ICMR ने खराब किट खरीदने के लिए नियमों को बदला! चीन से रैपिड एंटीबॉडी टेस्ट किट खरीदने की जांच का आदेश

By हरीश गुप्ता | Published: May 5, 2020 06:38 AM2020-05-05T06:38:51+5:302020-05-05T06:45:27+5:30

आईसीएमआर ने किट खरीदने के लिए 24 मार्च को जारी निविदा में एक नया खंड जोड़ा था. जांच से पता चला है कि आईसीएमआर ने पांच लाख किट के लिए भारत आधारित आपूर्तिकर्ता रखने वाले किसी भी विनिर्माता से बोलियां आमंत्रित कीं.

Corona: Order for inquiry to buy rapid antibody test kit from China, ICMR changed rules for purchasing kit | ICMR ने खराब किट खरीदने के लिए नियमों को बदला! चीन से रैपिड एंटीबॉडी टेस्ट किट खरीदने की जांच का आदेश

चीन सेआरएटी किट की आपूर्ति काफी विवाद में है. (प्रतीकात्मक तस्वीर)

Highlights चीन से कोरोना वायरस के लिए पांच लाख दोषपूर्ण रैपिड एंटीबॉडी टेस्ट (आरएटी) किट की आपूर्ति काफी विवाद में है. मामले की गंभीरता के कारण इसकी जांच सीबीआई के पाले में जा सकता है. भारत के औषधि महानियंत्रक ने पहले ही इस मेडिकल घोटाले की आंतरिक जांच का आदेश दे दिया है.

नई दिल्ली: चीन से कोरोना वायरस के लिए पांच लाख दोषपूर्ण रैपिड एंटीबॉडी टेस्ट (आरएटी) किट की आपूर्ति काफी विवाद में है. मामले की गंभीरता के कारण इसकी जांच सीबीआई के पाले में जा सकता है. भारत के औषधि महानियंत्रक ने पहले ही इस मेडिकल घोटाले की आंतरिक जांच का आदेश दे दिया है. भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) ने चीन की उन दो कंपनियों को काली सूची में डाल दिया है जो दो भारतीय मध्यस्थों के जरिये इन किटों की मूल आपूर्तिकर्ता थीं.

यह सामने आया है कि आईसीएमआर ने किट खरीदने के लिए 24 मार्च को जारी निविदा में एक नया खंड जोड़ा था. जांच से पता चला है कि आईसीएमआर ने पांच लाख किट के लिए भारत आधारित आपूर्तिकर्ता रखने वाले किसी भी विनिर्माता से बोलियां आमंत्रित कीं.

हालांकि, 11 अप्रैल को जब आईसीएमआर ने 45 लाख और किट के लिए दूसरी निविदा जारी की, तो बोली लगाने वालों के लिए पहली शर्त के रूप में आयात लाइसेंस जरूरी कर दिया. सवाल उठता है कि एक ही प्रकार के किट के लिए दो नियम क्यों बनाए गए.

दूसरी बात यह है कि इसका किसी के पास सुराग नहीं है कि 45 लाख किट खरीद का क्या हुआ, जबकि चीन से पांच लाख रैपिड एंटीबॉडी टेस्ट किट खरीद घोटाले के रूप में उजागर हुआ है. सभी 16 कंपनियों ने पहले टेंडर के लिए आवेदन किया गया था, जिनमें से सात चीन की विनिर्माता जबकि 9 भारतीय आपूर्तिकर्ता थीं.

भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद ने अब राज्यों को चीन की दोनों कंपनियों से खरीदे गए रैपिड एंटीबॉडी टेस्ट किटों का इस्तेमाल नहीं करने की सलाह दी है. साथ ही राज्यों को इन्हें उन्हें आपूर्तिकर्ताओं को लौटाने के लिए भी कहा गया है. हालांकि, सूत्रों का कहना है कि चीन के बाकी आपूर्तिकताअरं को दूर नहीं किया गया है.

245 की दर पर आयात कर 600 में बेचे  

इसका खुलासा पहले ही हो चुका है कि चीन की दो कंपनियों ग्वांगझाऊ वोंडफो बॉयोटेक और झुहाई लिवजॉन डायग्नोस्टिक से ये किट 245 रुपए की दर पर आयात किए गए और वितरकों को 420 रुपए के दाम पर बेचे गए. वितरकों ने 600 रुपए प्रत्येक किट के दाम पर भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद को बेचा. आईसीएमआर की ओर से मार्च में किट के आयात को मंजूरी देने के बाद कई राज्यों ने परीक्षण के लिए इन्हें सीधे बड़े पैमाने पर खरीदा. तमिलनाडु, राजस्थान, गुजरात और पश्चिम बंगाल इनमें शामिल हैं. वहीं, छत्तीसगढ़ ने दक्षिण कोरिया की एसडी बॉयोसेंसर से 377 रुपए प्रति किट के हिसाब से सीधे एंटीबॉडी टेस्ट किट खरीदे.

Web Title: Corona: Order for inquiry to buy rapid antibody test kit from China, ICMR changed rules for purchasing kit

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