लाइव न्यूज़ :

एम्स निदेशक रणदीप गुलेरिया बोले-सभी का वैक्सीनेशन होने के बाद होगी बूस्टर डोज की आवश्यकता, इम्यूनिटी हो जाएगी डबल स्ट्रांग 

By वैशाली कुमारी | Updated: July 25, 2021 22:12 IST

एम्स के निदेशक डॉ रणदीप गुलेरिया ने कहा बूस्टर डोज लेने से मजबूर होगी इम्यून सिस्टम, कोरोना नये वेरिएन्ट को देगा मात।

Open in App
ठळक मुद्देगुलेरिया ने कहा कि कोरोना को देखकर लगता है कि भविष्य मे इसके और अधिक वेरिएंट हो सकते हैं। वैक्सीन खरीद में देरी के लिए एम्स प्रमुख ने कहा कि यह लम्बा प्रोसेस होता है इस कारण देरी होने की सम्भावना बनी रहती है

देश में कोरोना की तीसरी लहर की आशंका और वेरिएंट के मद्देनजर सरकार वैक्सीनेशन पर लगातार जोर दे रही है। इस बीच एम्स के निदेशक डॉ. रणदीप गुलेरिया ने कहा कि वर्तमान समय में कोरोना को देखकर ऐसा लगता है कि भविष्य मे इसके और अधिक वेरिएंट हो सकते हैं। जिससे बचने के लिए सरकार को बूस्टर डोज की भी जरूरत पड़ सकती है। क्योंकि समय बीतने के साथ लोगों में वैक्सीनेशन की इम्यूनिटी कम हो सकती है। जिसके कारण कोरोना के नए वेरिएंट सरकार के लिए सरदर्द बन सकते हैं। इससे बचने के लिए बूस्टर डोज मददगार साबित हो सकती है।

दूसरी पीढ़ी के टीके हो सकते हैं प्रभावी एम्स के निदेशक डॉ रणदीप गुलेरिया का कहना है कि इस समय हमारे पास जो टीके उपलब्ध हैं। उनसे भविष्य में आने वाले दूसरी पीढ़ी के टीके इम्युनिटी के मामले में बेहतर होंगे। कोरोना के नये वेरिएंट के खिलाफ वह ज्यादा असरदार साबित हो सकते हैं। गुलेरिया का कहना है कि बूस्टर वैक्सीन का परीक्षण पहले से ही चल रहा है । इसका प्रयोग एक बार पूरी आबादी का वैक्सीनेशन हो जाने के बाद सभी को बूस्टर वैक्सीन के तौर पर देना होगा, जिससे ये खुराक लोगों को हर वेरिएंट से लड़ने के लिए तैयार करेगी।

बच्चों के लिए सितम्बर से उपलब्ध हो सकती है वैक्सीन डॉ गुलेरिया का कहना है कि हमारे देश में सितंबर तक बच्चों का वैक्सीनेशन शुरू किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि यह कोरोना नए वेरिएंट से लड़ने में भी सक्षम होगा। डॉ गुलेरिया ने कहा कि बच्चों के लिए भारत बायोटेक परीक्षण कर रहा है और सितंबर तक बच्चो के लिए वैक्सीन उपलब्ध होने की उम्मीद है। फाइजर वैक्सीन को अप्रूवल मिल चुका है, सितंबर तक बच्चों का टीकाकरण शुरू कर दिया जाएगा।

वैक्सीन खरीद में देरी के लिए एम्स प्रमुख ने कहा कि यह काफ़ी लम्बा प्रोसेस होता है। इस कारण देरी होने की संभावना बनी रहती है। उन्होंने कहा, ‘मुझे लगता है कि कुछ बातों का खयाल रखकर हम सरकार का सहयोग कर सकतें हैं। इसके साथ ही वैक्सीन निर्माता कंपनियों के पास अतिरिक्त डोज भी उपलब्ध होनी चाहिए, जिससे हम वैक्सीनेशन के लक्ष्य को जल्दी से जल्दी प्राप्त कर सकें।

टॅग्स :कोरोना वायरसकोविड-19 इंडिया
Open in App

संबंधित खबरें

स्वास्थ्यCOVID-19 infection: रक्त वाहिकाओं 5 साल तक बूढ़ी हो सकती हैं?, रिसर्च में खुलासा, 16 देशों के 2400 लोगों पर अध्ययन

भारत'बादल बम' के बाद अब 'वाटर बम': लेह में बादल फटने से लेकर कोविड वायरस तक चीन पर शंका, अब ब्रह्मपुत्र पर बांध क्या नया हथियार?

स्वास्थ्यसीएम सिद्धरमैया बोले-हृदयाघात से मौतें कोविड टीकाकरण, कर्नाटक विशेषज्ञ पैनल ने कहा-कोई संबंध नहीं, बकवास बात

स्वास्थ्यमहाराष्ट्र में कोरोना वायरस के 12 मामले, 24 घंटों में वायरस से संक्रमित 1 व्यक्ति की मौत

स्वास्थ्यअफवाह मत फैलाओ, हार्ट अटैक और कोविड टीके में कोई संबंध नहीं?, एम्स-दिल्ली अध्ययन में दावा, जानें डॉक्टरों की राय

भारत अधिक खबरें

भारतहाथियों के झुंड के टकराई राजधानी एक्सप्रेस, पटरी से उतरे कई डब्बे; 8 हाथियों की मौत

भारतMP News: भोपाल में आज मेट्रो का शुभारंभ, जानें क्या है रूट और कितना होगा टिकट प्राइस

भारतप्रदूषित हवा का मसला केवल दिल्ली का नहीं है...!

भारतपरमाणु ऊर्जा का उत्पादन बढ़ाने के साथ जवाबदेही भी जरूरी

भारतलोकसभा, विधानसभा के बाद स्थानीय निकाय चुनावों के बीच नेताओं की आवाजाही?, राजनीति की नई शक्ल बनता दलबदल