेड की दरें 15 से 18 हजार रुपए निर्धारित की गई है।
वर्तमान में कोविड के ईलाज में लगनेवाला शुल्क क्रमशः 24 से 25 हजार रुपए, 34 से 43 हजार रुपए और 44 से 54 हजार रुपए था। डीडीएमए के इस निर्णय से दिल्ली के लोगों को काफी राहत मिलेगी और वाजिब दरों पर उपचार मिल सकेगा। एलजी बैजल ने कहा है कि सभी अस्पताल कोविड-19 के रोगियों को भर्ती करने की प्रक्रिया में भारत सरकार के दिशा-निर्देशों का पालन करेंगे। निजी अस्पतालों के बेड के लिए अनुशंसित दरें समेकित रूप से एक पैकेज के रूप में स्वीकृत की गई हैं। जिसमें दवा और चिकित्सक विजिट और अन्य खर्च भी शामिल है। जिससे कोरोना मरीजों का इलाज करने वाले हर अस्पताल में मरीजों को एक दाम पर इलाज मिलेगा।
एंटीजन किट से टेस्टिंग :
दिल्ली में कोरोना संक्रमण का सही मीटर जांचने के लिए ज्यादा टेस्टिंग और टेस्टिंग के जल्द परिणाम जरूरी हैं। जिसे ध्यान में रखते हुए पिछले सप्ताह ही यह निर्णय लिया गया है कि दिल्ली में एंटीजन किट से टेस्टिंग की जाए। कोरिया की कंपनी ने यह एंटीजन किट बनाई है। इस किट का प्रोडक्शन मानेसर में हो रहा है। नाक से सैंपल लेने के बाद 15 से 30 मिनट में यह किट जांच रिपोर्ट देती है। एम्स और आईसीएमआर की टीम ने जब इन किट्स का परीक्षण किया तो इस किट के नतीजे 99.3 से 100 पर्सेंट तक सही मिले। टेस्ट किट को 2 डिग्री से 30 डिग्री के बीच रखना होगा। डॉक्टरों का कहना है कि इसका मतलब यह हुआ है कि किट अगर पॉजिटिव रिपोर्ट देती है तो इस पर भरोसा किया जा सकता है। हालांकि संक्रमण के फैलाव को लेकर निगेटिव रिपोर्ट वाले लोगों की आरटी पीसीआर जांच जरूरी है।
प्लाजमा थैरेपी :
ऐसे रोगी जो कोविड-19 से जंग जीत चुके हैं। ऐसे में माना जा रहा है कि उनके शरीर में कोविड-19 से लड़ने की एंटीबॉडी तैयारी हो चुकी है। उनके शरीर के ब्लड प्लाजमा को दूसरे रोगी के शरीर में चढ़ाकर कोविड-19 की जंग से जीता जा सकता है। हालांकि आईसीएमआर ने ट्रायल के तौर पर राज्यों को इसकी मंजूरी दी है। अब दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन को एक दिन पहले ही प्लाजमा थैरेपी दी गई है। जिससे उनका बुखार भी उतरा है और पहले की तुलना में उनके स्वास्थ्य में सुधार बताया जा रहा है। ऐसी संभावना जताई जा रही है कि सबकुछ ठीक रहा तो दिल्ली सरकार वैक्सीन न आने तक कोविड-19 रोगियों को प्लाजमा थैरेपी देना शुरू कर सकती है।