कोरोना संकट: बार्डर सील होने से अस्पतालों में नहीं पहुंच पा रहे स्वास्थ्य कर्मी, केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन ने जताई चिंता
By एसके गुप्ता | Published: April 29, 2020 05:22 AM2020-04-29T05:22:44+5:302020-04-29T05:22:44+5:30
दिल्ली के अस्पतालों में काम करने वाले अधिकांश लोग हरियाणा के गुडगांव, झज्जर, पानीपत, उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद, नोएडा और ग्रेटर नोएडा से आते हैं।
कोविड-19 में राज्यों की सीमाएं सील होने से अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स), सफदरजंग, जीबी पंत और राम मनोहर लोहिया सहित दिल्ली के अस्पतालों में स्वास्थ्य कर्मी नहीं पहुंच पा रहे हैं। ऐसे स्वास्थ्य कर्मी जो अस्पताल आ भी रहे हैं वह इस बात को लेकर नाराज हैं कि अस्पताल प्रशासन की ओर से उन्हें कोविड-19 संक्रमण से बचाव के लिए मास्क, पीपीई किट और ग्लव्स उपलब्ध नहीं कराए जा रहे हैं। रात में ड्यूटी करने वाले नर्सिंग स्टाफ को खाना तक नहीं दिया जा रहा है।
दिल्ली के अस्पतालों में काम करने वाले अधिकांश लोग हरियाणा के गुडगांव, झज्जर, पानीपत, उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद, नोएडा और ग्रेटर नोएडा से आते हैं। उत्तर प्रदेश और हरियाणा सरकार के बॉर्डर सील करने के कारण अस्पतालों में स्टाफ की कमी हो गई है।
हालांकि स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से कोविड-19 जैसी महामारी के दौरान संक्रमण न फैले इससे बचने के लिए रोटेशन में ड्यूटी करने के निर्देश दिए हैं। जिससे किसी भी स्वास्थ्य कर्मी को लगातार काम करने की बजाए बीच-बीच में घर या होटल में जाकर अपने को अच्छे से नहाकर साफ करने और आइसोलेट करने का पूरा समय मिल सके। लेकिन स्टाफ की कमी के कारण ऐसा नहीं हो पा रहा है।
ऐसे में एम्स सहित अन्य अस्पतालों में चिकित्सकों को लगातार काम करना पड़ रहा है। इससे स्वास्थ्य कर्मी अपने को संक्रमण से बचाने में नाकाम साबित हो रहे हैं और उनमें घबराहट बनी हुई है।
जीबी पंत अस्पताल में मंगलवार को स्वास्थ्य कर्मियों ने जमकर हंगामा किया। उन्होंने कहा कि हम करोनो की लडाई में पीछे नहीं हैं। लेकिन हमें अपने जीवन का अधिकार भी है। अस्पताल के चिकत्सा अधीक्षक और एमडी केवल फरमान जारी कर रहे हैं।
सरकार की ओर से तरह-तरह की सुविधाएं देने के दावे किए जा रहे हैं। लेकिन यहां काम करने वाले लोगों को संक्रमण से बचाव के लिए मास्क, पीपीई किट, ग्लव्स जैसी चीजों से वंचित किया जा रहा है। स्वास्थ्य सेवा में लगे स्वास्थ्य कर्मियों को खाना तक नहीं दिया जा रहा है। कई स्वास्थ्य कर्मी बॉर्डर सील होने के कारण अस्पताल नहीं आ पा रहे हैं तो हमें ड्यूटी में रोटेशन तक नहीं मिल रहा है।
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्द्धन ने चिंता जाहिर की
दिल्ली की स्थित पर चिंता जाहिर करते हुए केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्द्धन ने मंगलवार को उपराज्यपाल अनिल बैजल, दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन, निगम आयुक्तों और अस्पतालों के चिकित्सा अधीक्षकों के साथ वीडियों कॉन्फ्रेंसिंग कर हालातों पर चिंता जाहिर की। उन्होंने कहा कि दिल्ली में लगातार हॉटस्पॉट की संख्या बढ़कर 100 हो गई है।
दिल्ली में 13 पेरामेडिकल स्टाफ, 26 नर्स, 33 चिकत्सक और 24 कार्यकर्ता कोविड-19 से प्रभावित हैं। उन्होंने उपराज्यपाल से कहा कि अस्पतालों में स्वास्थ्य कर्मियों को उचित सुविधा के साथ कोरोना संक्रमण को नियंत्रित करने की दिशा में जागरूकता भी फैलाई जाए। साथ ही रेड और ऑरेंज जोन में सोशन डिस्टेंसिंग का सख्ती से पालन कराते हुए सेनिटाइजेशन का काम ज्यादा मुस्तैदी से किया जाए। जिससे संक्रमण को रोकने में मदद मिलेगी।