कोरोना : दिल्ली सरकार को 33 निजी अस्पतालों में 80 प्रतिशत आईसीयू बेड आरक्षित करने की अनुमति मिली

By भाषा | Updated: November 12, 2020 20:29 IST2020-11-12T20:29:31+5:302020-11-12T20:29:31+5:30

Corona: Delhi government gets permission to reserve 80 percent ICU beds in 33 private hospitals | कोरोना : दिल्ली सरकार को 33 निजी अस्पतालों में 80 प्रतिशत आईसीयू बेड आरक्षित करने की अनुमति मिली

कोरोना : दिल्ली सरकार को 33 निजी अस्पतालों में 80 प्रतिशत आईसीयू बेड आरक्षित करने की अनुमति मिली

नयी दिल्ली, 12 नवंबर दिल्ली उच्च न्यायालय ने बृहस्पतिवार को आप सरकार को 33 निजी अस्पतालों में 80 प्रतिशत आईसीयू बेड कोविड-19 मरीजों के लिए आरक्षित करने की अनुमति प्रदान कर दी। इसके साथ ही अदालत ने कहा कि राष्ट्रीय राजधानी में कोरोना वायरस के मामले काफी बढ़ रहे हैं।

दिल्ली में कोविड-19 के मामलों में वृद्धि पर चिंता जताते हुए अदालत ने चीजों को ‘अनलॉक’ करने के लिए विभिन्न कदम उठाए जाने पर आप सरकार से सवाल किया।

न्यायमूर्ति हिमा कोहली और न्यायमूर्ति सुब्रमणियम प्रसाद की पीठ ने दिल्ली सरकार की अपील को स्वीकार कर लिया जिसमें 80 प्रतिशत आईसीयू बेड आरक्षित करने के सरकार के फैसले पर एकल न्यायाधीश के अंतरिम आदेश को चुनौती दी गयी है।

उच्च न्यायालय ने एकल न्यायाधीश द्वारा लगायी गयी रोक को हटा लिया और मामले को एकल पीठ के समक्ष 26 नवंबर को सुनवाई के लिए सूचीबद्ध कर दिया। उस समय तक 80 प्रतिशत आईसीयू बेड आरक्षित करेंगे।

उच्च न्यायालय दिल्ली सरकार की एक याचिका पर सुनवाई कर रहा था जिसमें अनुरोध किया गया है कि कोरोना वायरस के मामलों में वृद्धि के मद्देनजर कम से कम 15 दिनों के लिए 33 निजी अस्पतालों में 80 प्रतिशत आईसीयू बेड कोविड​​-19 मरीजों की खातिर आरक्षित करने का उसे अधिकार हो।

दिल्ली में बुधवार को कोरोना वायरस के 8,593 नए मामले सामने आए जो एक दिन का सर्वाधिक स्तर है। नगर में संक्रमण के 4.59 लाख से अधिक मामले सामने आ चुके हैं और 7,228 मरीजों की मौत हो चुकी है।

उच्च न्यायालय ने सुनवाई के दौरान कहा कि नागरिकों के स्वास्थ्य के लिए राज्य जिम्मेदार है और इसके लिए निजी अस्पतालों सहित अन्य को शामिल करना होगा।

अदालत ने कहा कि दिल्ली की स्थिति काफी गतिशील है और जहां तक कोविड-19 संक्रमण के प्रसार और मरीजों के अस्पतालों में भर्ती होने की बात है, स्थिति से निपटने के लिए दिल्ली सरकार को शहर की नब्ज पर हाथ रखना चाहिए।

पीठ ने कहा कि जब 22 सितंबर को आदेश जारी किया था, उस समय दिल्ली में कोविड-19 संक्रमण का आंकड़ा करीब तीन-चार हजार रोगियों के आसपास था। लेकिन अब स्थिति काफी बदल गयी है और यह संख्या दोगुने से भी अधिक हो गयी है।

'एसोसिएशन ऑफ हेल्थकेयर प्रोवाइडर्स' की ओर से पेश वरिष्ठ वकील मनिंदर सिंह ने सरकार की अपील का विरोध करते हुए कहा कि अगर 80 फीसदी आईसीयू बेड आरक्षित रखे जाते हैं, तो कोविड मरीज नहीं रहने पर अस्पतालों को आईसीयू बेड खाली रखना होगा। इससे अन्य रोगियों को परेशानी होगी।

ये 33 अस्पताल इसी एसोसिएशन के सदस्य हैं।

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Web Title: Corona: Delhi government gets permission to reserve 80 percent ICU beds in 33 private hospitals

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