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कोरोना वायरसः ठंड के साथ आ सकता है कोरोना का नया पीक, यूरोप और अमेरिका में बिगड़े हालात पर स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने चेताया

By एसके गुप्ता | Updated: October 13, 2020 20:40 IST

नीति आयोग के सदस्य और कोरोना टास्क फोर्स के चेयरमैन डा. वीके पॉल ने मंगलवार को स्वास्थ्य मंत्रालय की प्रेसवार्ता में चिंता जाहिर करते हुए कहा कि कोरोना एक रेस्पिरेटरी वायरस है।

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ठळक मुद्देसच है कि कोरोना वायरस के बारे में विशेषज्ञों के पास ज्यादा जानकारी नहीं है। ठंड बढ़ने के साथ ही पश्चिमी देशों में कोरोना का प्रकोप दोबारा से पांव पसारने लगा है।सर्दी में ठंड के कारण अक्सर बच्चे और बूढ़ों में सर्दी, जुकाम और निमोनिया की शिकायत बढ़ने लगती हैं।

नई दिल्लीः यह अच्छी बात है कि भारत में कोरोना पॉजिटिविटी दर कम हो रही है। यहां कोरोना से ठीक होने वाले लोगों की संख्या में लगातार बढ़ोतरी हो रही है।

लेकिन यह भी सच है कि कोरोना वायरस के बारे में विशेषज्ञों के पास ज्यादा जानकारी नहीं है। ठंड बढ़ने के साथ ही पश्चिमी देशों में कोरोना का प्रकोप दोबारा से पांव पसारने लगा है। नीति आयोग के सदस्य और कोरोना टास्क फोर्स के चेयरमैन डा. वीके पॉल ने मंगलवार को स्वास्थ्य मंत्रालय की प्रेसवार्ता में चिंता जाहिर करते हुए कहा कि कोरोना एक रेस्पिरेटरी वायरस है।

सर्दी में ठंड के कारण अक्सर बच्चे और बूढ़ों में सर्दी, जुकाम और निमोनिया की शिकायत बढ़ने लगती हैं। कोरोना और सर्दी में जुकाम के कारण होने वाले संक्रमण के लक्षण समान हैं। यही कारण हैं कि यूरोप के कई देश और अमेरिका में कोरोना का नया पीक देखने को मिल रहा है।

डा. पॉल ने कहा कि आगे त्योहारी सीजन है। नवरात्र के साथ ईद, दिवाली, क्रिसमिस और नया साल आ जाएगा। ठंड की आहट के साथ हर धर्म के लोगों के त्यौहार आ रहे हैं। ऐसा ही मौसम कोरोना वायरस को भी प्रिय है। यह दो से चार, चार से आठ और आठ से 16 लोगों के फैलता है। इससे बचाव का तरीका यही है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ओर से कोराना वार पर शुरू किए गए जनांदोलन का हिस्सा बनते हुए।

कोरोना वैक्सीन आने तक तीन मंत्रों का सख्ती से पालन करें। पहला मास्क पहनना, दूसरा दो गज की दूरी और तीसरा हाथों को बार-बार साबुन से धोना। अगर ऐसा नहीं किया तो मजबूरी में जिस तरह कई देशों में फिर से लॉकडाउन होने लगा है। लोग फिर से घरों में बंद होने लगे हैं। वह स्थिति यहां दोबारा न आए इस बात का ध्यान रखें। क्योंकि आर्थिक स्थिरता और सुधार के लिए जरूरी है कि हम कोरोना से बचाव के लिए नियमों का सख्ती से पालन करें।

सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय के सचिव अमित खरे ने कहा कि प्रधानमंत्री की ओर से चलाए गए अभियान जब तक दवाई नहीं तब तक ढिलाई नहीं को जनांदोलन के रूप में चलाया जा रहा है। जिसके तहत 90 करोड़  लोगों को अभियान से जोड़कर जागरूक करने का लक्ष्य रखा गया है।

इसमें स्कूल कॉलेजों के छात्र, शिक्षक, आंगनवाड़ी वर्कर व अन्य सभी मंत्रालयों के लोगों को अभियान से जोड़ा गया है। उन्होंने मीडिया से भी अपील की कि वह मास्क पहनने की मुहिम और दो गज की दूरी के नियमों को लेकर जन जागरूकता अभियान चलाए। 

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