नई दिल्लीः कोविड-19 वायरस के खिलाफ चल रही जंग में कोरोना वॉरियर्स के बाद अब देश को वैक्सीन वॉरियर्स की सेना की जरूरत है. भारतीय औषधि महानियंत्रक (डीसीजीआई) और केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने अनुमान जताया है कि देश को कोविड-19 वायरस के लिए तैयार हो रही वैक्सीन के ह्यूमन ट्रायल (मानव परीक्षण) के लिए 10 हजार लोगों की आवश्यकता है. यह संख्या बढ़ सकती है क्योंकि मानव इतिहास में सबसे अधिक मांग वाले इस टीके का कई कंपनियां परीक्षण शुरू कर सकती हैं.
मानव परीक्षण को लेकर लोगों की जबरदस्त प्रतिक्रिया देखने को मिली है. दिल्ली के एम्स में परीक्षण के लिए 375 लोगों की आवश्यकता थी जबकि 2000 लोगों ने परीक्षण के लिए बतौर वॉलेंटियर आवेदन किए. आगामी एक वर्ष में सात विभिन्न फार्मा कंपनियां के मानव परीक्षण के विभिन्न चरणों से वैक्सीन वॉरियर्स गुजरेंगे.दिल्ली एम्स में यह परीक्षण कल से जबकि गोवा के रेडकर अस्पताल में आज से शुरू होगा. कुल मिलाकर यह परीक्षण देशभर के 12 अलग-अलग शहरों में आरंभ होगा और 600 लोगों को भारत बॉयोटेक तथा आईसीएमआर के संयुक्त रूप से तैयार टीके 'कोवैक्सीन' का पहला डोज दिया जाएगा. इसके बाद टीके के दूसरे हैवी डोज के लिए इतनी ही संख्या में लोगों की आवश्यकता पड़ेगी. इसके बाद शुरू होने वाले दूसरे चरण के परीक्षण के लिए 375 वैक्सीन वॉरियर्स टीका लगवाएंगे.
क्लीनिकल ट्रायल है जोखिम भरा
परीक्षण कराने वाले इन लोगों को योद्धा या वॉरियर्स इसलिए कहा जा रहा है क्योंकि यह क्लीनिकल ट्रायल स्वास्थ्य और कल्याण के लिए जोखिम भरा है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी व्यक्तिगत रूप से इस परीक्षण की प्रगति की निगरानी कर रहे हैं और उन्होंने ट्रायल को लेकर प्रधान वैज्ञानिक सलाहकार और टास्क फोर्स के सह अध्यक्ष से बातचीत की है. इस टास्क फोर्स में नीति आयोग के सदस्य डॉ. वी.के.पॉल के अलावा डीआरडीओ, आयुष, आईसीएमआर के सदस्य तथा स्वास्थ्य सेवा के निदेशक शामिल हैं.
दो वैक्सीन को परीक्षण की मिली अनुमति
डीसीजीआई ने दो वैक्सीन को परीक्षण की अनुमति दी है. एक भारत बायोटेक ने तैयार की है जबकि दूसरी वैक्सीन जायडस कैडिला हैल्थ केयर लि. ने बनाई है. कम से कम पांच अन्य कंपनियां जिनमें पैनासिया बॉयोटेक, माइनवैक्स और बॉयोलॉजिकल ई भी अपने वैक्सीन के ट्रायल की तैयारी में हैं. इसके अलावा सीरम इंस्टीट्यूट ऑक्सफोर्ड वैक्सीन को लांच करने की कगार पर है यह परीक्षण तीसरे चरण में चल रहा है.
एक कंपनी को होगी 2000 लोगों जरूरत
भारत बायोटेक ने अपनी वैक्सीन का ह्यूमन ट्रायल देश के 12 स्थानों पर 1200 लोगों के साथ आरंभ किया है. सूत्र बताते हैं कि एक कंपनी को परीक्षण के लिए 1800 से 2000 लोगों की आगामी छह माह से लेकर एक वर्ष तक आवश्यकता पड़ेगी. और दो कंपनियां आरंभ करेंगी ट्रायल डीसीजीआई डॉ. वी. जी. सोमानी ने फिलहाल यह बताने से इनकार किया है कि कोविड-19 वायरस के लिए तैयार हो रहे वैक्सीन का कितनी और कंपनियां मानव परीक्षण करेंगी. सूत्रों का कहना है कि जल्द ही दो और कंपनियां टीके के लिए मानव परीक्षण आरंभ कर सकती हैं.